अमृतसर के गोल्डन गेट के पास प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि वे भगवंत मान की तानाशाही के खिलाफ लड़ेंगे। उनका कहना है कि भगवंत मान सरकार ने 26 मार्केट कमिटी को भंग करने का निर्णय लिया है, जो किसानों और मजदूरों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने भगवंत मान को किसानों के पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया।
Amritsar: Farmer-labor organizations stages a protest against the govt's decision to dissolve 26 market committees led by Bhagwant Mann's govt. pic.twitter.com/cMEHlus7pd
— IANS (@ians_india) March 30, 2024
हा हा हा! काले कनून थे न, अब झेलो। जो ऐसे आंदोलनों को हर दिन हवा देते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि जिनका दैनिक कार्य ही आंदोलन करना है, वो एक दिन आपकी भी गर्दन पर हाथ डालेंगे।
— विनीत कुमार (भगवान जी) (@vinitkumar_555) March 31, 2024
एक किसान ने कहा, “किसान-मजदूर भगवंत मान सरकार की अर्थी जला रहे हैं। भगवंत मान की सरकार ने पंजाब के किसानों के पीठ में छुरा घोंपा है। हमारा नुकसान किया है। उन्होंने हमारे पंजाब की 26 मार्केट कमिटियाँ तोड़ दी हैं। उन्होंने सारा काम 9 कॉरपोरेट को सौंप दिया है। इसके विरोध में हम भगवंत मान सरकार की अर्थी जला रहे हैं।”
उस किसान ने आगे कहा, अपनी सरकार बचाने के लिए इन्होंने (भगवंत मान ने) पंजाबियों का गला घोंट दिया। मैं आढ़तियों से आह्वान करता हूँ कि अगर जिंदा रहना है मंडी में तो इनके खिलाफ बोलिए। मार्केट कमिटी के मुलाजिमों से बोलूँगा कि इनके खिलाफ आइए। आने समय में निर्णय करेंगे कि भगवंत मान सरकार के खिलाफ क्या फैसला करना है।”
सामने आए वीडियो में यह किसान कहता है, “हम ये भी निर्णय करेंगे कि आम आदमी पार्टी को गाँव में घुसने देना है कि नहीं देना है, अगर ये नोटिफिकेशन रद्द नहीं किया गया। इसके साथ-साथ हम भगवंत मान सरकार को कहना चाहेंगे कि अगर ये फैसला वापस नहीं लेते हो तो हमारा सामना आपको भी करना पड़ेगा।
पंजाब के इस किसान ने कहा आम आदमी पार्टी की सरकार ने मंडियों को कारपोरेट का यार्ड बना दिया है। साल 2023-24 की गेहूँ खरीदने, बेचने और उसे स्टोर करने का फैसला कारपोरेट को दिया है। चेतावनी देते हुए उसने कहा कि इसका विरोध अब पंजाब में चरम सीमा पर पहुँचेगा।
पंजाब सरकार ने मंडी बोर्ड ऐक्ट 1961 में संशोधन किया है और मार्केट कमिटियों को भंग करके इसे दूसरे विभागों के साथ मर्ज कर दिया है। इससे पंजाब के किसान भड़क गए हैं और भगवंत मान सरकार पर तानाशाही करने और किसानों-मजदूरों के खिलाफ काम करने का आरोप लगा रहे हैं।
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