मैक्रो का इज़रायल के खिलाफ विलाप दुर्भाग्यपूर्ण है। जो उन्होंने कहा, वह उन्हें G7 की बैठक में कहना चाहिए था।
Emmanuel Macron ने कहा -
“जंग रोकने के लिए राजनीतिक समाधान की जरूरत है;
हमें गाज़ा में लड़ने के लिए हथियार भेजना बंद करना चाहिए;
जंग रोकने की बजाय नेतन्याहू ने दूसरा विकल्प चुना है;
वो लेबनान की धरती पर जमीनी अभियान चलाने लगे हैं;
किसी भी कीमत पर लेबनान नया गाज़ा नहीं बनना चाहिए;
युद्ध विराम के बाद भी जंग नफरत पैदा कर रही है;
लेखक चर्चित YouTuber |
सभी देश कड़ा फैसला लें, इज़रायल को हथियार सप्लाई न करें”।
नेतन्याहू का जवाब -
“मैक्रो को ऐसे बयान के लिए शर्म आनी चाहिए;
क्या ईरान हिज़्बुल्लाह, हूती, हमास को हथियार भेजना बंद कर रहा है;
इज़रायल, ईरान के नेतृत्व वाली बर्बर ताकतों से लड़ रहा है;
ईरान के साए में आतंक की धुरी एक साथ खड़ी है;
इज़रायल सभ्यता के दुश्मनों के खिलाफ 7 मोर्चों पर लड़ रहा है;
सभी सभ्य देशों को इज़रायल के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए;
लेकिन कुछ पश्चिमी देश इज़रायल पर पाबंदी की मांग कर रहे हैं;
इज़रायल इन पश्चिमी देशों की मदद के बिना भी जीतेगा;
इज़रायल तब तक नहीं रुकेगा, जब तक हम लड़ाई जीत नहीं जाते।
मैक्रो को केवल गाज़ा और लेबनान दिखाई दे रहा है कि वे इज़रायल के निशाने पर हैं लेकिन वह ईरान को नहीं देखते, जो हमास, हिज़्बुल्ला और हूती को पाल रहा है और जिसने 7 अक्टूबर के हमास के इज़रायल पर हमले को सही कहा है। हिज़्बुल्ला की ताकत का अनुमान मैक्रो को नहीं है शायद, वो किसी Independent Desh की तरह ताकत रखना है। हमास और हूती भी इसी श्रेणी हैं। ये सब ईरान के साथ मिल कर इज़रायल का दुनिया से नामोनिशान मिटा देना चाहते हैं।
मैक्रो इज़रायल को रोक कर उसका खत्म होना देखना कहते हैं क्या और आतंकियों को समर्थन देना चाहते हैं।
मैक्रो ने कोई political maturity का परिचय नहीं दिया। उनको नहीं पता ईरान केवल इज़रायल के ही खतरा नहीं है, वह अंततः अमेरिका और पश्चिमी देशों से भी टकराएगा। मैक्रो को अपने देश की हालत देख लेनी चाहिए जो शरणार्थियों ने दुर्गति की हुई है जो जब मर्जी फ्रांस को आग लगा देते हैं।
हंगरी के प्रधानमंत्री Viktor Orban की बात मैक्रो और पूरे यूरोपीय देशों को समझनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि George Soros का प्लान European Civilization को ख़त्म कर पूरे यूरोप का islamization करने का है।
इज़रायल अकेला लड़ रहा है यहूदियों, ईसाइयों, हिंदुओं और अन्य गैर-मुस्लिमों और उनकी सभ्यताओं को बचाने के लिए। यह बात क्यों नहीं समझ रहे मैक्रो कि इज़रायल के सामने आज से नहीं नहीं उसके जन्म से अस्तित्व का संकट खड़ा किया हुआ है इस्लामिक देशों ने। वो यदि टक्कर न दे तो सब मिलकर इज़रायल को खा पी कर हज़म कर जायेंगे।
एक बात के लिए इज़रायल को दोष दिया जा रहा है कि उसने महिलाओं और बच्चों की हत्या की है लेकिन कोई यह नहीं समझता कि आतंकी जब स्कूलों और अस्पतालों को ढाल बनाएंगे और उनमे अपने अड्डे बना कर हथियार और मिसाइल रखेंगे तो उनमे हमले होना स्वाभाविक है लेकिन फिर भी अनेक जगह इज़रायल सभी लोगों को हमले से पहले बाहर भी निकाल देता है।
मैं यहूदियों की हिम्मत, और देशभक्ति के सामने नतमस्तक हूं। हिंदुओं के लिए एक बात कही जाती है कि जब तक आग उनके घर तक न आ जाए, वो आज भी आतंक के साथ खड़ी कांग्रेस को वोट देते हैं, वो जागते नहीं, वो काम आज मैक्रों ने किया है इज़रायल पर पाबंदी की मांग करके आतंकियों के साथ खड़े हो गए। शर्म की बात है।
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