फारूक अब्दुल्ला जी आज रफाह और गाज़ा के लोग बेगुनाह लग रहे हैं तो ये बताओ कश्मीर के हिंदुओं का क्या गुनाह था जिन्हें आपने मरवा दिया

सुभाष चन्द्र

आज(मई 30) News - 18 को दिए एक इंटरव्यू में फारूक अब्दुल्ला बुरी तरह इज़रायल पर बरस रहे थे और कह रहे थे कि इज़रायल फिलिस्तीन के बेगुनाह लोगों को ख़त्म कर देना चाहता है जबकि फिलिस्तीन को अनेक देशों ने मान्यता दी हुई है; जब लोग ही नहीं रहेंगे तो मान्यता किस काम की रहेगी; और बहुत से बातें कही अब्दुल्ला ने। 

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फारूक अब्दुल्ला यह जानते हुए भी अनजान हैं कि अनेक इस्लामिक देश भी ऐसे  हैं जो इज़रायल और यहूदियों का अस्तित्व ही मिटा देना चाहते हैं और ईरान, हमास, हिज़्बुल्ला, हुती जैसे संगठन इस काम में लगे हैं अपने अन्य कट्टर इस्लामिक देशों को साथ लेकर ये लोग यहूदियों को जीने का अधिकार ही नहीं देना चाहते और यह लड़ाई आज की नहीं है बल्कि सदियों से चल रही है 

अब्दुल्ला जी, आपको तो पता होना चाहिए इस्लामिक ताकत ईरान में पारसी धर्म को खा गई जबकि पारसियों का विश्व कल्याण के लिए महत्वपूर्ण योगदान है और ऐसा ही योगदान यहूदियों का भी है लेकिन उन्हें भी ये ताकतें ख़त्म कर देना चाहती हैं सच में देखा जाए तो इस्लाम किसी के साथ सौहार्द्र से रहना ही नहीं चाहता अभी कट्टरपंथी इस्लामिक ताकतें यहूदियों और हिंदुओं को खत्म करना चाहती हैं, इसके अलावा ईसाई भी उसी लाइन में हैं कभी आपने PFI के गज़वा -ए - हिंद के खिलाफ एक बार भी आवाज़ उठाई है, कभी नहीं क्योंकि वह आपका भी सपना है

आपको बहुत रहम आ रहा है रफाह के फिलिस्तीनियों पर तो यह बताओ कि 1990 में कश्मीर के हिन्दुओं का क्या गुनाह था जो आपकी सरकार ने और आपने आंखें बंद करके हिंदुओं का नरसंहार करवाया और अपने ही देश में हिंदुओं को घर से बेघर कर दिया? आप और महबूबा कश्मीरी आवाम को भड़का कर पाकिस्तान के साथ मिलकर फिर से कश्मीर को आग लगाना चाहते हो

आपको अब्दुल्ला जी, इज़रायल मुसलमानों पर जुल्म करता दिखाई देता है मगर आप कभी चीन द्वारा मुसलमानों पर किए जा रहे जुल्मों के बारे में कुछ नहीं बोलते चीन के खिलाफ बोलने के लिए दुनिया के किसी मुसलमान ने माँ का दूध नहीं पिया, सुन लो साफ। उसी चीन से मदद लेकर आप धारा 370 बहाल करने की प्रतिज्ञा कर रहे थे कोई इस्लामिक देश फिलिस्तीनियों को अपने यहाँ रखने को क्यों नहीं तैयार? जब पाकिस्तान में राष्ट्रपति जिया-उल-हक़ ने इनको अपने देश में शरण दी, लेकिन हालत सामान्य होने पर वापस जाने से मना करने पर जिया ने क्या सलूक किया था, बताने को क्यों डर लग रहा है? फिलिस्तीनियों के साथ पाकिस्तान के खिलाफ बोलने की तुम्हारी औकात नहीं। आपकी गिरी हुई मानसिकता है। आप तो इस्लामिक जगत के छोटे से प्यादे हैं, पूरा 57 इस्लामिक देशों का समूह OIC भी चीन के खिलाफ कुछ बोलने की हिम्मत नहीं करता जो हिम्मत करते हैं बस इज़रायल पर बरसने की करते हैं और भारत के खिलाफ आरोप लगा कर मुसलमानों को भड़काने की कोशिश करते हैं कि भारत में मुस्लिम जुल्म सह रहे हैं जबकि मुस्लिम वोट बैंक की खातिर सभी सेकुलर दल हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझ कर बर्ताव करते हैं

फारूक अब्दुल्ला जी, आपको मैं एक सलाह देता हूं, यहां बैठ कर बकर बकर करने का कोई फायदा नहीं कश्मीर के लिए लड़ने के लिए पाकिस्तान में जाकर रहिये 6 महीने और प्लान बनाते रहो और फिलिस्तीनियों के लड़ने के लिए गाजा में बाकी 6 महीने रहकर इज़रायल के खिलाफ  युद्धनीति बनाने में हमास की मदद करो

“Get Lost From Bharat”  

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