क्या केजरीवाल देश की राजनीति में कोई बदलाव लाया और देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में कुछ योगदान किया ? देखिए लेखक का वायरल वीडियो

 सुभाष चन्द्र

अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी केजरीवाल की तुलना भगत सिंह से करते रहते हैं। जबकि केजरीवाल शहीद भगत सिंह के पांव की धूल भी नहीं। अभी दो दिन पहले भी अरविंद केजरीवाल को भगत सिंह का शिष्य बताते हुए एक ऑनलाइन कैंपेन चलाया गया था।

लोग कहते हैं केजरीवाल राजनीति बदलने और भ्रष्टाचार ख़त्म करने आया था मगर खुद बदल गया। लेकिन उसकी कुछ हरकतों को देखा जाए तो पता चलेगा कि उसने बहुत कुछ किया है। सुनें कैसे -

गिरफ्तार होने वाला केजरीवाल पहला मुख्यमंत्री बना जबकि पहले सभी मुख्यमंत्री लालू यादव, जयललिता और हेमंत सोरेन ने गिरफ्तार होने से पहले त्यागपत्र दिया। ये क्या कम बदलाव है राजनीति में जो CM रहते हुए गिरफ्तार हुआ

लेखक 
जेल से सरकार चलाने वाला पहला मुख्यमंत्री बना। कोई कर सकता है क्या ऐसा? यह बदलाव लाया केजरीवाल राजनीति में, ये कोई छोटी बात नहीं है

आज के विपक्ष के सारे नेताओं को जो चोर कहता रहा और आज उन्हीं के साथ “गठबंधन” में है। यह है राजनीति में बदलाव

सोनिया गांधी, लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, करूणानिधि, ठाकरे, बादल, फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती सबको परिवारवादी कहता रहा। अब खुद अपनी पत्नी को राजनीति में सेट करने चला है और सभी परिवारवादियों के साथ “गठबंधन” किये हुए है

सब पर Corruption के आरोप लगाता रहा और मांग करता रहा कि आरोप लगते ही त्यागपत्र दे दो लेकिन किसी के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिए - इसलिए कई नेताओं से माफ़ी मांगने वाला “माफीवीर” बन गया। यानी शोर मचाओ और भाग जाओ

सबको चोर कहता रहा लेकिन अपने लोगों पर आरोप लगते हुए और जेल जाने के बाद भी सभी को “कट्टर ईमानदार” कहता रहा। ये हैं असली बदलाव राजनीति में

फिर खुद न तो त्यागपत्र देना चाहता था और न गिरफ्तार होना चाहता था। गिरफ़्तारी से बचने के पापड़ बेलता रहा। कोर्ट के सामने भी रोया। मुझे गिरफ़्तारी से “Protection” दे दो

क्या ये कम बड़ा बदलाव है राजनीति में कि जब दिल्ली की जनता कोरोना से त्राहि त्राहि कर रही थी तब इसने अपने लिए 60 करोड़ का “शीश महल” बनवा लिया और इससे भी बड़ी बात “बदलाव” की है कि यह  व्यक्ति कहता था मैं सत्ता में आने के बाद गाडी बंगला नहीं लूंगा। आज सब कुछ लिया हुआ है। 

और तो और इससे भी पहले अर्नब गोस्वामी के चैनल पर घोषणा की थी

मैं न कभी कोई election contest करूंगा और न कोई पोस्ट लूंगा। बच्चों की कसम भी खाई थी कि कभी न भाजपा से alliance करूंगा और न कभी कांग्रेस से। अब कांग्रेस से क्या सभी भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के साथ “गठबंधन” में है। यह है राजनीति में बदलाव

कभी स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी विरोधी पार्टी ने जांच एजेंसी के किसी अधिकारी की जासूसी नहीं की, लेकिन केजरीवाल 150 ED अधिकारियों और न जाने कितने और लोगों की  जासूसी करने वाला पहला मुख्यमंत्री बन गया। आखिर अपने किस आका के आदेश का पालन कर रहा था? इस बात की भी गंभीरता से जाँच बहुत जरुरी है। ना कबूलने पर third degree इस्तेमाल करने पीछे नहीं हटना चाहिए। निश्चितरूप से कोई बहुत बड़ा खेला खेलने की योजना पर काम किया जा रहा होगा? यह कोई छोटा मोटा बदलाव नहीं है राजनीति का

आरोपों और सबूतों की वजह से केजरीवाल के सहयोगी महीनों से कोर्ट के आदेश पर जेल में हैं और जमानत नहीं मिल रही लेकिन फिर सब केस “झूठे” कहता नहीं थकता और अपने समेत सब “आप” नेताओं को  “कट्टर ईमानदार” कहता नहीं थकता है। ये हैं नए किस्म की राजनीति

कभी किसी नेता की गिरफ़्तारी पर विदेशी शक्तियों को प्रलाप करते नहीं देखा लेकिन केजरीवाल के लिए कर रहे है जो साबित करता है कि यह भारत में विदेशों के हाथो में खेल रहा है। यह है बदलाव की नई राजनीति। इतना ही नहीं विदेशी ताकतों और आतंकियों के साथ “गठजोड़” कर पैसा भी लेता है देश को नुकसान करने के लिए। यह है राजनीति में बदलाव

इसलिए यह मानना होगा कि केजरीवाल ने भारत की राजनीति को बदल कर रख दिया है और ऐसा बदलाव आज तक कोई नहीं कर सका। 

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