कल अपने पिता को यौन शोषण के आरोप से अपमानित करने वाली स्वाति का ही उसके आका ने घसीट-घसीट कर पीट दिया; चुनावी मौसम में बीजेपी समेत सारी पार्टियां खामोश क्यों? अगर यही कांड बीजेपी मुख्यमंत्री के घर हुआ होता तो कितना शोर मच रहा होता

अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत भारत के इतिहास में न्यायपालिका द्वारा किए गए पक्षपातपूर्ण और अन्यायपूर्ण निर्णयों का एक ज्वलंत उदाहरण है। यह निराशाजनक और विकृत फैसला हमारी न्यायिक प्रणाली की निष्पक्षता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करता है। अब यह धोखेबाजों, अपराधियों और यहां तक ​​कि आतंकवादियों के लिए भी राहत पाने के लिए एक मिसाल के रूप में काम करेगा। मिलोर्ड, केजरीवाल के लिए अटूट क्षमादान, जिसे पश्चिमी देशों का भी समर्थन मिला, भयावह है। इस तरह के अन्याय के सामने, निष्पक्षता को महत्व देने वाले प्रत्येक भारतीय के लिए अपनी असहमति व्यक्त करना अनिवार्य है। अपनी आवाज की ताकत को कम मत आंकिए. भूकंपीय परिवर्तन छोटी-छोटी गड़गड़ाहट के साथ शुरू होते हैं। तर्क और विचार तथा वाणी की स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल हो जाइए। भारत में न्यायपालिका सीआईए, आईएसआई, पीआरसी, भारत विरोध और भारत के खिलाफ अन्य सभी के प्रभाव में है। HC और SC न्यायाधीशों के चयन की कॉलेजियम प्रणाली का परिणाम। संपूर्ण न्यायपालिका 300 मक्खियों द्वारा संचालित और नियंत्रित होती है और प्रत्येक न्यायाधीश चाचा, चाची, बेटा, बहू, ससुर आदि हैं
अरविन्द केजरीवाल को interim bail देने वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ 13 मई, 2024 को उनके भोले-भाले केजरीवाल ने अपने शीश महल में अपनी महिला राज्य सभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ किया, बताना पड़ेगा क्या यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता? इतना ही नहीं, 6 साल पहले आपके इसी केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की भी सिसोदिया, अमानतुल्लाह आदि के साथ मिलकर पिटाई की थी। ऐसी हरकत कोई शरीफ नहीं कर सकता। स्वाति केजरीवाल की इतनी वफादार थी, जो इशारा मिलने पर किसी भी सीमा को लांध सकती है। सर्जिकल स्ट्रीक के दिनों की घटना याद है, इसी स्वाति ने आर्मी का मनोबल तोड़ने अपने ही पिता पर यौन शोषण का इल्जाम लगाया था। यह सब किसके कहने पर कहा, सभी political pundit जानते हैं। मजे की बात यह है कि पार्टी में सभी महिलाएं भी खामोश है क्यों? कारण कुछ भी हो क्या मुख्यमंत्री आवास में महिला का शोषण होता रहेगा? वैसे पार्टी के इतिहास को खंखालने में कोली कांड भी हो चुका है।  
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास में उनकी ही पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की पिटाई हुई। अरविंद केजरीवाल कुछ ही दिनों पहले तिहाड़ जेल से निकले हैं और चुनाव खत्म होने पर उन्हें फिर से आत्मसमर्पण करना है, ऐसे में उनके लिए मुश्किलें और बढ़ती ही जा रही हैं। सोमवार (13 मई, 2024) को सिविल लाइंस पुलिस थाने में आई PCR कॉल में स्वाति मालीवाल की तरफ से कहा था कि उनके साथ मारपीट हो रही है। इसके बाद वो थाने भी पहुँची थीं।
क्या कारण है स्वाति पुलिस को फ़ोन करती है, थाने जाती है, लेकिन FIR नहीं लिखवाती? कारण राज्य सभा से इस्तीफा देने की आड़ में बहुत ही संगीन मसला है, जिस पर पार्टी तक ने मुंह में दही जमा लिया है। डर है जिसका पर्दाफाश होते ही पार्टी एकदम झाड़ू के तिनकों की तरह हवा हवाई हो जाएगी? Jaipur Dialogue चैनल पर RPN Singh, पूर्व RAW अधिकारी ने सुप्रीम पीठ पर कुछ ज्वलंत प्रश्न किए। जिनसे पीठ तो क्या समस्त सुप्रीम कोर्ट इंकार नहीं कर सकती। अजित भारती ने भी अपने चैनल पर गंभीर मुद्दे उठाये हैं।  

हालाँकि, स्वाति मालीवाल बिना कोई लिखित शिकायत दर्ज कराए वहाँ से निकल गई थीं। इस प्रकरण में उन्होंने फोन कॉल पर विभव कुमार का नाम लिया था, जो अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव हैं और एक विवादित अधिकारी रहे हैं। मीडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि स्वाति मालीवाल द्वारा अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद उनके पक्ष में खुल कर आवाज़ न उठाने और जेल में उनसे एक बार भी मिलने नहीं जाने के कारण उनसे नाराज़गी है।

3 बार दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष रह चुकीं स्वाति मालीवाल हाल ही में कई दिनों तक अमेरिका में रह कर आई हैं और अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद जब उनकी पार्टी सड़क पर थी तब वो परिदृश्य से गायब थीं। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया और मंत्री रहे सत्येंद्र जैन इस मामले में पहले से ही जेल में हैं। वहीं राज्यसभा सांसद संजय सिंह जमानत पर बाहर हैं। बताया जा रहा है कि स्वाति मालीवाल के AAP से संबंध अब ठीक नहीं हैं।

‘Daily Pioneer’ में प्रकाशित सौम्या शुक्ला की रिपोर्ट के अनुसार, स्वाति मालीवाल को पार्टी द्वारा राज्यसभा सांसदी से इस्तीफा देने को कहा गया है। स्वाति मालीवाल थाने आई थीं, लेकिन उन्हें फिर एक फोन कॉल आया और वो बाद में आने की बात कह कर चली गईं। उन्होंने फोन पर कहा था कि वो अभी ठीक स्थिति में नहीं हैं, इसीलिए बाद में रिपोर्ट दर्ज कराएँगी। थाने में उन्हें कहा गया था कि FIR दर्ज कराने के लिए मेडिकल परीक्षण ज़रूरी है।

इसके बाद दिल्ली पुलिस की तरफ से उनसे संपर्क करने की कोशिशें सफल नहीं हो पा रही हैं। पुलिस स्टेशन में वो रोने भी लगी थीं। दिल्ली CMO या AAP की तरफ से अब तक इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) स्पष्ट कर चुका है कि वो इस मामले की जाँच के लिए एक टीम भेजेगी, साथ ही दिल्ली पुलिस से कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट तलब करेगी। अब इस मामले में ये समझते हैं कि पुलिस आगे क्या कर सकती है।

अगर स्वाति मालीवाल लिखित शिकायत दायर नहीं करती हैं तो फिर दिल्ली पुलिस PCR कॉल के आधार पर FIR दर्ज कर सकती है। विभव कुमार और अरविंद केजरीवाल, दोनों 2007 में स्थापित ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ (IAC) वाले दिनों से ही अरविंद केजरीवाल के साथ हैं और 2011 में अन्ना हजारे के आंदोलन में भी सक्रिय थे। दिल्ली पुलिस के पास एक विकल्प है कि वो स्वाति मालीवाल को मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने के लिए कहे।

अवलोकन करें:- 

दिल्ली : 6 साल बाद फिर कलंकित CM House, तब अंशु प्रकाश, मुख्य सचिव की पिटाई, अब खासमखास स्वाति मालीवाल ; क

PCR कॉल रिकॉर्ड के मुताबिक, स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैं अभी CM के घर पर हूँ। उन्होंने अपने PA विभव कुमार से बुरी तरह पिटवाया है।” इसके बाद सिविल लाइंस के SHO 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित अरविंद केजरीवाल के घर पहुँचे। स्वाति मालीवाल ऑटो से थाने से वापस गई थीं। स्वाति मालीवाल को हाल ही में AAP के स्टार प्रचारकों की सूची से भी हटा दिया गया है। भाजपा नेताओं ने भी एक महिला के साथ मारपीट के खिलाफ आवाज़ उठाई है।

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