यह सत्य है कि 139 साल की बूढ़ी कांग्रेस की कब्र में दफ़न होने से पहले आज ऐसी दुर्दशा हो गई है कि हर राज्य में लोकसभा चुनाव के क्षेत्रीय दलों पर निर्भर हो गई सीटों के लिए यानी उन दलों से जो कुछ रुखा सूखा बचा खुचा मिलेगा, उससे काम चलाना पड़ रहा है। आतंक से प्यार का तो पुराना नाता है जिसे अब नक्सलियों की जयकार करके और उन्हें शहीद बता कर जताना पड़ रहा है।
सुप्रिया श्रीनेत ने छत्तीसगढ़ में मारे गए 29 आतंकी नक्सलियों को शहीद बता कर भारतीय जवानों का घोर अपमान किया है।
सुप्रिया का मतलब है नक्सली जैसे आज़ादी की लड़ाई लड़ते हुए “शहीद” हो गए और भारत उनके आज़ादी के आंदोलन को कुछ रहा है।
आतंकवाद और आतंकियों से कांग्रेस का रिश्ता कोई नई बात नहीं है। कांग्रेस बिन लादेन को “ओसामा जी” कहती है और हाफिज सईद को “हाफिज साहब” कहती है। आतंकी पाकिस्तान से मदद मांगती है कांग्रेस मोदी को हटाने के लिए। इसका मुख्य कारण सोशल मीडिया पर संलग्न फोटो बहुत वायरल हो रही है कि कांग्रेस का इस्लाम से कितना गहरा सम्बन्ध है, लेकिन इस्लाम के ही मानने वाले कांग्रेस को नकार रहा है। जबकि राहुल गांधी RSS को मिस्र के Islamic Brotherhood जैसे आतंकी संगठन जैसा बताता है जबकि उस संगठन को इस्लामिक देशों ने ही बैन किया हुआ है जिनमे शामिल है।
Bahrain, Egypt, Russia, Syria, Saudi Arabia and the UAE - हमास के साथ खड़ी है कांग्रेस वर्षों से।यही वजह की कांग्रेस अपने कार्यकाल में जिस पाकिस्तान से भारतीयों को डराती रहती थी, 2014 के बाद वही पाकिस्तान आज भीगी बिल्ली बना हुआ है। इस्लामिक आतंकवादियों को संरक्षण देने अरबों वर्ष पुराने सनातन धर्म को 'हिन्दू आतंकवाद' और 'भगवा आतंकवाद' के नाम से कलंकित करती रही।
RSS को किसी देश ने बैन नहीं किया, उसे केवल कांग्रेस सरकार ने 3 बार बैन किया लेकिन अदालत ने बैन को गैर कानूनी बता कर कांग्रेस के मुंह पर थप्पड़ मारा हर बार।
याद कीजिए कश्मीर में आतंकियों को मरने पर 1 करोड़ मुआवजा देने की घोषणा भी कांग्रेस ने की थी। पाकिस्तान के आतंक पर ढील देती रही कांग्रेस और देश भर भी पाकिस्तान खुनी खेल खेलता रहा मगर कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद की नई परिभाषा गढ़ दी।
आज मिलिंद देवड़ा ने कहा है कि कांग्रेस काफी हद तक “वामपंथी” हो गई है।
कांग्रेस में सबसे ज्यादा तो “अंग्रेजियत” घुसी हुई है विदेशी हुकूमत अंग्रेजों की अभी भी कांग्रेस पर राज कर रही है। अभी भी कांग्रेस अंग्रेज़ों की गुलाम है और देश को भी गुलाम बनाना चाहती है लेकिन अब कांग्रेस चाहती है चीन का भारत पर राज।
कांग्रेस में केवल “वामपंथी” ही नहीं है, कांग्रेस में इस्लामिक genes हावी हैं। इसके अलावा original mughals के भी अंश कूट कूट कर भरे हैं।
इस्लाम और Mughals दोनों अलग अलग हैं। मुग़ल वो हैं जो विदेश से आए हिन्दू महिलाओं के साथ जबरन औलादें पैदा की। कांग्रेस और विपक्षी दलों में अनेक लोग उन्हीं के वंशज है और ये ही मुग़ल हैं। कांग्रेस जवाब दे कि गयासुद्दीन, मुग़ल समय में दिल्ली कोतवाल, और मोती लाल नेहरू परिवार से क्या सम्बन्ध है? क्या फिरोज जहांगीर खान राहुल और प्रियंका का दादा नहीं? जब फिरोज सोनिया गाँधी का ससुर और राहुल-प्रियंका का दादा है, फिर किस आधार पर हिन्दू हो गए? मैमुना बेगम(इंदिरा गाँधी का निकाहनामा में नाम) कब हिन्दू बन गयी?
इसके अलावा कांग्रेस में सनातन और हिन्दू विरोध की कीड़े भरे पड़े हैं और हाथ मिलाया हुआ है। अब DMK के साथ और बाकी इंडी ठगबंधन के दलों को भी इस घ्रणित सोच में मिला लिया है।
राहुल गांधी ने आज भगवान कृष्ण के अस्तित्व को भी नकार दिया और मोदी के समुद्र में द्वारका नगरी की पूजा करने को भी बेकार कह दिया तो दूसरी तरफ जयराम रमेश ने प्रतिज्ञा करी कि हम लोग कभी राम मंदिर नहीं जाएंगे। यह बात तो घोषणा पत्र में की चाहिए थी मूर्खों।
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