हिन्दुओं में जातपात रोने वाले I.N.D.I. गठबंधन ने एकमुश्त मुस्लिम वोट के लिए मुस्लिम कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेके ; महाराष्ट्र चुनाव से पहले ‘बेरोजगार’ मुस्लिम युवकों के खाते में 125 करोड़ रूपए ट्रांसफर, उलेमा बोर्ड ने MVA को दिया समर्थन: शर्त- RSS को बैन करो, 10% रिजर्वेशन दो

               मुस्लिम कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेकने के बाद उलेमा बोर्ड ने दिया महा विकास आघाड़ी को समर्थन
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने अपना सीधा समर्थन कांग्रेस के नेतृत्व में बने महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन को दिया है। अपने आधिकारिक पत्र में उलेमा बोर्ड ने 17 शर्तों के साथ ये समर्थन देने की बात ही है। इसमें वक्फ बोर्ड को 1000 करोड़ रुपए देने, आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने जैसी माँग की गई है।

इसके अलावा उलेमा बोर्ड ने महाविकास आघाड़ी से वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने और इसे निरस्त करने की माँग की है। वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में कानून बनाने माँग रखी है। महाराष्ट्र बोर्ड में मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण और राज्य में पुलिस भर्ती में शिक्षित मुसलमानों को प्राथमिकता देने की माँग उठाई है।

इतना ही नहीं बोर्ड ने भाजपा नेता नितेश राणे और रामगिरी महाराज को तत्काल कारावास में डालने तथा सलमान अझेरी को रिहा करने की माँग की है। साथ ही राज्य सरकार से मोहम्मद पैगंबर के खिलाफ बोलने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानून लागू करने को कहा है। बोर्ड यह भी चाहता है कि राज्य सरकार राज्य में संचालित मस्जिदों के मौलानाओं और इमामों को 15,000 रुपए प्रति माह का भुगतान करे।

एक तरफ उलेमा बोर्ड ने अपना समर्थन देने के लिए ये सारी शर्तें रखी हैं तो दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि एनसीपी नेता शरद पवार ने इन सभी स्थितियों पर संज्ञान लेकर इन्हें स्वीकार भी कर लिया है।

उलेमा बोर्ड की ऐसी माँगे उस समय सामने आई हैं जब पिछले दिनों खुलासा हुआ है कि कैसे राज्य में 180 एनजीओ मिलकर मुस्लिम वोटों को जुटा रही हैं ताकि राज्य से भाजपा को बाहर किया जा सके। ऐसे ही प्रयास लोकसभा चुनावों के वक्त भी हुए थे और इस बार भी शुरू हो गए हैं।

कुछ दिन पहले की बात है महाराष्ट्र के नासिक में 12 मुस्लिम युवाओं को बेरोजगार बताकर उनके अकॉउंट में 125 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। हर युवक के अकॉउंट में 12-15 करोड़ भेजे गए। रकम को जमा कराने वाला सिराज अहमद था जो कि एक लोकल व्यवसायी है। उसने मालेगाँव मर्चेंट बैंक के जरिए ये रकम भिजवाई थी। इस मामले के खुलासे के बाद अब नासिक पुलिस जाँच कर रही है कि ये कोई धोखाधड़ी का मामला है या इसके पीछे मंशा अलग है।

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