ऐसे में सवाल पैदा हो रहा है कि क्या कांग्रेस में उम्मीदवारों का अकाल पड़ गया है, जो परिवार भक्त परिवार के दामाद को चुनाव उतार रहे हैं? हकीकत में जिस दिन से सोनिया गाँधी को पार्टी अध्यक्ष बनाया, उसी दिन से कांग्रेस की उल्टी गिनती शुरू हो गयी थी। जिसका नतीजा सबके सामने है कि कम्युनिस्ट पार्टी के बाद सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों की बैसाखियों पर चलना पड़ रहा है। कंगाली में आटा गीला करने पहले राहुल को लाया गया और फिर प्रियंका को और अब दामाद को लाकर बाकि कसर पूरी करने की तैयारी। कांग्रेस कोई ऐसा अध्यक्ष भी बना सकी जो स्वयं निर्णय लेने में सक्षंम हो।
इंडिया टीवी से बातचीत में मेनका गाँधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से भटक चुकी है। पार्टी के पास न तो कोई बड़ा नेता है और न ही पार्टी के पास कोई आईडिया है। वो घिसे-पिटे नारों से काम चला रही है। इस दौरान उनसे जब पूछा गया कि सुल्तानपुर से सटी अमेठी लोकसभा सीट पर गाँधी परिवार के दामाद चुनाव लड़ने के संकेत दे रहे हैं, तो उन्होंने जबरदस्त तंज कसा। उन्होंने कहा कि देश दामादों से आगे निकल चुका है। उन्हें तो राजनीति का अनुभव भी नहीं है।
रॉबर्ट वाड्रा पर मेनका गांधी का बड़ा बयान
— India TV (@indiatvnews) April 10, 2024
रॉबर्ट वाड्रा को राजनीति का अनुभव नहीं,देश दामादों से आगे बढ़ चुका है- #ManekaGandhi #RobertVadra #Elections2024 #LokSabhaElections2024 pic.twitter.com/i5XLLSalb1
मेनका गाँधी सुल्तानपुर लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। वो 2019 में भी यहाँ से चुनाव जीती थी और एक बार फिर से सुल्तानपुर से ही चुनाव मैदान में हैं। वहीं, उनके बेटे और सुल्तानपुर से साल 2014 में लोकसभा सांसद रहे वरुण गाँधी को इस बार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। वो मौजूदा समय में पीलीभीत से सांसद हैं। हालाँकि पीलीभीत सीट मेनका गाँधी की पारंपरिक सीट मानी जाती है।
मेनका गाँधी से जब पूछा गया कि बीजेपी ने वरुण गाँधी को टिकट क्यों नहीं दिया, तो उन्होंने इसे पार्टी का फैसला बताया और कहा कि टिकट देने या न देने का फैसला पार्टी का होता है, मेरा नहीं। मेनका गाँधी ने कहा कि पीलीभीत से हमारा लगाव हार-जीत और राजनीति से ऊपर उठकर है।
इस मौके पर उनसे जब प्रशांत किशोर की बात पर सवाल पूछा गया कि राहुल गाँधी को पॉलिटिक्स से ब्रेक ले लेना चाहिए, तो उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर का कहना सही है। कांग्रेस के पास न तो कोई नेता है और न ही कोई आईडिया है। राहुल गाँधी को कोई सलाह देने पर उन्होंने कहा कि सलाह उसे दी जाती है, जो सुने। इस दौरान उन्होंने सोनिया गाँधी पर पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।
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