हरियाणा : जिस ‘किसान नेता’ गुरनाम सिंह चढूनी को मिले 1170 वोट, उसने भूपेंद्र हुड्डा को कहा ‘बुद्धिहीन-गद्दार’; हुड्डा ने एक सीट देने का वायदा कर गद्दारी की; यानि क्या तथाकथित किसान आंदोलन कांग्रेस प्रायोजित था?

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा कांग्रेस के नेता भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधा है। गुरनाम सिंह ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा नासमझ हैं। हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में जो माहौल बना था, वह हमने ही बनाया था। यानि तथाकथित किसान आंदोलन कांग्रेस प्रायोजित था। कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण यह है कि उन्होंने कोई समझौता नहीं किया और कांग्रेस ने सब कुछ उनके भरोसे छोड़ दिया।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार (13 अक्टूबर 2024) को कहा कि कॉन्ग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा बुद्धिहीन व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में माहौल किसानों ने बनाया था, लेकिन कांग्रेस इसका फायदा उठाने में नाकाम रही। इस हार के लिए उन्होंने भूपेद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया।

 चढ़ूनी ने आगे कहा, “कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण यह है कि उन्होंने कोई समझौता नहीं किया और पार्टी ने सब कुछ उनके (भूपेंद्र हुड्डा) भरोसे छोड़ दिया। चुनाव से पहले ही मैंने चेतावनी दी थी कि भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस का नाश करेंगे और अब यह सच साबित हो गया है। अब भी मैं कांग्रेस आलाकमान तक यह बात पहुँचाना चाहता हूँ कि वे भूपेंद्र हुड्डा को विपक्ष का नेता न बनाएँ।”

चढूनी ने कहा, “हमें लोकसभा चुनाव में एक टिकट देने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में भूपेंद्र हुड्डा मुकर गए। अगर वह अभय चौटाला के साथ समझौता करते और एक टिकट देते तो उनकी पार्टी को हरियाणा में 9 सीटें मिल सकती थीं। भूपेंद्र सिंह ने मेरे साथ गद्दारी की। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि मुझे रोहतक सीट पर समर्थन कर दो।”

चढ़ूनी ने कहा कि हुड्डा को पूरे हरियाणा के लिए बात करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने सिर्फ अपनी बात की। किसान नेता ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में हुड्डा ने कई बड़े नेताओं को दरकिनार किया और किसान नेताओं से भी पल्ला झाड़ लिया था। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में भूपेंद्र हुड्डा ने विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई। यह भूमिका किसान यूनियन ने निभाई है।

चढूनी ने किसान आंदोलन का किया था नेतृत्व

हरियाणा विधानसभा चुनावों में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी बुरी तरह से चुनाव हार गए हैं। उन्होंने पिहोवा सीट से चुनाव लड़ा था। चढूनी को सिर्फ 1170 वोट ही मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। गुरनाम सिंह चढूनी पाँचवें नंबर पर रहे। 

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