दिल्ली की लालची जनता ने अरविन्द केजरीवाल की फ्री रेवड़ियों में फंस कांग्रेस की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित के विकास को गटर में डालने का जो दुस्साहस कर दिल्ली को नर्क बनाया है उसकी दोषी दिल्ली की जनता ही है अरविन्द केजरीवाल या आम आदमी पार्टी नहीं। बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने कांग्रेस ने पिछले दो चुनाव चुनाव की तरह नहीं लड़े। जिसका कांग्रेस को ही बहुत बड़ा नुकसान हुआ है कि अपनी पहचान बनाए रखने के लिए जिद्दोजहद करनी पड़ रही। वैसे कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व से कहीं अधिक इस संदीप दीक्षित और अलका लाम्बा कहीं अधिक गंभीरता से चुनावी मैदान में हैं। अपना अस्तित्व बनाए रखने के कांग्रेस के पास दिल्ली चुनाव था, उसे भी हाथ से निकाल दिया। जबकि शराब घोटाला हो या जल बोर्ड घोटाला आदि इन्हे उजागर करने वाली कांग्रेस ही है लेकिन कांग्रेस के ठीलेपन को देख बीजेपी ने लपक लिए।
अगर कांग्रेस गंभीरता से इन घोटाले के मुद्दों पर आक्रामक होती समय से पहले ही केजरीवाल सरकार को गिरने से कोई नहीं रोक सकता था। केजरीवाल के जेल जाते ही राहुल गाँधी विरोध करने लगे और कांग्रेस नेता सिंघवी वकालत करने खड़े हो गए। कांग्रेस ने खुद ही लगाई आग में पानी डालने का काम कर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी दे मारी। एक कहावत है 'जैसा खाए वैसा हो जाए मन' कांग्रेस ने विदेशी चंदा देने वालों के हाथ कठपुतली बन खुद ही अपनी पहचान ख़त्म करने में लगी हुई है। राहुल हालांकि लोकसभा में विपक्ष नेता जरूर बन गए लेकिन पद की गरिमा देखने को नहीं मिलती, ऊपर से रही सही कसर प्रियंका वाड्रा कर रही है।
जहाँ तक यमुना के प्रदूषित की बात है इस अपराध में दोषी सारी पार्टियां है। निगमबोध शमशान पर 'संगम घाट' सच्चाई बता रहा है। कोई सुनता ही नहीं।
खैर, देश की राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में सत्ता में वापसी के लिए भाजपा ने हर तरह की रणनीति अपना कर आम आदमी पार्टी (आप) के लिए चक्रव्यूह बुन दिया है। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में 2013 में पहली बार सत्ता में आई आप 11 साल बाद अपने किले को बचाने की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रही है। क्योंकि केजरीवाल समेत आप के कई मंत्रियों और विधायकों पर भ्रष्टाचार के ही आरोप हैं। पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया करोड़ों के शराब घोटाले में जेल की हवा खा आए हैं। दरअसल, केंद्र की सत्ता भाजपा के पास तीसरी बार आ चुकी है। अब दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा ने ऐडी चोटी का जोर लगा दिया है। आप को तगड़ी चुनौती देने के लिए भाजपा ने भी बिजली, छात्रवृत्ति, साफ पानी, यमुना की सफाई के साथ महिलाओं को हर माह पैसे देने जैसी ‘मोदी गारंटी’ दी है, वहीं मौजूदा कल्याणकारी योजनाएं बंद नहीं करने का भी ऐलान किया जा रहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को लुभाने के लिए आठवें वेतन आयोग और बजट में मध्यम वर्ग के लिए 12 लाख रुपए की आय को करमुक्त कर बहुत बड़ी सौगात दे दी है।
भाजपा के माइक्रो मैनेजमेंट से इस बार संकट में केजरीवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई अन्य नेताओं की सभाओं में दिल्ली की जनता उमड़ रही है। दिल्ली में चुनाव प्रचार के शोर थमने के साथ ही पांच फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी के नतीजों पर सभी की निगाहें अब टिक जाएंगी। जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है केजरीवाल की धड़कने भी बढ़ रही है। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने केजरीवाल को ऐसे चक्रव्यूह में फंसा दिया जिससे केजरीवाल बड़ी संकट में हैं। चुनाव के आखिरी दौर में बीजेपी ने अपने सांसदों की पूरी फौज को प्रचार के लिए उतार दिया। इसमें एनडीए के सांसद भी शामिल हैं। बीजेपी की तरफ से माइक्रोमैनेजमेंट इस स्तर पर किया गया कि हर वोटर के परिवारों वालों तक खबर पहुंच सके। एक-एक वोटर को जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं। ऐसे में हर किसी के मन में यही भावना बलवती हो रही है कि इस बार आप की वापसी मुश्किल हो गई है!
भाजपा की मजबूती
● प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा व उनकी गारंटी पर जनता का अटूट विश्वास
● महीनों से भाजपा व आरएसएस कार्यकर्ताओं का घर-घर तक जाना
● नारीशक्ति के सशक्तिकरण की योजनाओं की घोषणाएं
● केन्द्र में भाजपा सरकार होने से दिल्ली के तेज विकास की उम्मीद
● आम बजट में मध्यम वर्ग को राहत की घोषणाएं, 8वां वेतन आयोग
● भाजपा की सबका साथ, सबका विकास करने की लोकप्रिय नीति
‘आप’ की कमजोरी
● केजरीवाल और सिसोदिया समेत कई नेताओं का जेल में जाना
● आप के विधायकों और नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप
● आम आदमी पार्टी में भाऱी असंतोष व भितरघात का खतरा
● आप पार्टी से अल्पसंख्यक व दलित वोटर्स में नाराजगी
● एक दशक की एंटी एन्कंबेसी के चलते हार का खतरा ज्यादा
● दिल्ली में विकास कार्य ना होना, बुनियादी सुविधाओं का अभाव
● इंडिया ब्लॉक में शामिल कांग्रेस का मजबूती से चुनाव लड़ना
अरविंद केजरीवाल को सोनीपत कोर्ट का नोटिस, मामला भी दर्ज
हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाने वाले दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल को सोनीपत कोर्ट ने नोटिस भेज दिया है। सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने सोनीपत सीजेएम नेहा गोयल की कोर्ट में शिकायत दायर की थी। इस शिकायत पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए नोटिस तो भेजा ही साथ ही मामला भी दर्ज किया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 17 फरवरी को होगी। वहीं, यमुना के जिस पानी को अरविंद केजरीवाल ने जहरीला बताया, हरियाणा के CM नायब सैनी ने उसे पीकर दिखाया। इसका वीडियो जारी करते हुए CM सैनी ने कहा- ”हरियाणा की सीमा पर बेहिचक और बेझिझक पवित्र यमुना के जल का आचमन किया।”
सिलसिलेवार जहर की राजनीति का पूरा मामला समझिए…
27 जनवरीः
केजरीवाल ने यमुना के पानी को जहरीला करने का आरोप लगाया
अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना के पानी को जहरीला करने का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने कहा- दिल्ली के लोगों को पीने के लिए पानी हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मिलता है। भाजपा की हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी को जहरीला कर दिया है। इससे दिल्ली को लोगों को परेशाना का सामना करना पड़ रहा है।
28 जनवरीः
चुनाव आयोग ने केजरीवाल से सबूत पेश करने को कहा
इलेक्शन कमीशन (EC) ने अरविंद केजरीवाल से उनके यमुना के पानी में जहर वाले दावे पर बुधवार यानी 29 जनवरी रात 8 बजे तक सबूत मांगे। भाजपा की तरफ से केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद चुनाव आयोग ने कहा था- केजरीवाल ने भाजपा की हरियाणा सरकार पर बहुत गंभीर आरोप लगाया, जिससे राज्यों के बीच नफरत पनप सकती है।
29 जनवरीः
प्रधानमंत्री मोदी बोले, यमुना का पानी पीएम और जज भी पीते हैं
दिल्ली में रैली के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हरियाणा का भेजा यही पानी दिल्ली में हमारे सारे जज, जस्टिस, सम्मानित सदस्य पीते हैं। आपका प्रधानमंत्री भी यही पानी पीता है। क्या कोई सोच सकता है कि मोदी को जहर देने के लिए हरियाणा की बीजेपी सरकार यमुना में जहर मिला सकती है।
29 जनवरीः
हरियाणा मुख्यमंत्री ने यमुना से पानी पीकर दिखाया
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने राज्य के बॉर्डर पर पहुंचकर यमुना नदी से पानी पीकर दिखाया। उन्होंने X पर वीडियो शेयर कर कहा कि मैंने बेहिचक और बेझिझक पवित्र यमुना के जल का आचमन किया। आप भी आइए, हरियाणा में आपका स्वागत है।
29 जनवरीः
केजरीवाल ने चुनाव आयोग को भेजा झूठ का पुलिंदा
केजरीवाल ने चुनाव आयोग को झूठ का पुलिंदा भेजकर फिर दावा किया कि हरियाणा से दिल्ली आ रहा पानी इंसानी स्वास्थ्य के लिए बेहद जहरीला है। 14 पेज के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने वह बयान दिल्ली में पानी की क्वालिटी के कारण लोगों की सेहत को हो रहे नुकसान के संबंध में दिया था।
30 जनवरी:
चुनाव आयोग ने केजरीवाल के पूछे पांच सवाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच यमुना के पानी को लेकर अरविंद केजरीवाल और चुनाव आयोग के बीच गुरुवार को जमकर बयानबाजी हुई। चुनाव आयोग ने केजरीवाल काे चिट्ठी लिखी और 5 सवाल किए। आयोग ने पूछा- यमुना के पानी में किस जगह जहर मिला, सबूत दें। अमोनिया के बढ़ते लेवल के मुद्दे को जहर आदि के आरोपों से मिलाए बिना 31 जनवरी सुबह 11 बजे तक जवाब दें, वर्ना कार्रवाई की जाएगी।
यमुना के पानी में नहीं, आप नेताओं के दिमाग में है जहर
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और दिल्ली CM आतिशी भी जहर के मामले पर आमने-सामने हो गए। बुधवार को सीएम आतिशी ने सोशल मीडिया पर नायब सैनी के पल्ला घाट जाने को लेकर तंज कसा तो सीएम सैनी ने भी पलटवार करने में टाइम नहीं लगाया। उन्होंने आतिशी को खड़ाऊं मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि यमुना के पानी में तो जहर नहीं है, लेकिन आप लोगों के दिमाग में जरूर जहर भरा हुआ है। कुछ दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हरियाणा से आ रही यमुना में BJP सरकार ने जहर मिलाया है। हमने उसे बॉर्डर पर ही रोक दिया। ऐसा न करते तो दिल्ली में सामूहिक नरसंहार होता।
कपूत केजरीवाल तेरी हर विफलता के जिम्मेदार हरियाणा के लोग नहीं हैं।हरियाणा के लोग तो पुण्य- कार्य करने वाले हैं ।
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) January 29, 2025
पिछले 10 वर्षों में केजरीवाल और उनकी आप-दा टीम ने जो झूठ और फरेब का पाप- कर्म किया है,माता यमुना के साथ विश्वास घात किया है,उन सभी पाप-कर्मों का अंतिम विसर्जन दिल्ली… pic.twitter.com/A41RYcO5JX
केजरीवाल में हिम्मत है तो यमुना का पानी पीकर दिखाएं – राहुल
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी चुनावी रैली में कहा कि केजरीवाल ने भ्रष्ट सरकार चलाई। केजरीवाल अपने भाषणों में झूठ बोलते हैं। राहुल ने कहा कि पांच साल पहले केजरीवाल ने वादा किया था कि वो यमुना के पानी में नहाएंगे और उसका पानी पिएंगे। पांच साल गुजर गए हैं, लेकिन केजरीवाल ने ये करके नहीं दिखाया। राहुल बोले कि दिल्ली की जनता को गंदा पानी पीना पड़ता है, लेकिन केजरीवाल करोड़ों रुपए के शीशमहल में रहते हैं और आपसे झूठ बोलते हैं। यह लगातार दूसरा दिन है जब राहुल ने शीशमहल का जिक्र किया है। राहुल ने यह भी कहा कि केजरीवाल दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के खिलाफ हैं। केजरीवाल को साफ कहना चाहिए कि वह जातिगत जनगणना कराएंगे और आरक्षण की 50% की सीमा खत्म करेंगे। लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं। जब दिल्ली में दंगे हो रहे थे, केजरीवाल कहां थे?
संदीप दीक्षित ने केजरीवाल को डिबेट करने की चुनौती दी
इस बीच कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को 31 जनवरी को जंतर-मंतर पर पब्लिक डिबेट की चुनौती दी है। नई दिल्ली सीट से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव में उतरे संदीप दीक्षित ने केजरीवाल को एक पत्र लिखकर कहा कि मैं लगातार आपके कई दावों को लेकर आपको डिबेट की चुनौती देता आया हूं। मैंने दिल्ली सरकार के डेटा के आधार पर न सिर्फ आपके दावों पर सवाल उठाया है, बल्कि उन्हें गलत भी साबित किया है। दीक्षित ने कहा कि मैं उम्मीद कर रहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते आप या तो खुद मेरे सवालों का जवाब देंगे, या किसी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर डिबेट करने आएंगे। मैंने कई बार आपको डिबेट के लिए चैलेंज किया है, ये जानते हुए कि आपके अंदर सच का सामना करने की हिम्मत नहीं है और आप कभी ऐसी जगह नहीं आएंगे जहां उन्हें पता है कि उनके झूठ जनता के सामने आ जाएंगे।
पांच साल में AAP विधायक प्रवीण कुमार यहां झांकने तक नहीं आए
जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र के भोगल मार्केट के पास चर्च रोड पर पार्क में बैठे सभी लोग आम आदमी पार्टी की सरकार से बेहद नाराज नजर आते हैं। उनका कहना है कि इलाके में अब भी पानी भर जाता है। भोगल के रहने वाले जयप्रकाश और ओमी कहते हैं, ‘AAP विधायक प्रवीण कुमार कभी यहां झांकने तक नहीं आए। गैस पाइपलाइन कब से टूटी पड़ी है। भोगल में इतने साल में कभी सड़क नहीं बनी है, जो बनी, वो तुरंत टूटने भी लगी।’ उनके बगल में बैठे 68 साल के विश्वंभर दयाल भी विधायक के काम से खुश नहीं हैं। वे कहते हैं, ‘चर्च रोड में हमेशा पानी भर जाता है, हमने बहुत बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। मनीष सिसोदिया तो इस इलाके को जानते तक नहीं हैं। वे क्या काम कराएंगे।’
टूटी सड़कों और जाम सीवर से लोग परेशान, सिसोदिया को वोट नहीं देंगे
जंगपुरा से BJP कैंडिडेट तरविंदर सिंह मारवाह कांग्रेस के पूर्व विधायक हैं। जंगपुरा के कई लोग मारवाह के पिछले कामों की तारीफ करते हैं। इसलिए इस बार मारवाह और बीजेपी के साथ जाने की बात करते हैं। मारवाह ने जुलाई 2022 में कांग्रेस नेतृत्व पर पुराने पार्टी सदस्यों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और पार्टी छोड़ दी। तब उन्होंने तंज करते हुए राहुल गांधी को ‘राजा’ और सोनिया गांधी को ‘महारानी’ कहा था। मारवाह अब BJP के साथ अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिखते हैं। हाल ही में उन्होंने प्रचार के दौरान मीडिया से कहा, ‘सिसोदिया फाइट में ही नहीं है। समस्याओं के जूझ रहे स्थानीय लोग आप से बेहद नाराज हैं। जंगपुरा में गंदे पानी की समस्या है। लोगों को राशन कार्ड और पेंशन नहीं मिल रही है।’ कांग्रेस कैंडिडेट फरहाद सूरी तो साफ कहते हैं कि सिसोदिया को लड़ाई में ही नहीं हैं। चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के बीच का है। हालांकि, सूरी को 2022 के MCD चुनाव में आम आदमी पार्टी की सारिका चौधरी ने दरियागंज से हरा दिया था।
मुस्लिम वोटर्स केजरीवाल को लेकर कन्फ्यूज, एंटी इनकम्बेंसी भी
मनीष सिसोदिया के लिए जंगपुरा सीट पर लड़ाई कितनी मुश्किल है और उन्हें पुरानी सीट क्यों छोड़नी पड़ी? इस सवाल के जवाब में पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स मीडिया को बताते हैं कि ‘आम आदमी पार्टी को शायद डर था कि वहां से चुनाव जीतने में दिक्कत आ सकती है। पिछले चुनाव में भी वोट काउंटिंग के दौरान मनीष सिसोदिया पिछड़ गए थे। शायद इससे बचने के लिए ऐसा किया गया है। पार्टी को लगता है कि जंगपुरा उनके लिए एक सेफ सीट हो सकती है।’ इस बार जंगपुरा में आप को मुस्लिम वोटर्स के साथ के बारे में वे साफ कहते हैं कि जंगपुरा ही नहीं, पूरी दिल्ली में इस बार ये सवाल है कि मुस्लिम वोटर्स किस तरफ जाएंगे। पिछले 10 सालों में आम आदमी पार्टी को लेकर बहुत लोगों का मोहभंग हुआ है। एक और बात है कि पिछले 10 साल से AAP की सरकार है, तो एक एंटी इनकम्बेंसी का फैक्टर भी आप उम्मीदवारों के सामने मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
नई दिल्ली सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे केजरीवाल
पांच फरवरी को होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक चर्चा नई दिल्ली सीट की होने वाली है। इस सीट के नतीजे क्या आते हैं इस पर नजर रहेगी। वहीं चुनाव से पहले ही इस सीट पर संभावित त्रिकोणीय मुकाबले की चर्चा शुरू है। माना जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट पर आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल बुरी तरह फंस गए हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के प्रवेश वर्मा, कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है। प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाया है और उनकी जमानत जब्त कराने की बात कही है।
जनता केजरीवाल की जमानत जब्त कराने के लिए पूरी तरह तैयार
अरविंद केजरीवाल इस सीट से लगातार तीन बार से विधायक हैं। वहीं संदीप दीक्षित की मां और दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित भी इस सीट से लगातार तीन बार विधायक रही हैं। बीजेपी की ओर प्रवेश वर्मा इस सीट से उम्मीदवार हैं, जो लोकप्रिय पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र हैं। मीडिया से बात करते हुए प्रवेश वर्मा ने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी दी है, वे उसे प्राण-प्रण से निभाएंगे। उन्होंने कहा कि वे केजरीवाल और संदीप दीक्षित के खिलाफ कड़ी टक्कर के लिए तैयार हैं। उन्होंने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने 11 साल तक जनता का विश्वास जीता और उन्हें धोखा दिया। लोग केजरीवाल को सबक सिखाने और उनकी जमानत जब्त कराने के लिए तैयार हैं।
बीजेपी के चक्रव्यूह में घिरे केजरीवाल, 20 हजार वोटों से हारेंगे!
देश के दूसरे राज्यों में रहने वाले लोगों की दिलचस्पी है कि नई दिल्ली सीट की स्थिति क्या है? केजरीवाल यह सीट जीतेंगे या फिर अपने राजनीतिक करियर की पहली हार का स्वाद चखेंगे? अरविंद केजरीवाल तीन बार से नई दिल्ली सीट जीतते आ रहे हैं। लेकिन, इस बार दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल यहां त्रिकोणीय मुकाबले में फंसते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी उतारने से वोटों का ध्रुवीकरण भाजपा के पक्ष में हो सकता है। नई दिल्ली सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने तो कुछ दिन पहले ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह लिखकर दिया था कि केजरीवाल यहां से 20000 वोट से हारने जा रहे हैं। वर्मा ने यही बात दिल्ली चुनाव प्रचार के आखिरी दिन यानी सोमवार को एक बार फिर से दोहराई।
इससे पहले जहर-जहर की राजनीति करने वाले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल अपने ही बिछाए जाल में फंस गए। उन्होंने भाजपा को घेरने के लिए हरियाणा पर यमुना में जहर मिलाने का आरोप जड़ दिया। झूठ की राजनीति करते-करते उन्हें यह उम्मीद थी की उनका ये झूठ भी चुनाव में चल जाएगा। लेकिन उनका पासा ही उलटा पड़ा। कोर्ट के नोटिस, आयोग की चिठ्ठी, पीएम के पलटवार और सीएम के आचमन से केजरीवाल चारों खाने चित्त हो गए। उन्होंने खुद ही समझ में नहीं आ रहा है कि इस जहरीले आरोप से वे कैसे बाहर निकलें। इसलिए एक बार फिर अपना पसंदीदा आरोप लगा दिया है कि भाजपा उन्हें जेल में डालना चाहती है। उनके पास चुनाव आयोग के जहर से जुड़े पांच सवालों का कोई जवाब नहीं है। इस बीच उन्हें यमुना में जहर के मुद्दे पर सोनीपट कोर्ट के नोटिस का भी जवाब देना है।
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