सुभाष चन्द्र
डोनाल्ड ट्रम्प पर अमेरिका और भारत में रहने वाले भारतीयों ने दिल से भरोसा किया लेकिन ट्रंप ने हर किसी का भरोसा तोड़ दिया। जिस मोदी को “मित्र” कहते थे, उसकी ही पीठ में खंजर घोंपा है। लेकिन ट्रंप की हरकतों के बावजूद नरेंद्र मोदी खामोश हैं, कोई प्रतिक्रिया नहीं देते।
बस यही फर्क है ट्रंप और मोदी में। ट्रंप ने गरम खिचड़ी के बीच में मुंह मारा है लेकिन मोदी ठंडी करके खाते हैं। आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान से हो युद्ध को रुकवाने के दिए अपने बयानों को ट्रम्प ने कई बार पलटा। जो ट्रम्प की विश्वनीयता पर बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह ही नहीं लगा रहा बल्कि अमेरिका की पलटीमार मानसिकता को जाहिर कर रहा है। वह दिन भी ज्यादा दूर नहीं जब पाकिस्तान की तरह अमेरिका भी एक धोखेबाज़ देश बनने वाला है।
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लेखक चर्चित YouTuber |
हो सकता है जो बाजार में खबरे हैं वे सत्य हैं कि अमेरिका के nuclear weapons पाकिस्तान में stored थे वह भी नूरखान एयरबेस के नजदीक और यही कारण था कि ट्रम्प युद्ध रोकने की जल्दी में थे वरना यह जल्दबाजी वे यूक्रेन रूस युद्ध रोकने में तो नहीं दिखा रहे।
ट्रंप को याद रखना चाहिए जो मोदी से टकराता है उसका हश्र क्या होता है?
ट्रंप जिस पाकिस्तान को क्रिप्टो कर्रेंसी की डील के लिए गले लगा रहा है, इसी पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि 'हथियार बेचने के लिए दुनिया के देशों को लड़वाता है अमेरिका। यूक्रेन को 150 बिलियन डॉलर के हथियार दिए और 9/11 के बाद पाकिस्तान को 2 बिलियन डॉलर हर वर्ष दिए।
ट्रंप के बेटो को दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं मिला जिसके साथ वो क्रिप्टो करेंसी के व्यापर के लिए डील कर सके जो पाकिस्तान में घुस गए। यह डील पहलगाम पर हमें के 5 दिन बाद हुई 27 अप्रैल को हुई।
ट्रंप का कहा हुआ कोई पूरा नहीं हुआ। गाज़ा के लिए, कनाडा के लिए, रूस यूक्रेन युद्ध बंद करने के लिए। बस टेर्रिफ युद्ध शुरू किया।
ऐसा लग रहा है अमेरिका में ट्रंप की सरकार नहीं “टेर्रिफ” की सरकार चल रही है।
ट्रंप ने वैज्ञानिक संस्थाओं की Financial Aid रोक दी। सैंकड़ों वैज्ञानिक आज बेरोजगार हो गए हैं जो अपने लिए नए ठिकाने तलाश कर रहे हैं।
अमेरिका के प्रसिद्ध रक्षा विशेषज्ञ और War Institute में प्रोफेसर John Spansor ने कहा है कि Operation Sindoor सिर्फ भारत के लिए नहीं, अमेरिका के लिए भी चेतावनी है। अमेरिका की सैन्य तैयारियां खस्ताहाल हो चुकी हैं। अगर चीन से युद्ध छिड़ जाए तो अमेरिका कमजोर साबित होगा।
एप्पल के टीम कुक को हुकुमनामा जारी किया है कि भारत में बनाए हुए I Phone अमेरिका में बेचोगे तो 25% टेर्रिफ लगेगा। लेकिन ऐसी रिपोर्ट है कि अमेरिका में एप्पल को फ़ोन बनाने से नुकसान होगा और भारत में बना कर 25% टेर्रिफ के बाद भी लाभ होगा।
ट्रंप अभी middle east देशों को पटाने में लगा है जिससे ईरान के खिलाफ उन्हें खड़ा किया जा सके। लेकिन ट्रंप को पता नहीं पाकिस्तान कभी इजराइल के समर्थन के लिए ट्रंप के साथ नहीं खड़ा होगा और कल तो अमेरिका की तकरार चीन से हुई, उसमे भारत की याद आएगी, पाकिस्तान तो चीन के साथ खड़ा होगा।
कल ट्रंप ने पुतिन को “पागल” “सनकी” बता दिया और आरोप लगाया कि वह पूरे यूक्रेन को हड़पना चाहता है। यह यूक्रेन के पुतिन पर जानलेवा हमला करने के एक दिन बाद कहा।
ऐसी भाषा किसी राष्ट्रपति की नहीं होनी चाहिए।
सनकी तो आज ट्रंप हो गए लगते हैं। जो जितना तेज भागते हैं, वो उतनी जल्दी थक भी जाते हैं - पुतिन को कहा है कि उसके रहते रूस का पतन जल्दी हो जायेगा। अमेरिका तो रूस का पतन कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा जब से यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ है।
भारतीयों को भविष्य में Republicans और Democrats दोनों को वोट नहीं देना चाहिए क्योंकि दोनों भारत विरोधी है।
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