नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी के रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के कभी फौजियों की समस्याओं को समझने की कोशिश नहीं की। फर्नांडिस के फौजियों के बीच जाने पर मालूम फौजी गैस सिलेन्डर न मिलने के कारण लकड़ियों पर खाना बनाते हैं, जबकि कागजों में सिलेन्डर सप्लाई किया जाता था। जिसे दिल्ली आते ही प्रधानमंत्री से तुरंत मिल इस घोटाले को बता गैस सप्लाई का काम शुरू करवाया। फौजियों की समस्याओं को समझने उनके बीच जाना पड़ेगा जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बखूबी कर रहे हैं। दूसरे, लाल बहादुर शास्त्री के मोदी दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री है जिन्होंने फौज को खुली छूट दी है। उनकी समस्याओं को समझने एक परिवार की भांति मिलते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी सेना के जवानों के साथ ही दिवाली मनाते रहे हैं, जवानों को ही अपना परिवार कहते हैं और इस परिवार के लोग भी उन्हें अपने बीच पाकर बहुत खुश होते हैं। पिछले 11 साल में मोदी ने कहां कहां दिवाली मनाई, ये देखते हैं -
-2014 : सियाचिन;
-2015 : डोगराई युद्ध स्मारक, खासा अमृतसर;
-2016 : किन्नौर, हिमाचल प्रदेश;
-2017 : गुरेज़ सेक्टर, LOC, जम्मू & कश्मीर;
-2018 : हरसिल, उत्तराखंड;
-2019 : राजौरी;
-2020 : जैसलमेर;
-2021 : नौशेरा;
-2022 : करगिल;
-2023 : लेपचा, हिमाचल; और
-2024 : कच्छ, गुजरात
लेखक चर्चित YouTuber |
जो लोग ऐसे जवानों पर संदेह करते हैं, और उनके कामों के सबूत मांगते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए - मोदी, ऐसा नहीं है प्रधानमंत्री बनने के बाद ही जवानों के मिल रहे हैं बल्कि वो मुख्यमंत्री रहते हुए भी दिवाली पर जवानों से संपर्क रखते थे। कोई क्या मुकाबला करेगा मोदी से। सबूत गैंग आज भी जवानों के पास जा सकता है लेकिन देश के प्रति कुछ समर्पण भाव भी होना चाहिए जो विपक्ष में है नहीं।
देश के जवानों के भरोसे ही मोदी कहते हैं, मैं देश नहीं झुकने दूंगा और जवान भी उनके वचन को पूरा करते हैं और देश को पूरी तरह सुरक्षित रखते हैं।
No comments:
Post a Comment