राहुल गांधी का भारत में लोकतंत्र खतरे में बताना फटा ढोल निकला - उधर कनाडा पर “खालिस्तानी वक्फ बोर्ड” का कब्ज़ा हो गया - ट्रंप से अपेक्षा

सुभाष चन्द्र

राहुल गांधी अमेरिका जाकर ढोल पीट पीट कर कहता था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में और अमेरिका से कहता था कि हमारे लोकतंत्र को बचाने में मदद करें। राहुल गांधी ने डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर उन्हें भेजे बधाई संदेश में लिखा “"Under your leadership, we are confident that our nations will further deepen cooperation in areas of mutual interest”. लेकिन ये Mutual interest भी तो लोकतंत्र पर आधारित होता है

अमेरिका और भारत में हुए चुनावों में लगे नारों में समानता को देख जाहिर है दोनों देशों का विपक्ष दूसरे के हाथ एक कठपुतली है और जो दूसरे के इशारे पर नाचता हो ऐसे नेताओं और पार्टियों से देशहित के बारे में सोंचना सबसे बड़ी मूर्खता है। ऐसे नेता और उनकी पार्टियां देशहित नहीं अपने आकाओं के हित में सोंचेगी और काम करेंगे।  

इसके साथ ही कमला हैरिस को भेजे गए संदेश में राहुल गांधी ने खुद स्वीकार किया कि हमारा लोकतंत्र मजबूत है उसने कमला को लिखा -

“Under the Biden administration, India and the US have deepened cooperation on issues of global importance. Our shared commitment to democratic values will continue to guide our friendship”. 

लेखक 
चर्चित YouTuber 

ये लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्धता (commitment to democracy) से मतलब देश के लोकतंत्र से है न कि राहुल गांधी की अपनी खोपड़ी के लोकतंत्र से और यह कह कर राहुल गांधी ने स्वयं माना कि बिडेन सरकार के समय भारत के लोकतंत्र में हमें पूर्ण आस्था थी यानी लोकतंत्र को खतरे में बताने वाला राहुल गांधी का ढोल खुद ही फट गया

कल एक खबर थी जिसमें बताया गया कि जिन कथित खालिस्तानियों को कनाडा ने पाला पोसा, उन्होंने तो कनाडा पर ही जैसे कब्ज़ा कर लिया कहें तो कथित खालिस्तानी वक्फ बोर्ड ने पूरे कनाडा पर कब्ज़ा कर लिया और कनाडा के लोगों को देश छोड़ने के लिए कह दिया

इस खबर में कहा गया कि इंटरनेट मीडिया पर दो मिनट के एक वायरल वीडियो में  खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा के लोगों को “आक्रमणकारी” बताया और उन्हें “इंग्लैंड और यूरोप वापस चले जाने के लिए कहा वीडियो में कथित खालिस्तानियों ने कहा कि “यह कनाडा है, हमारा अपना देश, कनाडा के मालिक हम हैं, गोरे लोग वापस यूरोप जाएं”

अब कनाडा का बैंड बजेगा और साथ में इन कथित खालिस्तानियों का भी क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में हो रही घुसपैठ को लेकर सख्त रुख अपना रहे हैं ट्रंप द्वारा नियुक्त सीमा मामलों के चीफ टॉम होमन ने कहा है कि कनाडा से लगती अमेरिका की सीमाएं सुरक्षित नहीं है और कनाडा की सीमा से “आतंकी” अमेरिका में घुस सकते हैं ये आतंकी खासकर खालिस्तानियों के लिए कहा गया है उन्होंने कहा कि ट्रूडो प्रशासन ने सीमा सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया भारत बार बार कहता रहा है कि ट्रूडो प्रशासन खालिस्तानी आतंकियों पर नकेल नहीं कस रहा

होमन ने कहा कि कनाडा को आतंकियों का प्रवेश द्वार नहीं बनने दिया जा सकता 

ट्रंप से अपेक्षा है कि वह गुरपतवंत सिंह पन्नू का बोरिया बिस्तर बांध कर अमेरिका से दफा करे या उसकी भारत विरोधी गतिविधियों के लिए उसे जेल में डाले? वह मोदी, अमित शाह और अन्य नेताओं को हत्या की धमकी दे चुका है और कल ही उसने अयोध्या के राम मंदिर में भी बलवा मचाने की धमकी दी है अमेरिकी संविधान और कानून ऐसे आपराधिक कृत्यों की अनुमति तो नहीं देता होगा उसकी कथित हत्या के झूठे आरोप को रद्द करे

दूसरी अपेक्षा ट्रंप से है कि बिडेन प्रशासन में चल रहे Deep State में वे कौन लोग थे जो राहुल गांधी को भारत में लोकतंत्र बचाने के अभियान में मोदी को हटाने में मदद कर रहे थे और  साजिश कर रहे थे उनकी Secret conversations Disclose की जाएं और पाकिस्तानी लोगों की भूमिका की भी जांच की जाए, इसमें Donald Lu का क्या रोल था वह भी पता किया जाए USCIRF जैसी संस्थाओं से भारत विरोधी पाकिस्तानियों को बाहर किया जाए  

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