कल कलकत्ता हाई कोर्ट ने सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर मुर्शिदाबाद में वक़्फ़ संशोधन विरोधी गुंडों की लगाई आग देख कर निर्देश दिए कि केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए और CAPF (Central Armed Police Force) तैनात की गई। सबसे ज्यादा आग को हवा तो ममता बनर्जी ने दी जब उसने खुलेआम घोषणा कर दी कि वक़्फ़ संशोधन कानून बंगाल में किसी हालत में लागू नहीं किया जाएगा।
आप हाई कोर्ट के आदेश से भी बड़ा आदेश दे सकते हैं और राज्य को सेना के हवाले करने के लिए कह सकते हैं। राज्य में हुए नुकसान की आधी भरपाई ममता सरकार को करने को कह सकते है और आधी भरपाई दंगाइयों से करने को कह सकते हैं।
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लेखक चर्चित YouTuber |
मुर्शिदाबाद में पहले भी दंगे होते रहे हैं और CAA के खिलाफ भी इस जिले में हिंसा की गई थी और अब यह कलेश हो रहा है कि केंद्र सरकार वक्फ संशोधन कानून वापस ले।
सुप्रीम कोर्ट में अनेक याचिकाएं दायर की गई है और मीलॉर्ड चीफ जस्टिस संजीव खन्ना 16 अप्रैल को उन पर सुनवाई करेंगे। मैं कहता हूं आपको ऐसे हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए सुनवाई का क्या अधिकार बनता है। अरे पहले आप राज्य की सुरक्षा पर ध्यान दीजिये। क्या आप बंगाल की हालत पर suo moto संज्ञान नहीं ले सकते?
आपको चाहिए कि सुनवाई शुरू होते ही घोषणा कीजिए कि जब तक हिंसक प्रदर्शन होंगे, कोई सुनवाई नहीं की जाएगी। या तो याचिकाकर्ता हमारे(सुप्रीम कोर्ट) के पास आएं या सड़कों पर ही निपट ले जिसका इलाज करने का अधिकार फिर केंद्र सरकार को होगा चाहे अर्ध सैनिक बलों को लगा कर या राज्यों को सेना के हवाले करके। लेकिन जनता की संपत्ति को आग लगाने के प्रदर्शन का अधिकार नहीं मिलेगा।
आप राष्ट्रपति को हड़का रहे हो लेकिन ममता से डरते हो। बंगाल में हिंदुओं की हालत ममता राज में दयनीय बना दी गई है पिछले 14 साल में लेकिन आप आंखे बंद किये तमाशा देखते रहते हैं।
अभी बंगाल में आग लगी है और आज ओवैसी ने कह दिया है 19 अप्रैल को हैदराबाद में आंदोलन होगा। मतलब हैदराबाद को भी आग लगाई जाएगी क्योंकि वहां भी कांग्रेस की सरकार है कांग्रेस पहले ही वक़्फ़ संशोधन विरोधियों को कह रही है यह लड़ाई सड़कों पर लड़नी होगी। तो जब हैदराबाद को आग लगेगी तो तेलंगाना पुलिस घी डालने का काम करेगी।
इसलिए संजीव खन्ना जी, भूल जाइए वक़्फ़ पर सुनवाई और पहले ममता का इलाज कीजिए। वह चाहती है मोदी उसकी सरकार को बर्खास्त करे और सुप्रीम कोर्ट तो बैठा ही है मोदी के हाथ काटने के लिए जो तुरंत बर्खास्तगी को अवैध कह देगा। फिर क्या, ममता के हाथ में सुप्रीम कोर्ट फिर जुल्म ढाने के लिए सत्ता प्लेट में रख कर दे देगा।
अब न्यायपालिका से खासकर सुप्रीम कोर्ट से उसकी नपुंसकता देख कर कोई आस नहीं रह गई है, ये मर्दानगी केवल विपक्ष को समर्थन देने और मोदी सरकार को पेलने में दिखाता है। याद रहे कि यदि आपने वक़्फ़ पर सरकार के पक्ष में फैसला दे दिया तो ये दंगाई सुप्रीम कोर्ट को भी आग लगा सकते है।
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