बांग्लादेश में अब ईसाई समुदाय बना कट्टरपंथियों का निशाना, क्रिसमस के दिन 17 घरों में आगजनी

बांग्लादेश में हिन्दुओं और अब ईसाई समुदाय के साथ जो दर्दनाक जानलेवा हमले हो रहे हैं, भारत में सेकुलरिज्म, गंगा जमुना तहजीब और छद्दम धर्म निरपेक्षता के नशे में जी रहे हिन्दुओं को होश में आने की जरुरत है। हिन्दुओं को उन सभी नेताओं और उनकी पार्टियों को दरकिनार जो अपनी कुर्सी और तिजोरी की खातिर सेकुलरिज्म, गंगा जमुना तहजीब और छद्दम धर्म निरपेक्षता के नाम पर देश को गुमराह कर रहे हैं।  

घटना बांग्लादेश के बंदरबन इलाके की है। क्रिसमस की रात अपना घर राख हो जाने की वजह से लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं

25 दिसंबर का दिन पूरी दुनिया क्रिसमस के जश्न में डूबी थी पर बांग्लादेश के बंदरबन (Bandarban) में कुछ उपद्रवियों को ये जश्न रास नहीं आया बंदरबन में रहने वाले परिवार जब क्रिसमस की प्रार्थना के लिए पास के गांव में गए थे, उसी दौरान उनके घरों में आग लगा दी गई ये पूरी घटना बंदरबन चटगांव के पहाड़ी इलाके में पड़ने वाले लामा सराय के एसपी गार्डन में हुई है 

ये गार्डन शेख हसीना की सरकार में बड़े पुलिस अधिकारी रहे बेनजीर अहमद का था ईसाई समुदाय के लोगों का कहना है कि पहले यहां उनकी ही जमीनें थीं, पर बेनजीर अहमद के लोगों ने उस पर कब्जा कर रखा था उन्होंने न सिर्फ कब्जा किया बल्कि जगह का नाम बदलकर एसपी गार्डन कर दिया जब शेख हसीना देश छोड़कर गईं, उसके बाद 5 अगस्त को बेनजीर भी इस जगह को छोड़कर चले गए थे क्रिसमस की शाम यहां रहने वाले ईसाई समुदाय के लोग प्रार्थना करने पास के गांव स्थित चर्च में गए थे उपद्रवियों ने घर खाली पाए और उनमें आग लगा दी लोगों ने बताया कि इस आगजनी में उनका 15 लाख टका (लगभग 10 लाख भारतीय रुपये) का नुकसान हुआ है

बांग्लादेशी मीडिया चैनल 'द डेली स्टार' की रिपोर्ट के अनुसार लामा सराय में हुई इस आगजनी में 19 में से 17 घर बर्बाद हो गए हैं इस समुदाय के मुखिया Notun Tongjhiri ने डेली स्टार को बताया

दैनिक भास्कर की रिपोर् के मुताबिक समुदाय के लोगों को पहले से ही धमकियां मिल रही थीं पीड़ित परिवार के एक सदस्य गंगा मणि त्रिपुरा ने बताया कि उन्हें 17 नवंबर से ही इलाका खाली करने को कहा जा रहा था धमकी देने वाले लोग यहां रहने के बदले बड़ी रकम की मांग कर रहे थे उन्होंने 15 लोगों के खिलाफ लामा पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई थी पर उस समय पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया अब घर राख हो जाने की वजह से लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं

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