मुस्लिमों को भी हिंदू देवी देवताओं का अपमान बंद करना होगा ; हिन्दुओं के बर्दाश्त करने की अग्नि-परीक्षा मत लो

सुभाष चन्द्र 

कल के लेख में मैंने लिखा था कि यति नरसिंहानंद सरस्वती के पैग़म्बर मुहम्मद के लिए बोले हुए कथित शब्दों से मुस्लिम समाज आंदोलित है तो दूसरी तरफ मुस्लिम भी हिंदू देवताओं के अपमान करने में पीछे नहीं रहते लेकिन वे उस पर रोक नहीं लगाना चाहते। क्यों? आखिर मुस्लिम कट्टरपंथी हिन्दुओं को उकसाने का दुस्साहस किसके इशारे और किसके दिए चंद चांदी के टुकड़ों के लिए कर रहे हैं? आम शांतिप्रिय मुसलमान को इस मुद्दे पर खुलकर सामने आना होगा, अन्यथा उन्हें हिन्दू विरोधी इन उत्तेजित बयानों का गुप्त समर्थन देकर देश को गुमराह कर रहे हैं, पागल बना रहे हैं।      

याद होगा पेंटर MF Hussain हिंदू देवियों माँ दुर्गा आदि की नग्न पेंटिंग बनाता था, क्या कभी किसी मुस्लिम ने उसे ऐसा करने से रोका, कभी नहीं बल्कि वो और सेकुलर ब्रिगेड उसकी कला को Freedom of Expression कहा करते थे वो देश छोड़ कर चला गया और लंदन में मौत हुई लेकिन उसने कभी अपनी हरकतों के लिए माफ़ी नहीं मांगी ये थी हिंदू विरोध की कट्टरता की पराकाष्ठा

मुस्लिम हिंदू देवी देवताओं के नाम पर ढाबे, रेस्टोरेंट और होटल खोल कर थूक और पेशाब मिला खाना खिलाते हैं हिंदुओं को, वह क्या हिंदू देवी देवताओं का अपमान नहीं है, उन्हें क्या कभी किसी ने रोकने की कोशिश की है और कहा है कि ये सब ढाबे इत्यादि अपने या इस्लामिक नाम से और पैगम्बर साहब के नाम से खोले

आज कोई हिंदू त्यौहार ऐसा नहीं है जिस पर मुस्लिम हमले न करते हों, हनुमान जयंती शोभा यात्रा, रामनवमी शोभा यात्रा और अब कल तक चली दुर्गा पूजा पंडालों में पत्थरबाज़ी, मूर्तियों को तोड़ना जैसे आम बात हो गई मुस्लिमों के लिए बांग्लादेश में क्या किया दुर्गा पूजा में और ममता सरकार ने भी दुर्गा पूजा पर कई रोक लगाई, क्या किसी ने ऐसा करने से किसी को भी रोका है? सोंचों जिस दिन हिन्दुओं ने मुस्लिम त्योहारों पर हमला करना शुरू किया, उस स्थिति में कोई हिन्दुओं को दोषी कहने से पहले अपने गिरिवान में झांक कर देखना होगा। पहल किसकी तरफ हो रही थी? आखिर हिन्दू कब तक बर्दाश्त करता रहेगा? आखिर बर्दाश्त की भी एक सीमा होती है। आम मुसलमान से लेकर न्यायालय तक को इस कड़वी सच्चाई पर विचार करना होगा।    

लेखक 
चर्चित YouTuber 
क्या किसी मुस्लिम ने बार बार अमरनाथ यात्रा पर हमले होने की कभी निंदा की है, जबकि भारत सरकार की तरफ से हज पर जाने वालों को पूरी सुविधा मिलती है आज सभी मुस्लिम संगठन वक़्फ़ बिल पर शोर मचा रहे हैं लेकिन क्या किसी ने वक्फ बोर्ड को हिंदुओं की संपत्तियों को वक्फ की बता कर जबरन कब्ज़ा करने से रोका?

मैं पहले ही कह चुका हूं कि यति ने गलत बोला और मेरे जैसे अनेक लोग होंगे जो उसकी बात की निंदा करेंगे लेकिन इक़रा हसन जैसी मुस्लिम लीडर या किसी भी मुस्लिम ने जाकिर नाइक के खिलाफ एक शब्द भी बोला उसके दो दिन पहले जो मुस्लिम महिलाओं के लिए जहर उगलने  और उन्हें “बाज़ारू” और “पब्लिक प्रॉपर्टी” कहने के लिए? यह बात उसने दुनिया भर की मुस्लिम औरतों के लिए कही जिनमे भारत की इकरा हसन भी शामिल हैं हिंदू धर्म इस तरह अपनी महिलाओं को जलील नहीं करता

मुस्लिम महिलाओं को "बाजारू" और "पब्लिक प्रॉपर्टी" कहकर अपमानित करने पर ज़ाकिर के खिलाफ जेहादी पत्रकार, औरतों के रहनुमा और 'सिर तन से जुदा' गैंग को क्या सांप सूंघ गया है? अगर यही बात किसी हिन्दू ने कह दी होती ये सब चील-कौओं की चिल्ला रहे होते। ये है इनका दोगलापन।      

  

छोटी छोटी हिंदू बच्चियों का बलात्कार करना और लव जिहाद में फंसाकर मुस्लिम बनाना एक आम बात हो गई, कोई उसके खिलाफ नहीं बोलता और सुप्रीम कोर्ट भी ऐसे अपराधियों के लिए नरमी दिखा देता है यह कह कर कि every sinner has a future लेकिन वो खुद अपने को Sinner मानते हैं क्या?

बहुत बातें हैं जिन पर मुस्लिमों को स्वतः विचार करना चाहिए अंत में अकबरुद्दीन ओवैसी की बातें बताता हूं जो उसने अपने लोगों का मजमा लगा कर कहीं और सब तालियां पीट रहे थे किसी मुस्लिम ने उसे नहीं रोका उसने कहा -

“वो क्या क्या पूजा करते हैं,

कितने राम लक्ष्मण दुर्गा लक्ष्मी क्या क्या हैं रे, कित्ते भई,

हर आठ दिन में एक पैदा हो जाता है, 

अब तो नए आ गए, गणेश, ये थे वो थे, 

अब हनुमान जयंती आ गई, रामनवमी आ गई,

लक्ष्मी मालूम थी, 

ये भाग्यलक्ष्मी आज तक नहीं सुने, 

ये कौन सी है भाई, दुर्गा सुने, ये सुने 

ये क्या क्या बोलूं कैसे कैसे नामा हैं, 

ये मुबारक महफ़िल में वो मनहूस नामों के लेके ख़राब नहीं करना चाहता”

यति ने तो माना गलत बोला लेकिन कोई अकबरुद्दीन ओवैसी के लिए कहेगा कि उसने हिंदू देवी देवताओं का अपमान करके गलती की है? 

सच तो यह है कि यह हिंदुओं की सहिष्णुता है जिसकी वजह से देश में शांति रहती है अन्यथा तो बलवा होने में देर न लगे

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