पहलगाम में पाकिस्तान की शह पर आतंकी हमला करने वालों को भारत अब बख्शने वाला नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि वे ऐसे आतंकियों को घर में घुसकर मारने वाले हैं। उन्हीं की तर्ज पर गृहमंत्री अमित शाह ने भी दहाड़ मारी है कि आतंकियों को चुन-चुन कर सजा दी जाएगी। मोदी सरकार की एक के बाद एक कूटनीनिक कार्रवाईयों से पाकिस्तान डरा-सहमा हुआ है और उसे पीओके पर कभी भी अटैक होने की आशंका हो रही है। इस बीच भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ दुनिया के अधिकांश देशों से रणनीतिक समर्थन हासिल करने में कामयाबी पाई है। खुद पीएम मोदी ने एक दर्जन से ज्यादा बड़े देशों से पहलगाम में आतंकी हमले के बारे में बातचीत की है। इसके अलावा दुनियाभर में करीब 100 विदेशी मिशनों को पाकिस्तान की घिनौनी हरकत के बारे में ब्रीफिंग की गई है। वैश्विक समर्थन मिलने से भारत के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने में कोई दिक्कत नहीं आने वाली है। इस बीच एलओसी पर दहशत और पीओके में इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं। पाकिस्तान भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई से बेहद डरा हुआ है और पीओके के लोगों को दो माह का राशन रखने के आदेश दिए गए हैं।अमेरिका-रूस समेत 10 से ज्यादा बड़े देशों से सीधी बात कर लिया समर्थन
पहलगाम आतंकी हमले में निर्दयता से पर्यटकों के नरसंहार के बाद से पाक के खिलाफ कार्रवाई का आधार बनना शुरू हो गया है। दुनियाभर के देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने ना सिर्फ आतंकी हमले की घोर भर्त्सना की है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के हर एक्शन को समर्थन देने का ऐलान किया है। अमेरिकी अखबार एनवाईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पीएम नरेंद्र मोदी अब तक दर्जनभर से ज्यादा देशों के नेताओं से खुद फोन पर आतंकी हमले के बारे में खुलकर बात कर चुके हैं। इसके अलावा पहलगाम आतंकी हमले और इसमें पाकिस्तान के शामिल होने के बारे में दिल्ली में 100 से ज्यादा विदेशी मिशनों के राजनयिकों को विदेश मंत्रालय में ब्रीफिंग दी है। मोदी सरकरा की यह कवायद तनाव को कम करने के साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई के लिए समर्थन जुटाने की दिशा में भी दिख रही है।
पीएम मोदी के पाक के खिलाफ लगातार कूटनीतिक और रणनीतिक फैसले
पीएम मोदी ने बिना पाकिस्तान का नाम लिए एक बार फिर दोहराया कि आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद किया जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी। इस बीच, सीमा पर दोनों देशों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी भी हो रही है। कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों ने सख्त अभियान चलाते हुए सैकड़ों गिरफ्तारियां की हैं। भारत ने सिंधु जल समझौता रोकने और पाक राजनयिकों व नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश भी दिया है। पाक ने भी द्विपक्षीय संधियों से हटने की धमकी दी है। ऐसे में भारत पर वैश्विक दबाव बेहद कम है, जिससे उसे अपनी रणनीति आगे बढ़ाने में सहूलियत मिल रही है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से कुछ भी आयात करने पर रोक लगा दी है। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को झटका देते हुए एक और बड़ा फैसला किया है। डायरेक्टर जनरल ऑफ शिपिंग ने आदेश जारी किया है कि किसी भी पाकिस्तानी फ्लैग शिप को किसी भी भारतीय पोर्ट पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस आदेश में भारतीय शिप्स को निर्देश देते हुए कहा गया है कि अब से कोई भी भारतीय फ्लैग शिप पाकिस्तान के किसी भी बंदरगाह पर भी नहीं जाएगी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक दशक पहले सत्ता संभालने से पूर्व भारत रक्षा सहित कई क्षेत्रों में आयात पर निर्भर था, लेकिन पिछले दस वर्षों पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन के चलते मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की बदौलत देश रक्षा जैसे अहम क्षेत्र में अपनी जरूरत पूरी करने के साथ ही निर्यात में लंबी छलांग लगाई है। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पहले रूसी मीडिया और अब अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की तैयारी में दिख रही है। बड़ा सवाल यह है कि यदि जंग के हालात बनते हैं तो भारत की सामरिक ताकत के आगे पाकिस्तान कितने दिन टिक पाएगा? भारत की सैन्य ताकत के आगे पाकिस्तान बेहद कमजोर है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक 145 देशों की लिस्ट में अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथे नंबर पर है, जबकि पाकिस्तान टॉप टेन से भी बाहर 12वें नंबर पर है। आर्थिक बदहाली के चलते पाकिस्तान की सैन्य ताकत लगातार घट रही है। इस लिस्ट में 2023 में पाकिस्तान 7वें स्थान पर था। 2024 में फिसलकर 9वें पर पहुंच गया और 2025 में टॉप 10 देशों की लिस्ट से बाहर हो गया। यानी भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है, जबकि पाकिस्तान 8 नंबर पीछे है। डिफेंस एक्सपर्ट के मुताबिक अगर युद्ध हुआ तो पाकिस्तान बमुश्किल आठ-दस दिन टिक पाएगा।
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने भी ऐसी कायराना वारदात को अंजाम दिया है, उन्हें चुन-चुन कर जवाब दिया जाएगा। शाह ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, ये लड़ाई का अंत नहीं, ये केवल एक पड़ाव है। हर शख्स को चुन-चुन कर जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर, वामपंथी उग्रवाद का क्षेत्र हो या कश्मीर पर आतंकवाद की छाया हो, सरकार ने सबका मजबूती से जवाब दिया है। अगर कोई कायराना आतंकी हमला कर समझता है कि ये उनकी बड़ी जीत है। उन्होंने कहा, 1990 के दशक से कश्मीर में जो आतंकवाद चला रहे हैं, उनके खिलाफ पीएम मोदी ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। सरकार मजबूती से उनके खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।
पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के मुताबिक, मोदी सरकार पर सैन्य कार्रवाई कर सकती है। 2016 और 2019 में भी भारत ने आतंकी हमलों के जवाब में पाकिस्तान को सख्ती से जवाब दिया था। सरकार कश्मीर को स्थिर और सुरक्षित क्षेत्र बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ऐसे में यहां आतंकी हमला किसी भी सूरत में नाकाबिले बर्दाश्त है। इसलिए पाक को सबक जरूर सिखाया जाएगा। हालांकि मेनन का मानना है कि हालात बेकाबू होने की संभावना कम है। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों का समर्थन किया है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक की थी। उस समय हमलावरों का संबंध जैश-ए-मोहम्मद से स्पष्ट था। इस बार हमले की जिम्मेदारी को लेकर स्थिति कुछ धुंधली है। हालांकि एक कम चर्चित संगठन टीआरएफ ने सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ली है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े भारतीय अधिकारियों का मानना है कि यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है। इस बार भारत ठोस सबूतों के आधार पर पाक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
भारत और पाक में पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव के चलते जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती गांवों में लोग सतर्क हो गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बंकरों की सफाई और जरूरी सामान का इंतजाम किया जा रहा है। जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 1 हजार से ज्यादा बंकर बने हैं। इनमें से कई बंकर सीमा से ० से 3 किमी के दायरे में हैं। ये बंकर मोटी कंक्रीट की दीवारों से बने हैं और इनमें 6 से 10 लोग शरण ले सकते हैं। फरवरी 2021 में भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते के बाद से ये बंकर कम इस्तेमाल हुए थे, पर अब फिर से इन्हें तैयार किया जा रहा है। सीमावर्ती इलाकों में किसान फसलें तय समय से पहले काट रहे हैं। डर है, सीमा पर गोलीबारी शुरू हुई तो खड़ी फसलें बर्बाद हो जाएंगी। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने खुद को हाई अलर्ट पर रखा है। किसी भी गोलीबारी या हमले की स्थिति में घायलों को तुरंत इलाज मिल सके, इसके लिए दवाइयों और एंबुलेंस की व्यवस्था की जा रही है।
उधर पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई से बेहद डरा हुआ है। उसे आशंका है कि भारत कभी भी हमला कर सकता है। इसी दहशत से पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए है। पीओके के लोगों को दो माह का राशन रखने का आदेश दिया है। लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास रहने वाले लोगों को खास सतर्क रहने के लिए कहा गया है। पीओके के ‘प्रधानमंत्री’ चौधरी अनवर उल हक ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि हमने खाद्य पदार्थ, दवाइयों और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं के लिए एक अरब रुपए (3.5 मिलियन डॉलर) का आपातकालीन कोष भी बनाया है। इसके साथ ही एलओसी के नजदीक स्थित इलाकों में आपातकाल में सड़कों को सुचारू रखने के लिए मशीनरी को तैनात किया गया है। इस बीच पाकिस्तानी अधिकारियों ने कश्मीर में करीब 1,000 से अधिक मदरसों को 10 दिन के लिए बंद कर दिया है। मुजफ्फराबाद और एलओसी के पास के कस्बों में स्कूलों में भी ट्रेनिंग कैंप बना दिए है। इन कैंपों में 11 साल के बच्चों को भी आग बुझाने, प्राथमिक उपचार करने और घायलों को स्ट्रेचर पर ले जाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। चकौटी जैसे गांवों में बंकरों को सही किया जा रहा है।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत-पाक में तनाव के बीच पिछले दिनों पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हाई-लेवल मीटिंग की है, जिसमें NSA अजित डोभाल, CDS अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के मुखिया मौजूद रहे। मीटिंग में PM मोदी ने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय सेना तय करे।’ उधर गृह मंत्री अमित शाह ने भी NSG, BSF, CRPF और SSB के सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक की है। पीएम मोदी के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए यह तो आसानी से कहा जा सकता है कि वे आतंकी हमलावरों को छोड़ने वाले नहीं हैं। इससे पहले सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके उन्होंने अपने मंसूबे एकाधिक बार जाहिर कर दिए हैं। ऐसे में निर्दोष पर्यटकों का धर्म पूछकर निर्दयता से नरसंहार करने वालों को पीएम मोदी पाताल से खोजकर भी सजा देंगे। इसी परसैप्शन के चलते पाकिस्तान हमले की आशंका से डरा-दुबका बैठा है। उसे लग रहा है कि आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान पर हमला जरूर होगा। और यह जंग की शक्ल अख्तियार कर सकता है।
भारत-पाक के बीच जहां तक जंग की शुरुआत का सवाल है तो भारत की सैन्य और सामरिक क्षमता के आगे पाकिस्तान बेहद कमजोर देश है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक 145 देशों की लिस्ट में अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथे नंबर पर है, जबकि पाकिस्तान 12वें नंबर पर है। 2023 में पाकिस्तान 7वें स्थान पर था। 2024 में फिसलकर 9वें पर पहुंच गया और 2025 में टॉप 10 देशों की लिस्ट से बाहर हो गया। यानी भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है, जबकि पाकिस्तान 8 नंबर पीछे है। दरअसल, ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स में 60 अलग-अलग पैरामीटर्स पर देशों की ताकत को परखा जाता है। किसी देश की ताकत उसके स्कोर पर निर्भर करती है। जिस देश का स्कोर जितना ज्यादा होता है, उसकी ताकत उतनी ही कम आंकी जाती है। भारत का स्कोर 0.1184 है, जबकि पाकिस्तान का स्कोर 0.2513 है।
भारत-पाक युद्ध के मसले पर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) रामेश्वर रॉय के मुताबिक ‘कोई भी देश जंग का ऐलान करके जंग नहीं लड़ता है। किसी एक देश की कार्रवाई के बदले में दूसरी तरफ से जैसा रिएक्शन आता है, उसके हिसाब से तय होता है कि आगे का एक्शन कितना सख्त होगा। इसके लिए हम लोग अंग्रेजी का मुहावरा ‘Escalate the ladder’ इस्तेमाल करते हैं।’ यानी अगर दोनों तरफ से कार्रवाई बढ़ती है तो कहा जाता है कि अब संघर्ष बढ़ रहा है। इस संघर्ष में जब आर्मी, एयरफोर्स और नेवी यानी सेना के तीनों अंग शामिल हो जाते हैं तो इसे फुल फ्लेज्ड वॉर यानी ‘पूरी तरह से शुरू हो चुकी जंग’ कहा जाता है। रॉय के मुताबिक 1999 में हुई कारगिल की लड़ाई एक सीमित जंग यानी लिमिटेड वॉर थी। हमारे टारगेट्स तय थे कि हमें अपनी जमीन को वापस पाना है। लड़ाई में हमने अपने पॉइंट्स वापस पा लिए और जंग में जीत की घोषणा की। अभी ऐसा नहीं लग रहा कि जंग छिड़ जाएगी, लेकिन अगर दोनों तरफ से जवाबी कार्रवाई बढ़ी तो बात जंग तक पहुंच सकती है।
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