मुझे कुछ ध्यान पड़ रहा था कि चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ भी तिरुपति होकर आए थे और जब मैंने सर्च किया तो पाया कि वे 29 दिसंबर, 2022 और 27 मार्च, 2024 को दो बार तिरुपति मंदिर में भगवान के दर्शन करने गए थे और जाहिर है प्रसाद अपने और परिवार के लिए भी ग्रहण किया होगा और इस तरह उन्होंने भी दूषित प्रसाद ही खाया होगा। अब प्रसाद में मछली का तेल और बीफ समेत 3 जानवरों का मांस की मिलावट की बात सुनकर चंद्रचूड़ का खून यदि खौला होगा तो अवश्य ही इसका स्वतः संज्ञान लेकर उच्च स्तर की जांच के आदेश देने चाहिए।
एक बात काफी समय से स्पष्ट हो रही है कि पिछले 10 वर्षों में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से हिंदुओं और सनातन धर्म पर लगातार हमले हो रहे हैं। और उसका कारण केवल यही है कि भारत के सेकुलर दलों को भरोसा रहा कि नरेंद्र मोदी ही ऐसा व्यक्ति है जो हिंदू जागरण करा कर सभी हिंदुओं को हिंदुत्व की अलख जगा कर एकजुट कर सकता है।
इस बार तो हर जगह गणेश पंडालों में और शोभा यात्राओं पर मुस्लिमों द्वारा पत्थरबाजी और रेलवे लाइनों पर छेद छाड़ साबित कर रही है कि देश को अस्थिर करने की साजिश चल रही है। भारत में बांग्लादेश करने के निर्देश विदेश से आ भी रहे हैं और विदेश जाकर राहुल गांधी द्वारा लाए भी जा रहे हैं।
अब यह तिरुपति प्रसाद में मिलावट कर हिंदू आस्था पर जानबूझकर आघात पहुंचाने की कोशिश की गई है। लेकिन प्रसाद खाने वालों को कोई दोष/पाप नहीं लगेगा बल्कि पापी के भागीदार पूर्णतया वो होंगे जो इस यह कुकर्म में शामिल हैं।
इन सब बातों ने हिंदू को एकजुट करने का ही काम किया है और जो मार्ग हिंदू जागरण ने हिमाचल प्रदेश ने दिखाया, उससे पूरे भारत में हिंदू जागरण हो रहा है।
तिरुपति देवस्थानम बोर्ड में 2 बार ईसाई चेयरमैन नियुक्त किया गया और मुख्यमंत्री तो पहले से ही ईसाई था जगनमोहन रेड्डी। 5000 करोड़ की जिस मंदिर की आय हो, उसमे भक्तों को जानवरों की चर्बी वाला सस्ता तेल और मॉस से बना हुआ प्रसाद दिया जाए, इसका भेद केवल हिंदुओं का धर्म भ्रष्ट करना था और ईसाई चेयरमैन के रहते प्रसाद बनाने वालों में ईसाई और मुसलमान भी नियुक्त किए गए जिन्होंने इस घिनौने काम को अंजाम दिया। इसके पहले भी 2018 में 44 गैर हिंदू काम कर रहे थे जो हटाए गए थे। अब फिर भर्ती किए गए वरना हिंदू कभी मंदिर को और भक्तों को मलिन करने की कोशिश नहीं करेंगे।
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लेखक चर्चित YouTuber |
प्रसाद दूषित करने की जांच CBI से समयबद्ध सीमा में होनी जरूरी है और जो भी दोषी हों, उन्हें जनता के हवाले कर देना चाहिए जो फैसला करे क्या दंड देना है?
वैसे जो सुझाव आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने दिया है “सनातन धर्म रक्षा बोर्ड” की स्थापना का वह उत्तम सुझाव है और इसे केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर देश भर में लागू करके मंदिरों को हर राज्य सरकार के नियंत्रण से मुक्त कर बोर्ड के हवाले कर देना चाहिए जिससे राज्य सरकारों का मंदिरों पर डाका डालना बंद हो।
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