बोया पेड़ बबूल का आम कहाँ से होए यानि पाकिस्तान ने जिस आतंकवाद को पालापोसा आज वही आतंकवाद पाकिस्तान को बर्बाद करने को कमर कस चुका है। तालिबान जिस तरह पाकिस्तान पर हमले कर रहा है पाकिस्तानी आतंकवादियों की ही नींद हराम हो गयी।
अफगानिस्तान में तालिबान शासन ने शनिवार (27 दिसंबर 2024) को पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों पर बड़े हमले किए, जिसमें अब तक 19 पाकिस्तानी फौजियों के मारे जाने की खबर है। तालिबान ने यह हमला पाकिस्तान द्वारा 26 दिसंबर को अफगान सीमा पर की गई बमबारी के जवाब में किया है। पाकिस्तानी हमलों में अफगानिस्तान के 46 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें कई बच्चे भी शामिल थे। अपने एक आधिकारिक बयान में तालिबान ने खुल कर पाकिस्तान का नाम तो नहीं लिया लेकिन इशारों में परोक्ष तौर पर बताया कि उन्होंने सीमा पार हमले किए हैं।
अल जजीरा के मुताबिक, अफगानिस्तान के प्रवक्ता ने कथित ‘काल्पनिक रेखा’ (डूरंड लाइन) पर हमले की बात कबूली है। काल्पनिक रेखा नाम का यह शब्द अफगानिस्तान के अधिकारियों द्वारा उस बॉर्डर से संबंधित है जिसका विवाद पाकिस्तान से चल रहा है। तालिबान ने इन हमलों को सही ठहराते हुए कहा कि यह उनकी रक्षा और अफगान विरोधी ताकतों को खत्म करने के लिए जरूरी था।
तालिबान के प्रवक्ता इनायतुल्लाह खोवाराज़मी ने बयान देते हुए कहा, “हम इसे पाकिस्तान का क्षेत्र नहीं मानते। यह हमारी सैन्य कार्रवाई का हिस्सा था।” तालिबान डूरंड लाइन को काल्पनिक रेखा मानता है, जिसे 19वीं सदी में अंग्रेजों ने खींचा था। यह सीमा अफगानिस्तान और पाकिस्तान को अलग करती है, लेकिन तालिबान इसे कभी स्वीकार नहीं करता।
तालिबान ने कहा कि उनकी सैन्य कार्रवाई 26 दिसंबर को उनके इलाकों में पाकिस्तान की तरफ से की गई बमबारी का जवाब है। अफगानिस्तान के अधिकारियों का दावा है कि सीमा के उस पार बने ठिकानों पर कार्रवाई जरूरी थी क्योंकि ये अफगान विरोधी ताकतों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे थे। पाकिस्तानी फ़ौज के इन हमलों में अफगानिस्तान के 46 लोगों की मौत हुई थी।
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