मीलॉर्ड क्या नेताओं के लिए अलग कानून बनाना चाहते हो कि चुनाव से पहले गिरफ़्तारी न हो; ED से गिरफ़्तारी के समय पर सवाल उठाने से आपको भी कुछ जवाब देने पड़ जाएंगे

सुभाष चन्द्र

एक कहावत है 'you show me the man, I will show you the rules' जिसे जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ घोटाले के kingpin अरविन्द केजरीवाल प्रकरण में सही साबित कर रही है। पीठ को ED से प्रश्न करने से पहले केजरीवाल से ये क्यों नहीं पूछा कि 9 सम्मान देने की नौबत क्यों आयी? अगर बेकसूर थे क्यों नहीं पहले ही समन पर हुए पेश? क्यों 9 समन देने की नौबत आयी? क्या अपनी गिरफ़्तारी से बचने के लिए सबूतों को नष्ट कर रहे थे? क्यों नहीं अपने electronic devices का पासवर्ड बता रहे? 170 मोबाइल क्यों नष्ट किए? पीठ पर प्रश्न उठाने को विवश करता है कि 'क्या पीठ और केजरीवाल के बीच कोई समझौता हुआ है? मुख्य न्यायधीश को संज्ञान लेना चाहिए।  

लेखक 
चर्चित यूटूबर 
मीलॉर्ड जिस दिन घोटाले के kingpin केजरीवाल ने अपने electronic devices का पासवर्ड बता दिया संभव है वो घोटाले सामने आएं, जिन्हे देख और सुनकर पीठ भी हैरान हो जाए और ED की कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह लगाने पर आपको ही शर्मिदा न होना पड़े। न्याय करिए अन्याय नहीं। यह भी संभव हो सकता है कि पूरे ही परिवार को जेल में जाने की नौबत आ जाए। केजरीवाल की बहुत मोटी खाल है आसानी से घोटाले नहीं कबूलने वाला। Third degree पर भी आसानी से नहीं कबूलने वाला। जिसका सबूत आपके ही सामने है कि गिरफ़्तारी को चुनौती दे रहा है, जमानत लेने के लिए नहीं। ये जिंदगी भर उल्टे-पुल्टे सवालों में उलछा कर घोटालों से ध्यान भटकाता रहेगा और मीलॉर्ड घोटाले के मुद्दे पर सवाल नहीं कर पाएंगे।   

केजरीवाल की गिरफ़्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर कल(मई 1) की सुनवाई में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने ED से जो सवाल उसकी गिरफ़्तारी को लेकर किए हैं, उनके जवाब तो ED देगा लेकिन आपके सवाल आप पर भी कुछ सवाल खड़े करता है। 

सबसे पहले इसी सवाल पर बात करते हैं, मीलॉर्ड ने कहा कि स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है जिससे आप इंकार नहीं कर सकते और केजरीवाल ने चुनाव के दौरान गिरफ़्तारी पर सवाल उठाया है ED को गिरफ़्तारी के समय पर जवाब देना होगा कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि केस में कार्रवाई शुरू होने और गिरफ़्तारी का अंतराल 365 दिन होता है

केजरीवाल भी वही करेगा जो  संजय सिंह ने किया कोर्ट के मना करने पर भी केस के संबंध में मीडिया में बयानबाजी की लेकिन आपने जमानत खारिज नहीं की

मीलॉर्ड आपको हम ही याद करा दें कि केजरीवाल को पहला समन अक्टूबर में दिया गया था और उसे 9 समन दिए गए अगर वह उन पर पेश हो जाता तो आपका आज का सवाल खड़ा ही नहीं होता लेकिन केजरीवाल शुरू से एक सुपर सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस बन कर summons को illegal कहता रहा मीलॉर्ड क्या ED से सवाल करते हुए आप भी मानते हैं कि summons illegal थे और अगर ऐसा है तो फिर CJI चंद्रचूड़ की बेंच के उस फैसले का क्या मतलब है जिसमे उन्होंने तमिलनाडु के DMs को कहा था ED के summons पर हाजिर होना आपके लिए जरूरी है और उसमे कोई छूट नहीं मिल सकती 

फिर केजरीवाल 2, 3, 5 summons को कोर्ट में चुनौती दे सकता था लेकिन उस मक्कार-ए-आज़म ने 9 summons को जानबूझकर चुनावों की घोषणा होने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी और यह भी नौटंकी की कि वो पेश होने को तैयार है लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से या उसे भरोसा दिया जाए कि उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा क्या मीलॉर्ड आप मानते है कि कोई व्यक्ति इस तरह की शर्तें लगा सकता है? 

दिल्ली हाई कोर्ट की बेंच ने ED से उसके खिलाफ सबूत मांगे और सबूत देखकर बेंच के जजों ने कहा इसे अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया और अंततः केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर रोक लगाने वाली मांग खारिज कर दी ऐसे में मीलॉर्ड बताएं कि क्या हाई कोर्ट को चुनावों को देखते हुए गिरफ़्तारी पर रोक लगा देनी चाहिए थी या क्या ED को केजरीवाल पर कार्रवाई करने और गिरफ्तार करने के लिए चुनावों के ख़त्म होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए थी 

केजरीवाल खुद चुनाव के समय में summons को चुनौती देने पहुंचा तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी तुरंत हो सकती थी और इसमें कुछ गलत नहीं है केजरीवाल का अक्टूबर, 2023 से summons की अवहेलना करना केस शुरू होने और गिरफ्तार होने के अंतराल के बारे में आपका प्रश्न स्वतः ही उत्तर दे देता है

अदालत ने यह भी कहा कि केजरीवाल से अभी तक जब्ती की कार्रवाई नहीं हुई है और अगर हुई भी है तो उससे केजरीवाल का क्या संबंध है; इसलिए ED को गिरफ़्तारी और जब्ती का केजरीवाल से संबंध बताना पड़ेगा 

मीलॉर्ड एक बात पर ध्यान दीजिए कि केजरीवाल ने करीब 170 फ़ोन Destroy किए हैं जो अपने आप में सबूतों को नष्ट करना है जो फ़ोन ED ने custody में लिए हैं, उनके password केजरीवाल नहीं दे रहा जिनके मिलते ही जबरदस्त जब्ती हो सकती है उसे निर्देश दीजिए password देने के लिए 

एक बात और अंत में, सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर, 2023 में सिसोदिया को जमानत ख़ारिज करते हुए ED को कहा था कि केस की सुनवाई 3 महीने में पूरी कर ली जाए लेकिन जब घोटाले के kingpin केजरीवाल ही जांच से 5 महीने तक भागता फिरा तो केस की सुनवाई कैसे पूरी होगी?

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