योगी के “बटोगे तो कटोगे” के नारे से आज वो लोग परेशान हैं तो 75 साल से हिंदुओं को बांटते आ रहे हैं और आज भी उनमें जातिवाद का जहर घोल कर उन्हें बांट रहे हैं और जो मुसलमानों को खुश करने के लिए अयोध्या में कारसेवकों को गोलियों से भूनने में आगे थे। वो हिंदुओं को बांट कर मुसलमानों को एकजुट करते रहे और आज भी कर रहे हैं लेकिन जब “बटोगे तो कटोगे” के नारे से हिंदू एकजुट होने लगा तो पूरे विपक्ष के पेट में मरोड़ लग गए। वो मुसलमानों को मोदी के खिलाफ जो भी चुनाव हो, मोदी को हराने के लिए मुसलमान एकमुश्त वोट कर रहे हैं। एक लेख में मैंने पहले भी लिखा था कि मुस्लिम उलेमाओं ने MVA के सामने मुस्लिम वोट पाने के लिए 5 शर्तें रखी थी जो अब 17 हो गई हैं जिनमें RSS जैसे देशभक्त संगठन को को बैन करना भी शामिल है और शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस ने उनकी शर्तें स्वीकार कर भी ली है।
हिन्दुओं को जातियों में बांटने वालों की दूसरे मजहबों को जातियों में बांटने की औकात नहीं। जिस दिन बोल भी दिया अगले ही सेकंड उनसे माफ़ी मांगने नाक रगड़ते नज़र आएंगे। हिन्दुओं इन लोगों से पूछो कि क्यों शोभा यात्राओं, दीवाली और अन्य त्योहारों पर पत्थरबाज़ी होती है? हज़ारों की संख्या में पत्थर एकदम कौन सप्लाई कर रहा है? किसी विपक्षी का मुंह नहीं खुलता, क्यों? क्या हिन्दुओं को डराने यानि धमकाने में इनका समर्थन है?
लेखक चर्चित YouTuber |
मतलब विपक्ष मुसलमानों का एकमुश्त वोट पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार है। फिर हिंदुओं को एकजुट करने की मुहिम से दर्द क्यों है? देश भर में हिंदुओं के त्योहारों के उत्सवों में, शोभा यात्राओं पर और मूर्ति विसर्जनों पर मुस्लिम हमले कर रहे हैं। उसे रोकने लिए अगर हिंदुओं को को एकजुट करने के लिए अभियान चलाया गया तो दर्द क्यों है?
कांग्रेस ने पाकिस्तान के आतंकी कसाब और उसके साथियों से 175 लोग कटवा दिए; कश्मीर में हिंदू बंटे हुए थे तो कांग्रेस और अब्दुल्ला की जोड़ी ने 1990 में हिंदू कटवा कर बाहर फ़ेंक दिए; बंगाल में हिंदुओं को बांट कर ममता उन पर हर तरह से जुल्म ढा रही है लेकिन फिर भी मुस्लिम बात करते हैं हिंदुओं से भाई चारे की। जब औरंगजेब अपने भाइयों के साथ “भाई चारा” नहीं निभा सका तो मुस्लिम हिंदुओं के साथ कैसे “भाई चारा” निभा सकते हैं, वे तो उन्हें बस चारा ही समझ सकते हैं।
लोग साठ की उम्र में “सठिया” जाते हैं लेकिन खड़गे तो 80 की उम्र में “असिया” गए हैं, वो योगी के लिए गंभीर आपत्तिजनक भाषा बोले हैं। उन्होंने कहा है कि “लोग साधु का वेश में राजनेता बन जाते हैं और कुछ तो मुख्यमंत्री भी बन जाते हैं, वो गेरुआ वस्त्र पहनते हैं और सिर पर बाल नहीं होते, भाजपा वाले या तो सफ़ेद वस्त्र पहने या सन्यासी हो तो गेरुआ वस्त्र पहने लेकिन राजनीति से बाहर हो जाएं, योगी की भाषा एक आतंकी की भाषा है”।
आतंक फैलाने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या को देश में घुसा कर कांग्रेस ने हिंदुओं को काटने का ही काम किया। बांग्लादेश में हिंदुओं को कटता हुआ देख कर कांग्रेस और समूचा विपक्ष खामोश है जो बताता है, कि उनके लिए हिंदुओं का दमन “मोहब्बत की दुकान” का एक बिकाऊ सामान है।
देश के संविधान में खाली पन्ने लेकर संविधान का मज़ाक ही नहीं उड़ाया राहुल गांधी बल्कि कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर में 70 साल तक संविधान लागू न करके संविधान की तो हत्या ही कर दी, और बचाने चले हैं संविधान को। इससे बड़ा फ्रॉड और क्या हो सकता है?
मोदी, योगी, भाजपा और RSS से कांग्रेस और पूरे विपक्ष को डर है कि ये ही हिंदुत्व की जड़ें मजबूत करने में सक्षम हैं। इसलिए सम्पूर्ण हिंदू समाज को सभी मतभेद भुला कर एकजुट होकर मोदी के नाम पर वोट देना चाहिए वरना कांग्रेस हिंदुओं का क्या हश्र कर सकती है, कोई इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता।
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