खुद मुलायम सिंह यादव यहाँ से 5 बार (1996, 2004, 2009, 2014, 2019) जीत दर्ज कर चुके हैं। हालाँकि, 2004 और 2014 में उन्होंने यहाँ से जीत के बाद इस्तीफा दे दिया था क्योंकि वो दूसरी सीट से भी जीते थे। उसके बाद हुए उपचुनावों में 2004 में अपने छोटे भाई अभयराम यादव के बेटे धर्मेंद्र यादव को जिताया था, वहीं 2014 के उपचुनाव में उन्होंने अपने बड़े भाई रणवीर सिंह यादव के पोते तेजप्रताप सिंह यादव की जीत सुनिश्चित की थी।
शिवपाल सिंह यादव ने ताज़ा रैली में कहा, “7 मई को भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़े मार्जिन से जिताना है। और इसीलिए भी जिताना है, क्योंकि आपके सामने कई बार बहुत चुनौतियाँ आई हैं।” खास बात ये है कि शिवपाल सिंह यादव जब ये बोल रहे थे, तब सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव मंच पर ही मौजूद थे। शिवपाल सिंह यादव ने सपा की जगह ज़बान स्लिप होने की वजह से भाजपा कह दिया, लेकिन सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद उनकी भट्ट पिट गई।
We have to make the Bharatiya Janata Party win by a huge margin: Shivpal Singh Yadav, Samajwadi Party leader pic.twitter.com/BFgWiclFGN
— IANS (@ians_india) May 1, 2024
Pichle daffa mulayam singh ji ne ashirwad dia tha, or iss saal usi vidhi ko badate hue shivpal ji ne. Parivar ka ashirwad bna rehta hai pradhanmantri ji par
— Out Of Context News (@thenewscompiler) May 1, 2024
मैनपुरी की मौजूदा सांसद अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव हैं, जिन पर पार्टी ने इस बार फिर से भरोसा जताया है। उनका मुकाबला भाजपा के ठाकुर जयवीर सिंह से होगा, जो मैनपुरी सदर से एक बार और घिरोर मैनपुरी से 2 बार विधायक रह चुके हैं। ‘योगी 2.0’ सरकार में उन्हें पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बनाया गया है। मायावती की सरकार में भी वो स्वतंत्र प्रभार के साथ सिंचाई राज्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने ग्राम प्रधान से मंत्री तक का सफर तय किया है।
I.N.D.I. गठबंधन की हालत उत्तर प्रदेश ही नहीं, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी खस्ता है। पश्चिम बंगाल में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने एक भाषण के दौरान बंगाली में कहा, “TMC को वोट क्यों दें, बीजेपी को वोट देना बेहतर है।” अधीर रंजन चौधरी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। भले ही कॉन्ग्रेस और अन्य विपक्षी दल I.N.D.I. गठबंधन के बैनर तले एकता का दावा कर रहे हैं, लेकिन ज़मीनी स्थिति उस बात से बहुत दूर है, जिस पर विपक्ष देश को विश्वास दिलाना चाहता है।
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