
कंगाली में आटा गीला होने वाली कहावत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर सटीक बैठ रही है। आम आदमी पार्टी शराब और पानी घोटाले में घिरी हुई है तो कांग्रेस 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाने और केजरीवाल से गठबंधन कर दोहरी मुसीबत में फंस गयी है और सोने पर सुहागा राहुल गाँधी मुस्लिम कार्ड कर ध्रुवीकरण कर कांग्रेस को चौपट करने में तुला है। सबसे मजे की बात इस पूरे प्रकरण में यह है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा परिवार के वास्तविक मजहब को खंखालने और अरविन्द, मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वास, योगेंद्र यादव और संजय सिंह आदि के सोनिया गाँधी की सलाहकार कमेटी के सदस्य होने की पुष्टि में व्यस्त होने की चर्चा है। आखिर हिन्दुओं में खून दौड़ना ही चाहिए। क्योकि हिन्दुओं पर जितने अत्याचार इन दोनों पार्टियों के चलते हुए हैं किसी अन्य के कार्यकाल में नहीं। और जिस दिन जाँच सही दिशा में जाकर वास्तविकता को जान जाएगी, शायद ही मुस्लिम कट्टरपंथी भी इनके बचाव में कहीं खड़े दिखाई देंगे, क्योकि उन्हें आम मुसलमानों से अपना दामन बचाना भारी पड़ रहा होगा।
देखिए 2014 में लिखा मेरा लेख
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन पुराने कांग्रेसियों को रास नहीं आ रही है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, तो संदीप दीक्षित ने भी पार्टी को तीखे तेवर दिखाए हैं। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि लोकल नेता को उम्मीदवार बनाने की जरूरत है, किसी बाहरी को कैंडिडेट नहीं बनाया जाना चाहिए।
कन्हैया का जोरदार विरोध
कांग्रेस कार्यकर्ता कन्हैया कुमार के खिलाफ फिर खड़े हो गए हैं। दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में पार्टी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली से किसी लोकल को ही कैंडिडेट बनाना चाहिए न कि किसी बाहरी को मौका देना चाहिए। ऐसा रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के पीछे की वजह आप के साथ गठबंधन के अलावा कन्हैया कुमार भी एक फैक्टर हैं।
कांग्रेस इस बार आम आदमी पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव लड़ रही है। दिल्ली में उसे तीन सीट मिली हैं। इसमें से एक सीट उत्तर पूर्वी दिल्ली की है, जहाँ से कन्हैया कुमार को टिकट मिला है, लेकिन कन्हैया की उम्मीदवारी का कांग्रेस कार्यकर्ता जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने मौजपुर मेट्रो स्टेशन के बाहर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि हमें बाहरी पसंद नहीं है। उन्हें इस सीट से कोई लोकल कैंडिडेट चाहिए।
इस बीच, अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि मेरा मानना है कि उन्होंने जो कुछ भी लिखा है और पत्र के जरिए अपना दर्द व्यक्त किया है, पार्टी को उस पर विचार करना चाहिए। वह पार्टी के लिए एक संपत्ति हैं, हमारे सीनियर नेतृत्व को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। हमें उन चीजों से बचना चाहिए, जो पार्टी ने राज्य में जो कुछ भी हासिल किया है, उसमें बाधा डाल सकती है। अरविंदर सिंह लवली काफी पीड़ा में है, आलाकमान को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
इस बीच, खबर आ रही है कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने लवली को मनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल को अरविंदर सिंह लवली से बात करने और दिल्ली कांग्रेस संकट को हल करने का रास्ता खोजने का निर्देश दिया है। खड़के साहब शरीर में फ़ांस तो चुभ ही गयी है, उसका असर भी देखो। अपनी अक्ल से तो कुछ कर नहीं सकते, तुम्हारा रिमोट तो कहीं और है खड़के साहब।
उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार को लेकर दिल्ली कांग्रेस की बैठक में पूर्व सांसद संदीप दीक्षित में जमकर विरोध किया था। इसके बाद उत्तरी पश्चिमी दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार उदित राज को लेकर भी पार्टी के अंदर विरोध देखा गया था। पिछले दिनों दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया ने अपने आवास साउथ एवेन्यू पर पूर्व विधायकों और मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली भी मौजूद थे। उनकी मौजूदगी में पार्टी के कई नेताओं ने उदित राज का विरोध किया था और दिल्ली कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया को भी खरी-खोटी सुनाई।
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