उत्तर प्रदेश : अशांति फ़ैलाने वाले मोहम्मद जुबैर पर UP में FIR: आरोप- मुस्लिमों को भड़का कर डासना मंदिर पर करवाया हमला, यति नरसिंहानंद की हत्या की रची साजिश; आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) भी लगाया जाए

यति नरसिंहानंद की रिहाई और मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की माँग को लेकर गाजियाबाद में प्रदर्शन (फोटो साभार: ऑपइंडिया)
गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर पर 4 अक्टूबर 2024, शुक्रवार के दिन बड़ी संख्या में मुस्लिम भीड़ जमा हो गई। आरोप है कि यह भीड़ मंदिर में घुसने की कोशिश कर रही थी और उन्मादी नारे लगा रही थी। पुलिस ने किसी तरह मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला। इस घटना से हिंदू समुदाय में गुस्सा फैल गया, और उन्होंने हिंसा भड़काने वालों पर सख्त कार्रवाई की माँग की। हिन्दू विरोधी एजेंडा चलाने वाले ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को इस घटना का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है और उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की जा चुकी है। हालाँकि, लोगों की माँग थी कि आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) भी लगाया जाए और अगर ऐसा नहीं हुआ तो 13 अक्टूबर को महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की गई है।

भाजपा नेत्री डॉ. उदिता त्यागी, जो खुद को इस घटना की चश्मदीद और पीड़ित बता रही हैं, ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। 7 सितंबर 2024 को दी गई इस शिकायत में उन्होंने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर से कहा कि डासना मंदिर पर हमला एक सोची-समझी साजिश थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय को इस हमले के लिए मोहम्मद जुबैर, असदुद्दीन ओवैसी और अरशद मदनी ने भड़काया था। इस हमले में बाहर से आए मुस्लिमों की भी संलिप्तता बताई गई है। ऑपइंडिया के पास शिकायत की कॉपी मौजूद है।

डॉ. उदिता का दावा है कि इस हिंसा के पीछे यति नरसिंहानंद गिरी की हत्या की साजिश थी। उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि यति नरसिंहानंद को 5 अक्टूबर को अवैध तरीके से हिरासत में लिया गया। डॉ. उदिता ने माँग की है कि हमलावरों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। उनकी इस शिकायत पर मंदिर के अंदर मौजूद हिंदू समाज के दर्जनों लोगों के हस्ताक्षर हैं। ये वो लोग बताए जा रहे हैं जो हमले के समय डासना मंदिर के अंदर मौजूद थे।

इस शिकायत के बाद मोहम्मद जुबैर के खिलाफ गाजियाबाद के कवि नगर थाने में केस दर्ज हुआ है। यह केस भारतीय न्याय संहिता की धारा 196, 228, 299, 356(3) और 351(2) के तहत दर्ज किया गया है। ऑपइंडिया के पास FIR की कॉपी भी मौजूद है।

डॉ. उदिता ने अपने वीडियो बयान में मोहम्मद जुबैर के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज करने की माँग की थी। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर पर हमला करने वालों पर NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। यति नरसिंहानंद सरस्वती को रिहा करने और मोहम्मद जुबैर पर केस दर्ज करने सहित हमलावरों पर NSA न लगने की स्थिति में 13 अक्टूबर को महापंचायत आयोजित की जाएगी। उदिता के मुताबिक, यह महापंचायत ऐतिहासिक होगी।

डॉ. उदिता ने पुलिस कमिश्नर को एक और शिकायत दी, जिसमें मोहम्मद जुबैर की कई कथित गतिविधियों का जिक्र किया गया है। उन्होंने दावा किया कि जुबैर ने 10 हिंदूवादी लोगों की एक सूची बनाई है, जो कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। इस सूची में उनका नाम भी शामिल है, और उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिली हैं। उन्होंने नूपुर शर्मा केस का हवाला देते हुए कहा कि जुबैर उस मामले में 6 निर्दोषों की मौत का जिम्मेदार था।

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डॉ. उदिता का मानना है कि अगर मोहम्मद जुबैर को जेल नहीं भेजा गया, तो वह कई हिंदुओं के जीवन के लिए खतरा बना रहेगा। डॉ. उदिता के अलावा, हिंदू रक्षा दल ने भी यति नरसिंहानंद की रिहाई की माँग करते हुए ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने पुलिस से मंदिर पर हमला करने वाली भीड़ पर सख्त कार्रवाई की माँग की। इस दौरान हिंदू संगठनों से जुड़े कई पदाधिकारी मौजूद रहे। ऑपइंडिया के पास इस ज्ञापन की प्रति मौजूद है।

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