पन्नू की धमकी पर अखाड़ा परिषद का जवाब; समय रहते सभी सिख संगठनों और सनातन विरोधियों को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए

                            भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी और पन्नू. (फाइल फोटो: एजेंसी)
13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन होना है। इसमें लगभग 4.5 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है
। गुरपतवंत सिंह पन्नू गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इसे निशाना बनाने की धमकी दी है जिसके बाद अखाड़ा परिषद की तीखी प्रतिक्रिया आई है

चर्चा यह भी हो रही है कि अगर किसी भी कारण से पन्नू अपनी घिनौनी हरकत में कामयाब हो जाता है, उस स्थिति में सिख प्रबंधक समिति क्या कार्यवाही करेगी? इस सम्बन्ध में समस्त सिख संस्थानों को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। दूसरे, पन्नू के द्वारा किसी अनहोनी होने पर हिन्दू विरोधी बयानबाज़ी करने वाले नेताओं और उनकी पार्टियों को भी समय रहते अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।     
खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, दावा किया जा रहा है कि वीडियो में पन्नू प्रयागराज महाकुंभ (Mahakumbh) को निशाना बनाने की धमकी दे रहा है भारतीय अखाड़ा परिषद ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि पन्नू अगर महाकुंभ में घुसने की हिम्मत करता है तो उसे मार-मारकर भगा दिया जाएगा। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने पत्रकारों से कहा, पन्नू नाम का जो व्यक्ति है, अगर कहीं ये हमारे महाकुम्भ में घुसने की हिम्मत करता है तो इसे मार-मारकर भगाया जाएगा। हमने ऐसे पागल सैकड़ों की संख्या में देखे हैं ये माघ मेला है, जहां सिख और हिंदू सभी एक है। पन्नू ने आपस में बांटने वाली जो बात की है, वो उचित नहीं है। सिख समाज ने ही सनातन धर्म को बचाए रखा है। पन्नू द्वारा विभाजन को बढ़ावा देने की कोशिशें बेबुनियाद है।  हमारे यहां नागा साधुओं की तरह उनके (सिखों के) यहां भी नागा साधु होते है। ये दोनों एक ही हैं और सनातन के सैनिक है। इसलिए हम इन पागलों को अधिक गंभीरता से नहीं लेते। 
पुरी ने आगे कहा कि पन्नू हमेशा से ही ऐसी भाषा का प्रयोग करता है। इसलिए उसको महत्व नहीं देना चाहिए। 
पन्नू ने धमकी क्यों दी?

23 दिसंबर को उत्तर प्रदेश पीलीभीत में 3 खालिस्तानी आतंकी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए थे।  इस मुठभेड़ का हवाला देते हुए वीडियो में पन्नू ने कथित रूप से कहा कि 14 जनवरी, 29 जनवरी और 3 फरवरी को महाकुंभ को निशाना बनाया जाएगा। 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और 3 फरवरी को बसंत पंचमी है। इन आतंकियों का ‘खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स’ नाम के संगठन से कनेक्शन सामने आया था। 

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13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होना है। इसमें लगभग 45 करोड़ लोगों के आने की उम्मीद है। पुलिस ने कहा है कि AI जैसे तकनीक के सहारे इलाके की सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। साथ ही ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। 

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