दिल्ली सरकार ने जनता को चेताया है. (फ़ोटो - PTI)
अरविन्द केजरीवाल द्वारा मुफ्त की रेवड़ियों घोषित करते ही दिल्ली सरकार ने जनता को इन चालों से दूर रहने की सलाह दे दी है। फिर जनता केजरीवाल की घोषित रेवड़ियां ठीक कांग्रेस की खटाखट की तरह होने वाली है। दिल्ली सरकार के दो विभागों ने इसे लेकर सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। ये विभाग हैं- Women and Child Development Department, Delhi और Department of Health and Family Welfare, Delhi. वहीं, AAP के संयोजक Arvind Kejriwal ने भी जनता को आगाह किया है।
दिल्ली सरकार के दो विभागों ने दो योजनाओं को लेकर नोटिस जारी किए हैं। इनमें दिल्ली सरकार की इन दो योजनाओं को लेकर लोगों को ‘सचेत’ किया गया है। ये दो योजनाएं हैं- ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ और ‘संजीवनी योजना’। विभागों का कहना है कि ये योजनाएं फिलहाल लागू नहीं हुई हैं। इस तरह की किसी भी योजना को लेकर रजिस्ट्रेशन ना करें (Delhi Government Schemes)। इधर, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया है।
अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर पोस्ट किया. आज, 25 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ़्रेंस करने की बात कहते हुए अरविंद केजरीवाल ने लिखा, महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना से ये लोग बुरी तरह से बौखला गए हैं. अगले कुछ दिनों में फ़र्ज़ी केस बनाकर मुख्यमंत्री आतिशी को गिरफ़्तार करने का प्लान बनाया गया है। इससे पहले ‘आप’ के सीनियर नेताओं के यहां रेड करने की भी प्लानिंग है. आज 12 बजे इस पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस करूंगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा
— Amit Kumar (@AmitKum17320544) December 25, 2024
सार्वजनिक सूचना
दिल्ली की महिलाओं को मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत प्रतिमाह ₹2100 देने का दावा कर रही है यह स्पष्ट किया जाता है की दिल्ली सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना अधिसूचित नहीं की गई है pic.twitter.com/ZWBiQGZMof
इधर, दिल्ली सरकार के दो विभागों की तरफ से जो नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें कहा गया है कि दिल्ली के लोग इन दोनों योजनाओं को लेकर किसी भी व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी को निजी जानकारी न दें। क्योंकि इससे साइबर अपराध या बैंकिंग धोखाधड़ी हो सकती है। विभागों ने जनता को ऐसी ‘भ्रामक योजनाओं’ से सतर्क रहने की चेतावनी दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) ने सार्वजनिक नोटिस में कहा, ऐसी कोई योजना अस्तित्व में नहीं है, इसलिए इस ‘गैर-मौजूद योजना’ के तहत पंजीकरण के लिए फॉर्म/आवेदन को स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। अगर कोई भी फॉर्म/आवेदन इकट्ठा कर रहा है या जानकारी इकट्ठा कर रहा है, तो वो धोखाधड़ी कर रहा है और उनके पास कोई अधिकार नहीं है।
WCD के नोटिस में आगे कहा गया कि आधिकारिक योजनाओं तक सिर्फ़ विभाग की वेबसाइट के ज़रिए ही पहुंचा जा सकता है। किसी भी भविष्य की योजना के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश और आवेदन प्रस्तुत करने के लिए एक आधिकारिक डिजिटल पोर्टल होगा। वहीं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने भी ‘संजीवनी योजना’ को लेकर इसी तरह की बात कही है।
इस ‘योजना’ के तहत दिल्ली के सभी अस्पतालों में 60 साल से ज़्यादा उम्र के निवासियों के लिए मुफ्त इलाज प्रदान करने का दावा किया गया है। इधर, विभाग की तरफ से कहा गया है कि ऐसी कोई योजना मौजूद नहीं है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग जनता को इस ‘गैर-मौजूद योजना’ के तहत मुफ़्त इलाज के वादों पर विश्वास न करने, निजी जानकारी शेयर न करने और इससे जुड़े डाक्यूमेंट्स पर साइन न करने की सलाह देता है।
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