‘कु#त्ते जैसी है मीडिया’: CPM नेता कृष्णदास का विवादित बयान, विपक्षियों ने घेरा, पार्टी भी झाड़ रही पल्ला

                                                               सीपीएम नेता एनएन कृष्णदास 
सीपीएम के केरल राज्य समिति के सदस्य एनएन कृष्णदास ने मीडिया को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की है। उन्होंने पत्रकारों की तुलना कुत्ते और गिद्धों से की। कृष्णदास ने कहा कि मीडिया वाले ऐसे घूम रहे हैं, जैसे कसाई की दुकान के बाहर कुत्ते घूमते हैं। वे गिद्धों की तरह माइक लेकर आते हैं। इसको लेकर उनकी तीखी आलोचना हो रही है। हालाँकि, उन्होंने माफी माँगने से इनकार कर दिया।
वैसे मीडिया को भी इस गंभीर आरोप पर आत्मचिंतन करना चाहिए। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि बिना चिंगारी के धुआं नहीं निकलता। जिस तरह छद्दम धर्म-निरपेक्ष पार्टियां मुस्लिम वोट को नाराज नहीं करने तुष्टिकरण करती हैं उसी तरह मीडिया भी विज्ञापनों की आड़ में पार्टियों से मोटी रकम लेने के चक्कर में कई अहम् मुद्दे उठाती ही नहीं। देखिए मीडिया ने कभी दिल्ली में केजरीवाल सरकार से पूछा कि जब दिल्ली में तुम्हारी सरकार आने के बाद ही प्रदुषण की समस्या क्यों हो रही है? दूसरे, बांग्लादेश पत्रकार ने राहुल गाँधी पर उनके बच्चे होने और दोहरी नागरिकता का पर्दाफाश किया, सोशल मीडिया पर तो यह मुद्दे कई दिन गर्म रहा लेकिन नेशनल मीडिया में हल्का-सा या कहें दिखावा करने के लिए बता कर कभी पलट कर नहीं देखा। अगर यही मुद्दा बीजेपी के खिलाफ होता खूब चौपालें लग रही होती।    

कृष्णदास ने कहा, “मीडिया सुबह से ही कसाई की दुकान के बाहर घूमने वाले कुत्तों की तरह घूम रहा है। अगर वे गिद्धों की तरह माइक लेकर आएँ तो मैं जवाब नहीं दे सकता।” उनके इस बयान पर विपक्ष से लेकर मीडिया तक में उनकी आलोचना हो रही है। हालाँकि, तमाम आलोचना के बावजूद कृष्णदास अपनी बात पर अड़े हैं और कहा कि उन्होंने जो भी कहा, वो सोच-समझकर कहा।

अपने बचाव में कृष्णदास ने कहा, “मैंने सोच-समझकर और अच्छे इरादे से बात की। (अब्दुल) शुक्कूर के घर पर बड़ी भीड़ जमा हो गई थी, जिससे असुविधा हो रही थी। मीडिया का उद्देश्य रिपोर्ट करना नहीं था, बल्कि कहानी को दक्षिणपंथी पक्ष की ओर मोड़ना था। मैं अच्छे इरादे से कही गई अपनी बात पर कायम हूँ।” मीडिया को दक्षिणपंथी बताते हुए उन्होंने माफी माँगने से इनकार कर दिया।

वहीं, सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य ए विजयराघवन ने कहा कि पार्टी को मीडिया से कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा कि मीडिया समाज में एक लोकतांत्रिक संस्था के रूप में कार्य करता है। हालाँकि, बचाव में उन्होंने यह भी कहा कि वामपंथ की आलोचना स्वीकार्य है, लेकिन जब गलतियाँ सामने आती हैं तो प्रतिक्रिया देना भी स्वाभाविक है।

वहीं, कृष्णदास के बयान के बाद सीपीएम बैकफुट पर आती दिख रही है। इस विवाद के बाद सीपीएम के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने कहा कि रचनात्मक आलोचना उचित भाषा का इस्तेमाल करके की जानी चाहिए। गोविंदन ने कहा कि कड़ी आलोचना को भी अच्छी भाषा में ही व्यक्त किया जाना चाहिए।

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल के लिए कृष्णदास की आलोचना की। कॉन्ग्रेस नेता सतीशन ने कहा, “कृष्णदास की टिप्पणी सीपीएम की भाषा को दर्शाती है। मीडिया केवल अपना काम कर रहा था।” पलक्कड़ यूडीएफ उम्मीदवार राहुल ममकूटथिल ने कहा कि पत्रकारों की तुलना कसाई के दुकानों के बाहर घूमने वाले कुत्तों से करना ठीक नहीं है।

दरअसल, केरल के पलक्कड़ के पूर्व क्षेत्र समिति सदस्य अब्दुल शुक्कूर ने सीपीएम छोड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद मीडिया उनके बयान को लेकर उनके बयान दर्ज करना चाहती थी। इस बीच शुक्कूर सीपीएम राज्य समिति के सदस्य एनएन कृष्णदास के साथ एलडीएफ सम्मेलन स्थल पर आए और मीडिया को लेकर उन्होंने यह बयान दे दिया।

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