किसानों को MSP की कानूनी गारंटी देने का राहुल गाँधी का वादा हो गया हवा-हवाई! वायर के इंटरव्यू में खुली पार्टी की पोल; MSP देने की दूर तक कोई योजना नहीं

                      कांग्रेस के ‘डाटा एनलिस्ट डिपार्टमेंट’ के हेड प्रवीण चक्रवर्ती के साथ राहुल गाँधी

मोदी-योगी विरोध में विपक्ष स्वयं अपने ही बुने जाल में फंसते देखा गया है। CAA विरोध में बने शाहीन बाग़ से लेकर तथाकथित किसान आंदोलन तक सभी में विपक्ष बेनकाब हुआ। किसी न किसी तरह जॉर्ज सोरोस के हाथों बने कठपुतली ड्रामा सामने आ गया। अभी हुए किसान आंदोलन में कांग्रेस समेत सारा विपक्ष रो रहा था, चीख रहा था कि किसानों पर जुर्म हो रहा है, उनको फसलों की MSP क्यों नहीं दे देती सरकार? हम सत्ता में आये तो सभी 23 फसलों पर MSP देंगे, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे। लेकिन कांग्रेस घोषणा पत्र ने पार्टी की कलाई खोल दी।  

कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने घोषणापत्र में कई अव्यावहारिक वादे किए हैं, हालाँकि उसका सबसे बड़ा वादा किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देना है, खासकर उन 23 फसकों पर एमएमसी की गारंटी, जिनकी माँग किसान आंदोलन के दौरान की जा रही थी। लेकिन कांग्रेस इन गारंटियों को लेकर कितनी गंभीर है और इन गारंटियों को लेकर उसने कितने गंभीर तरीके से काम किया है, इसकी पोल तब खुल गई, जब कांग्रेस के ‘डाटा एनलिस्ट डिपार्टमेंट’ के हेड प्रवीण चक्रवर्ती ‘द वायर’ के साथ एक इंटरव्यू में शामिल हुए। वो राहुल गाँधी द्वारा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के हिसाब से 23 फसलों की एमएसपी की गारंटी की बात से पीछे हटते दिखे।

द वायर के ‘पत्रकार’ करन थापर के इंटरव्यू में पहुँचे प्रवीण चक्रवर्ती के पास प्रदर्शनकारी किसानों की माँगों को लेकर किए गए कांग्रेस की गारंटी के वादे पर कोई जवाब नहीं था। किसान सरकार से 23 फसलों पर एमएसपी पर कानूनी गारंटी माँग रहे हैं। वो भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारियों (C2+50% फॉर्मूला) के आधार पर। प्रवीण चक्रवर्ती ने बड़ी बेशर्मी से कह दिया कि कांग्रेस पार्टी ने ऐसा कोई वादा अपने घोषणा पत्र में नहीं किया है। यही नहीं, वो ये भी नहीं बता पाए कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वो किन खास फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देगी।

राहुल गाँधी द्वारा स्वामीनाथन आयोग (जो एमएसपी के फार्मूले के रूप में सी2+50% का हवाला देता है) को लागू करने की गारंटी लेने के बावजूद प्रवीण चक्रवर्ती ने किसानों की इनपुट लागत का 1.5 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र (पेज 17) का हवाला देते हुए साफ कहा कि फसलों की एमएसपी पर कानूनी गारंटी के बारे में विस्तार से घोषणापत्र में जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने इतना लिखा है कि “कांग्रेस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार, हर साल सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देगी।”

इस दौरान जब करन थापन ने प्रवीण चक्रवर्ती से कहा कि अगर सरकार सभी 23 फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देती है, तो इससे खाद्य महंगाई 25-30% बढ़ जाएगी। इस बात पर कांग्रेस के डाटा एनलिस्ट डिपार्टमेंट के हेड ने कहा, “आपका दावा काल्पनिक है, क्योंकि मेनिफेस्टों में 23 गिनती का कोई जिक्र नहीं है। न ही स्वामीनाथन आयोग या किसी फॉर्मूले का जिक्र है।”

इस दौरान जब करन थापर ने पूछा कि ”कांग्रेस कितनी फसलों पर एमएसपी की गारंटी देगी अगर सभी 23 पर नहीं देगी तो?” इस पर प्रवीण चक्रवर्ती ने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि ‘इस पर विस्तार से बहस की जरूरत है।’ थापर ने इस दौरान चक्रवर्ती को ‘प्रदर्शनकारी किसानों’ की माँग पर पार्टी के आश्वासन को याद दिलाया तो चक्रवर्ती उखड़ पड़े। उन्होंने कहा, “किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी चाहते थे, उन्हें कानूनी गारंटी दी गई है। कौन सी फसले होंगी, कौन सा फॉर्मूला होगा, कौन सी नई फसलों को उस लिस्ट में शामिल किया जाएगा और कौन सी मौजूदा फसलों को हटाया जाएगा, इस पर फैसला अभी लिया जाना बाकी है।”

थापर ने जोर देकर कहा, “एक घोषणापत्र विशिष्ट और सटीक होना चाहिए। आपने पहले तर्क दिया कि आप लागत निर्धारण नहीं कर सकते, हमने समझाया है कि लागत निर्धारण क्यों आवश्यक था। आपको जानकारियों का अभाव है। आप को ये नहीं पता है कि कितनी फसलों को एमएसपी में शामिल किया जाएगा, अब आप फॉर्मूले पर भी गोलमोल जवाब दे रहे हैं कि सी2+50% फॉर्मूला नहीं, कोई और फॉर्मूला हो सकता है।”

सवाल का जवाब देने के बजाय, प्रवीण चक्रवर्ती ने भाजपा पर अपने घोषणापत्र में विशिष्ट बातें नहीं होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमारे लोग (कांग्रेस) बजट नहीं बना रहे हैं। हमारे पास बहुत सारी जानकारी है ही नहीं।

करण थापर ने जोर देकर कहा, “मैं आपसे पूछ रहा हूँ कि क्या आप सभी 23 फसलों पर एमएसपी की गारंटी देंगे, आपका जवाब था कि हम ऐसा कर सकते हैं, फिर आप बोल रहे हैं कि शायद हम नहीं कर सकते। आपने ही कहा कि एमएमसपी का फॉर्मूला C2+50% नहीं हो सकता। आप एमएसपी पर गारंटी को लेकर दो तरह की बातें कर रहे हैं।”

राहुल गाँधी ने फरवरी में दी थी गारंटी

इस साल फरवरी में कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने एक ट्वीट में लिखा था, “किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है! कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार MSP की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है। यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा। न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है।”
कांग्रेस के ‘डेटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट’ के हेड द्वारा एमएसपी वादों पर कोई ठोस जवाब नहीं देने का फैसला दर्शाता है कि कांग्रेस अपने ही वादों और योजनाओं को वास्तविक रूप से लागू करने को लेकर कितनी गंभीर है। वो भी तब, जब उसके नेता राहुल गाँधी अपनी गारंटियों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी को कानूनी गारंटी देने की बात कह रहे हैं।

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