जनवरी 3 को प्रधानमंत्री मोदी ने केजरीवाल की पूंछ पर पांव रख दिया उनकी सरकार को “आपदा सरकार” और “आप” पार्टी को “आपदा पार्टी” कह कर। अब बिखर रहा है और जवाब में कह रहा है कि “आपदा” तो भाजपा में है जिसके पास “मुख्यमंत्री” का चेहरा भी नहीं है।
इसमें 2 बातें हैं, पहली, जब लोकसभा चुनाव में पूछा जाता था कि इंडी गठबंधन का प्रधानमंत्री कौन होगा, तब कहते थे कि चुनाव जीत कर फैसला कर लेंगे कौन पीएम बनेगा। मतलब तुम्हारे पास पीएम का चेहरा नहीं था तो ठीक था लेकिन भाजपा अगर मुख्यमंत्री का चेहरा प्रोजेक्ट न करे तो वह “आपदा” है?
आज “आपदा” पार्टी कांग्रेस के लिए कह रही है कि “तू मेरा न मैं तेरा” और संजय सिंह ने धमकी दी थी कि 24 घंटे में अगर अजय माकन पर कांग्रेस कार्यवाही नहीं करती तो हम इंडी गठबंधन के साथी दलों से कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने के लिए बात करेंगे। क्या हुआ इस धमकी का क्योंकि कांग्रेस ने तो माकन पर कोई एक्शन नहीं लिया? अलबत्ता संजय सिंह झाग की तरह बैठ गया।
“आपदा पार्टी” कांग्रेस से अभी उलझना नहीं चाहती क्योंकि उसे पता है कि चुनाव के बाद हो सकता है भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन करना पड़ जाए। पिछले विधानसभा चुनाव में “आप” के वोट थे 53.57%, भाजपा के 38.51% और कांग्रेस के 4.26% लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में “आप” और कांग्रेस का गठबंधन था, तब “आप” को वोट मिले 24.17%, कांग्रेस को मिले 18.91% और भाजपा को मिले 54.35%।लेखक
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अब आगे के विधानसभा चुनाव में “आप” का वोट बैंक कांग्रेस को खिसक सकता है जिससे “आप” की वोट भी कम होगी और सीट भी लेकिन भाजपा का वोट बैंक बढ़ सकता है और वह सरकार बनाने की स्थिति में हो सकती है। जनवरी 3 को एक टीवी पर चर्चा के दौरान तहसीन पुणेवाला ने भी इशारों में कह दिया कि सरकार आप की बने या कांग्रेस की बनेगी INDI गठबंधन की।
केजरीवाल पर कांग्रेस हमलावर होकर उसे नुकसान देगी और इसलिए “आप” कहती है कांग्रेस भाजपा की “B” है और कांग्रेस “आप” को भाजपा की “B” कहती है।
केजरीवाल को “आपदा” ठीक ही कहा मोदी ने क्योंकि वह घोटालों का सरगना बन बैठा। देश में कोरोना की आपदा में मोदी ने नई संसद और पूरे सेंट्रल विस्टा का निर्माण करा दिया जबकि उसी आपदा काल में केजरीवाल अपने लिए “शीश महल” बना रहा था, उस कोरोना काल में केजरीवाल ने नई शराब नीति लाकर करोड़ों का घोटाला किया। मोदी ने “आपदा” को “काम का मौका” बनाया तो केजरीवाल ने काली कमाई करने का “मौका”, फिर क्यों न कहा जाए उसकी सरकार को “आपदा सरकार”।
केजरीवाल ने 2015 से 2024 तक बार बार खुद कहा था कि वो यमुना को ऐसी साफ़ कर देगा कि लोग उसमें डुबकी लगाएंगे और अगर वह ऐसा नहीं कर सका, तो 2025 में उसे कोई वोट न दे, फिर उसे वोट क्यों दिया जाए।
केजरीवाल का एक वीडियो बाजार में और चल रहा है जिसमें वह कह रहा है कि “मैंने वादा किया था, हर घर में टूटी से साफ़ पीने का पानी पहुंचा दूंगा, यमुना को साफ़ कर दूंगा और दिल्ली की सड़कों को यूरोप की सड़कों जैसा चमका दूंगा। मैं ये तीनो काम नहीं कर पाया, एक मौका दीजिए अगले 5 साल में ये तीनो काम कर दूंगा”।
जनता केजरीवाल के झांसे में आ जाए तो मूर्ख ही होगी। कुछ महिलाएं थोड़े दिन पहले एक एक बाल्टी पानी के लिए तरसना भूल गई, उन्हें याद नहीं पंजाब में केजरीवाल ने महिलाओं को 1000 रुपए महीने देने का वादा किया था, दिया उन्हें “बाबा जी का ठुल्लू” और राहुल गांधी भी “खटा खटा खटा खटा” 8500 रुपए महिलाओं के खाते में देने का वादा कर रहा था, आज महिलाएं केजरीवाल के 2100 महीने देने के झांसे में आ रही है। कांग्रेस तो 2500 से 3000 देने की बात कर रही है।
लगता है केजरीवाल महिलाओं को 3-4 दारु की बोतल लेने का प्रबंध कर रहा है क्योंकि शराब की दुकानें तो गली गली खोल ही दी हैं।
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