प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है। मोदी राज में आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए एक और अच्छी खबर है। भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में इस समय भारत से आगे केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी रह गए हैं। देश के लिए अच्छी खबर यह भी है कि भारत जल्द ही जर्मनी को पछाड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने रविवार, 25 मई 2025 को कहा कि ‘मैं जब बोल रहा हूं, तब हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 4 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हैं और यह मेरा डेटा नहीं है। यह आईएमएफ का डेटा है। आज भारत जापान से भी बड़ी अर्थव्यवस्था है।’ 10वीं नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल मीटिंग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जर्मनी ही हमसे बड़े हैं और जो योजना बनाई जा रही है, अगर हम उसी पर टिके रहते हैं, तो भारत अगले 2, 2.5 से 3 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।’
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अप्रैल 2025 में कहा था कि 2025 में भारत की नॉमिनल जीडीपी बढ़कर 4,187.017 अरब डॉलर हो जाएगी। वहीं, जापान की जीडीपी का आकार 4,186.431 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। आईएमएफ का कहना है कि आने वाले वर्षों में भारत जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन सकता है। 2027 तक भारत के जीडीपी का आकार 5.584 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है, जबकि इस दौरान जर्मनी की जीडीपी का आकार 5.251 ट्रिलियन डॉलर ही रहने का अनुमान है।
देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर विभिन्न संस्थानों और रेटिंग एजेंसियों का क्या कहना है…
2027-28 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा-आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में एक रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जो अनुमान व्यक्त किया, उसके मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2027-28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगी। भारत 5.2 ट्रिलियन डॉलर के साथ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसकी वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इस दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था 31 ट्रिलियन डॉलर के साथ शीर्ष पर रहेगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी 24 प्रतिशत होगी। इसके बाद चीन 25.7 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर रहेगा और वैश्विक जीडीपी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
10 साल में ग्रोथ में हुई 105 प्रतिशत की वृद्धि- आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF- आईएमएफ) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत ने पिछले 10 साल में 105 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अपने सकल घरेलू उत्पाद- जीडीपी को दोगुना कर लिया है। आईएमएफ के अनुसार देश का जीडीपी साल 2015 के 2.1 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर साल 2025 में 4.3 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। इसके साथ ही भारत अब जीडीपी के मामले में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश बन गया है। अमेरिका 30.3 ट्रिलियन डॉलर, चीन 19.5 ट्रिलियन डॉलर, जर्मनी 4.9 ट्रिलियन डॉलर और जापान 4.4 ट्रिलियन डॉलर के साथ भारत से आगे है।
आईएमएफ ने जताया 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। आईएमएफ ने कहा है कि भारत वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और नीतिगत अनिश्चितताओं के बावजूद दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आईएमएफ ने अपनी वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में कहा है कि भारत में, 2025 और 2026 में विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
चुनौतियों के बाद भी सबसे तेज रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि
भारत आने वाले समय में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार रूस-यूक्रेन संकट, कोरोना महामारी और महंगाई जैसी चुनौतियों के बाद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहेगी। इससे भारत वैश्विक आर्थिक विकास को चलाने में एक प्रमुख देश बन जाएगा।
आईएमएफ को भरोसा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अगुवाई करेगा भारत
आईएमएफ का कहना कि भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक-तिहाई योगदान हो सकता है। आईएमएफ के हालिया शोध दस्तावेज में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है। आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने कहा कि हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं।
कई वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है भारत
इसके पहले इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की उपप्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की कई दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रही है। अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत को लेकर दुनियाभर में पॉजिटिव सेंटीमेंट है। बहुत सारे बिजनेस और कंपनियां भारत को एक निवेश डेस्टिनेशन के रूप में देख रही हैं, क्योंकि वे चीन सहित दूसरे देशों से निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच भारत एक ब्राइट स्पॉट- संयुक्त राष्ट्र
पाकिस्तान के साथ ताजा संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल- हमास संकट और वैश्विक मंदी के बीच भारत दुनिया भर में एक ब्राइट स्पॉट के रूप में उभरा है। संयुक्त राष्ट्र (UN- यूएन) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत संकटों के बावजूद सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था इस साल 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह अमेरिका-चीन-जापान जैसी दुनिया की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है। चीन की अर्थव्यवस्था 4.6 प्रतिशत, अमेरिका की 1.6 प्रतिशत और जापान की 0.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। जो भारत से काफी कम है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (DESA- डीईएसए) के आर्थिक विश्लेषण और नीति प्रभाग ने कहा है कि भारत मजबूत निजी खपत और सार्वजनिक निवेश के बल पर सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। इतना ही नहीं अगले साल 2026 में विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। यह दिखाता है कि भारत 2026 में भी सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा।
जापान को पीछे छोड़ भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। भारत की अर्थव्यवस्था अब 4 ट्रिलियन डॉलर की। अमेरिका, चीन, जर्मनी भारत से आगे। जल्द हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।
— Naresh Sarnau (Bishnoi) (@NSarnauaajtak) May 25, 2025
-नीति आयोग CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम pic.twitter.com/NO1Fnr7RBN
2025-26 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- क्रिसिल
मोदी राज में देश की जीडीपी तूफानी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। दुनिया भर में अमेरिकी टैरिफ को लेकर मची हलचल के बावजूद वित्त वर्ष 2025-26 में देश की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है किवित्त वर्ष 26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है। क्रिसिल को उम्मीद है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति में नरमी से बाहरी चुनौतियों की भरपाई हो सकेगी। क्रिसिल ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि ब्याज दरों में कटौती, आयकर में राहत और महंगाई में कमी से इस वित्त वर्ष में खपत को बढ़ावा मिलेगा। अच्छे मानसून से कृषि आय भी बढ़ेगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीमापन की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। इससे घरेलू विकास को बढ़ावा मिलेगा।
2031 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत- क्रिसिल
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने इसके पहले भारत आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि 2031 तक भारत उच्च-मध्यम आय वाला देश बन जाएगा और अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंच जाएगी। एजेंसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमीश मेहता ने यह भी कहा कि इस दशक के अंत तक देश की प्रति व्यक्ति आय 4,500 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगी।
6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- EY
Ernst and Young- EY ने भी माना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। EY India ने अपनी EY Economy Watch की ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सरकार मानव संसाधन विकास पर ध्यान देती है और वित्तीय अनुशासन बनाए रखती है, तो देश की दीर्घकालिक विकास संभावनाएं और मजबूत हो सकती हैं।
वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत रहेगी भारत की ग्रोथ- फिच
मोदी राज में आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए एक और अच्छी खबर है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत रहेगी। फिच रेटिंग्स ने अपनी ग्लोबल इकोनॉमी आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़ सकती है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि हालांकि अमेरिका की आक्रामक ट्रेड पॉलिसी एक बड़ा जोखिम है, लेकिन भारत इससे काफी हद तक अप्रभावित रहेगा और इसपर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की बाहरी मांग पर कम निर्भरता और पर्याप्त आत्म-निर्भरता के कारण अर्थव्यवस्था इसके व्यापक असर से बची रहेगी।
विश्व की सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत- फिच
प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की नीतियों का कमाल है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का हर सेक्टर बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। आज भारत विकास दर के मामले में दुनिया में नंबर वन बना हुआ है। देशी और विदेशी रेटिंग एजेंसियां भी भारत के विकास दर पर भरोसा जता रही हैं। फिच ने हाल ही में यह कहा है कि अगले कुछ सालों तक भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।
वैश्विक मंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर नहीं- फिच
फिच ने इसके पहले भारत की संप्रभु रेटिंग के परिदृश्य को स्थिर बताते हुए कहा कि देश का विकास मजबूत दिख रहा है। फिच रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी’ के स्तर पर रखा है। फिच ने कहा कि भारत की रेटिंग अन्य देशों की तुलना में मजबूत ग्रोथ और बाहरी वित्तीय लचीलापन दर्शा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था को पिछले साल के बड़े बाहरी झटकों से पार पाने में मदद मिली है।
भारत 2028 तक बन जाएगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- मॉर्गन स्टेनली
वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार 2023 में 3.5 ट्रिलियन डॉलर वाली भारतीय अर्थव्यवस्था 2026 तक 4.7 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी। इसके साथ ही भारत साल 2026 तक अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। और साल 2028 तक यह 5.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचकर जर्मनी से भी आगे निकल जाएगा। मोदी राज में आर्थिक विकास का यह हाल है कि कांग्रेस राज में साल 2000 में जो भारतीय अर्थव्यवस्था 13वें स्थान पर था। नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वह 2020 में 9वें और 2023 में 5वें स्थान पर आ गया। अब रिपोर्ट के अनुसार उम्मीद है कि भारत 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
6.5 प्रतिशत से ज्यादा की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था-मूडीज
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत से ज्यादा की दर से बढ़ेगी। रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा है कि चालू वित्त वर्ष में इसके 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। मूडीज ने बुधवार 12 मार्च को कहा कि उच्च सरकारी पूंजीगत व्यय और कर कटौती के साथ ब्याज दर में कमी से अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक तेज रफ्तार से बढ़ेगी।
ग्लोबल ग्रोथ में 20% होगी भारत की हिस्सेदारी- WEF
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ( डब्ल्यूईएफ- WEF) के प्रमुख और सीईओ बोर्गे ब्रेंडे ने कहा है कि आर्थिक सुधारों के बल पर भारत की विकास दर सात से आठ प्रतिशत तक पहुंच सकती है। स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक से पहले उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि भारत में अपार संभावनाएं हैं और अगले कुछ वर्षों में ग्लोबल ग्रोथ में भारत की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस साल भारत 6 प्रतिशत की दर से काफी अच्छी ग्रोथ कर रहा है। भारत फिर से रफ्तार पकड़ेगा और सात से आठ प्रतिशत की दर से ग्रोथ कर पाएगा। इसके साथ ही बोर्गे ब्रेंडे ने यह भी कहा कि उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में कुल वैश्विक वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत होगी। यह काफी अविश्वसनीय है। लेकिन भारत के लिए एक और बात कारगर है कि यहां स्टार्टअप्स की अपार ताकत है। भारत में 1,20,000 से अधिक स्टार्टअप्स हैं। 120 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। इसलिए ये इकोसिस्टम भविष्य की ग्रोथ का आधार भी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत जल्द ही 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा।
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