भगवंत मान को हटा कर खुद पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहता है क्या केजरीवाल? बदहाल पंजाब को पूरी तरह ख़त्म करने का लक्ष्य है; “नौटंकीबाज, मक्कार और नटवरलाल”(केजरीवाल) से सावधान

सुभाष चन्द्र
अभी एक महीना भी नहीं हुआ जब 10 अक्टूबर को केजरीवाल ने अपने खास सिपहसालार बिभव कुमार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का Chief Advisor बना कर भेजा था जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी लेकिन शायद मान पर केजरीवाल अपना पूर्ण नियंत्रण चाहता था। और अब 2 दिन पहले भगवंत मान ने ऐलान किया कि वो पंजाब “आप” के संयोजक पद से इस्तीफा देना चाहते हैं क्योंकि उन्हें 7 साल हो गए हैं इस पद पर काम करते हुए

लोग कयास लगा रहे हैं कि केजरीवाल उससे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा करा कर खुद मुख्यमंत्री बनने की फ़िराक़ में बैठा है ऐसा हो भी सकता है और शायद बिभव कुमार ने अपना काम कर दिया जो केजरीवाल ने सौंपा होगा भगवंत मान का पंजाब से सफाया करने का और पहले संयोजन पद से इस्तीफा देने की बात कही गई है जिसके बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी छीन लेगा केजरीवाल 

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याद होगा फरवरी 2022 के पंजाब विधानसभा के समय कुमार विश्वास ने कहा था कि केजरीवाल ने पहले आज़ाद “खालिस्तान” का प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की थी इसलिए इसके मंसूबे कुछ भी हो सकते हैं

पंजाब का मुख्यमंत्री इसलिए बनना चाहता होगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सचिवालय में जाने पर रोक लगाई है पंजाब सरकार के कार्यालय के लिए तो कोई रोक नहीं है मुफ्त की रेवड़ियां बांट कर आज पंजाब आर्थिक रूप से इतना खोखला हो चुका है कि पंजाब सरकार को अब 2000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने के लिए राज्य के कई शहरों में सरकारी सम्पत्तियों की नीलामी करनी पड़ी है

यदि पंजाब का मुख्यमंत्री केजरीवाल बनता है तो रही सही कसर पंजाब को बर्बाद करने की वह निकाल देगा दिल्ली शराब घोटाले में अप्रत्यक्ष रूप से पंजाब सरकार भी शामिल थी लेकिन केजरीवाल वहां जाकर नई शराब नीति बना कर दिल्ली की तरह माल बनाएगा

लेकिन दो दिन पहले केजरीवाल ने पिछले एक दशक का चल रहा एक Joke फिर से दोहराया है यह कह कर “कि पिछले 10 साल में मैंने दिल्ली में पूरी ‘ईमानदारी” से काम किया है”

एक तरफ आप कहते हो मोदी हमें काम नहीं करने देता तो फिर दिल्ली में कौन से ऐसे  काम कर दिए आपने, जो मोदी ने नहीं रोका? मोदी काम नहीं करने देता ये केजरीवाल का सबसे बड़ा झूठ है मोदी काम करने से रोकता तो क्या होता, कुछ उदहारण देखिए -

-तो केजरीवाल अब तक 10 साल में यमुना की सफाई करा देता, हर साल दोहरा कर नई नई तारीख न बताता कि कब यमुना में वह लोगों के साथ डुबकी लगाएगा; यमुना साफ़ करना   छोड़िए, NGT ने फरवरी, 2023 में केजरीवाल की सरकार पर यमुना में सीवेज का पानी छोड़ने के लिए 6100 करोड़ रूपए का जुर्माना लगाया था; 

-तो केजरीवाल अपने लिए 55 करोड़ का “शीश महल” न बनवा पाता;

-तो केजरीवाल नई शराब नीति बना कर घोटाला न करता; 

-तो केजरीवाल पन्नू के SFJ से 136 करोड़ की रकम न लेता जिसके सबूत पन्नू दावा करता है उसके पास हैं;

-तो केजरीवाल मोदी की डिग्री के लिए कोर्ट कचहरी न करता फिरता 10 साल से -

अभी केजरीवाल एक फ्रॉड और नया कर रहा है दिल्ली वालों के साथ अब कह रहा है कि यदि उसकी सरकार फरवरी में फिर से बनी तो मार्च में सबके बिजली के बिल माफ़ कर देगा करने हैं तो आज कर, मार्च की बात क्यों करते हो, अभी तो कोई चुनाव आयोग की भी रोक नहीं है और मोदी भी नहीं रोक रहा

ऐसा सुना है विकासपुरी में जब केजरीवाल 2 दिन पहले गया तो लोग वह पानी बोतल में ले गए थे जो उनके घर में आता है और उसे कहा कि सबके सामने पिए लेकिन पी नहीं सका क्योंकि उसमे बदबू थी और भाग खड़ा हुआ जब लोगों ने “go back kejariwal” के नारे लगाए

ऐसे “नौटंकीबाज, मक्कार और नटवरलाल” से सावधान

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