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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना शुरू करने से पाकिस्तान ही नहीं भारत में पल रहे पाकिस्तान से स्लीपर सेल को भी चारों खाने चित करना शुरू कर दिया है। परन्तु घुसपैठियों की पकड़-धाकड़ जो अब शुरू की है वह 2014 में सत्ता में आते ही शुरू करनी थी। जिस दिन भारत सरकार ने घुसपैठियों को देश-निकाला कर दिया पाकिस्तान ही नहीं भारत में नेता का चोला पहन पाकिस्तानी स्लीपर सेल के साथ-साथ पत्थरबाजों पर भी बहुत बड़ा कुठाराघात होगा। क्योकि ये पत्थरबाज पत्थरबाज नहीं पाकिस्तान के स्लीपर सेल ही है, जो कुछ रूपए के लालच में शोभायात्राओं पर पत्थरबाज़ी कर सनातन को हमला करते हैं।
मोदी सरकार पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक सधे हुए और सख्त कदम उठा रही है। पाकिस्तान पहले ही सर्जिकल और एयर स्ट्राइक से मिले जख्मों को सहला रहा है। इस बीच वाटर स्ट्राइक ने पाकिस्तान के जख्म फिर से हरे कर दिए हैं। अब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी वाटर स्ट्राइक को अंजाम दिया है। इसके तहत जम्मू के रामबन स्थित बगलिहार बांध में चिनाब नदी के पानी को रोक दिया है। इससे पाक के सियालकोट में चिनाब नदी के पानी का लेवल 6 फीट गिरकर 22 फीट रह गया है। सियालकोट में चिनाब का डेड लेवल 12 फीट है, यानी इस लेवल से पानी नीचे जाने के बाद यहां से पानी नहीं लिया जा सकेगा। तब यहां पानी के लिए हाहाकार मचेगा। चिनाब की नहरों से सियालकोट में लगभग 12 हजार एकड़ क्षेत्र में सिंचाई होती है। इस बीच, भारत ने किशनगंगा बांध पर पाकिस्तान जाने वाले झेलम नदी के पानी को भी रोकने की पूरी तैयारी कर ली है। पाकिस्तान के डरे-सहमे नेता युद्ध के पहले ही इंग्लैंड भागने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं और यहां भारत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐलान कर दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए भारत की जनता जो चाहती है, वो होकर रहेगा।
जम्मू के रामबन में बने बागलिहार बांध से चिनाब का पानी रोकापहलगाम में देश-विदेश के पर्यटकों पर निर्दयता से आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की है। पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि सस्पेंड करने के बाद भारत ने अब चिनाब नदी का पानी रोक दिया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जम्मू के रामबन में बने बागलिहार बांध से चिनाब का पानी रोका गया है। चिनाब नदी पर बने बगलिहार डैम से पानी के फ्लो को रोकने के बाद सोमवार को सलाल डैम से भी पानी को रोक दिया गया है। वहीं कश्मीर में किशनगंगा बांध के जरिए झेलम नदी का पानी रोकने की प्लानिंग चल रही है। सिंधु जल समझौते के सस्पेंशन के बाद भारत के इन कदमों से पाकिस्तान पानी-पानी के लिए मोहताज हो जाएगा। वहीं पंजाब के फिरोजपुर में सेना ने कैंट एरिया और सीमावर्ती गांवों में ब्लैकआउट एक्सरसाइज की गई। 30 मिनट तक पूरे इलाके में अंधेरा रखा गया, बिजली काटी गई। पाकिस्तान ने लगातार 11वें दिन 4-5 मई की रात पुंछ सेक्टर में सीजफायर तोड़ा। भारतीय सेना ने भी इसके जवाब में फायरिंग की।
भारत के पास है पानी छोड़ने के समय को रेगुलेडेट करने की क्षमतादरअसल रामबन में बगलिहार डैम, रियासी में सलाल डैम और कश्मीर में किशनगंगा बांध भारत को पानी छोड़ने के समय को रेगुलेडेट करने की क्षमता प्रदान करते हैं। पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोगों की हत्या के बाद भारत ने दशकों पुरानी संधि को निलंबित करने का फैसला किया है। विश्व बैंक की ओर से मध्यस्थता की गई सिंधु जल संधि ने 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के उपयोग को नियंत्रित किया था। पाकिस्तान ने अतीत में विश्व बैंक की मध्यस्थता की मांग की थी। चंदरकोट के पास रामबन जिले में बगलिहार बांध दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। रामबन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुबह-सुबह ही बगलिहार डैम से पानी रोक दिया गया था। क्योंकि बांध के सभी गेट बंद थे। कुछ दिन पहले ऊपरी इलाकों में भारी बारिश हुई थी और रियासी की ओर पानी के प्रवाह की अनुमति देने के लिए गेट खोले गए थे और सलाल डैम से पानी का प्रवाह फिर से रोक दिया गया था। रियासी और अखनूर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इससे पाकिस्तान में कुछ नुकसान हुआ। लेकिन सुबह बगलिहार डैम के गेट बंद कर दिए गए और पानी का बहाव पूरी तरह बंद हो गया।
रामबन और डाउनस्ट्रीम में चिनाब नदी का तल पूरी तरह सूखा
इसके साथ ही रामबन और डाउनस्ट्रीम में चिनाब नदी का तल पूरी तरह सूख गया है। रियासी में सलाल डैम से पानी का बहाव भी कम हो गया है और अखनूर और जौरियन में भी पानी का स्तर काफी कम हो गया है। इससे पाकिस्तान में पानी का संकट और बढ़ गया है। सूत्रों ने बताया कि बगलिहार बांध में पर्याप्त जलभराव बनने में करीब तीन दिन लगते हैं। पुल डोडा से आगे, बटोटे-किश्तवाड़ रोड पर डोडा जिले के प्रेम नगर कस्बे के पास एक बड़ी झील बन जाती है। रियासी में सलाल हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में एनएचपीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक डोडा और किश्तवाड़ के ऊपरी इलाकों में बारिश हुई है और बगलिहार में जलाशय ऊपर तक भर गया है। बाढ़ के साथ गाद बनती है और फ्लशिंग की प्रक्रिया जरूरी हो जाती है। इस कारण पहले गेट खोले जाते हैं ताकि गाद और कीचड़ बाहर निकल जाए और फिर बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद डाउनस्ट्रीम में नदी सूख जाती है और जलाशय को फिर से भरने में कुछ समय लगता है।बता दें कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाक के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। इसमें सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित करना प्रमुख था। इस संधि में सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, सतलुज और ब्यास नदी के जल का पाक को बंटवारा होता है। एनएचपीसी अधिकारी के मुताबिक बमुश्किल दो दिन पहले ही अखनूर और जौरियां क्षेत्रों में चिनाब नदी में भारी बाढ़ आई थी। बांध भर जाने के बाद सलाल बांध के गेट खोल दिए गए थे। गाद को बाहर निकाल दिया गया है और यह प्रक्रिया जारी है। सूत्रों ने खुलासा किया कि भारतीय अधिकारी अखनूर से एक और बड़ी नहर बनाने पर विचार कर रहे हैं, ताकि जम्मू जिले के शेष क्षेत्रों को रामगढ़ और सांबा और कथूस जिलों के कुछ हिस्सों में सिंचाई की जा सके। अखनूर, जौरियां और खौर क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पड़ने वाली पुरानी प्रताप नहर को एडवांस करने और पानी को अंतिम छोर तक ले जाने की व्यवहार्यता की भी जांच की जा रही है। इतना ही नहीं अधिकारी परगवाल सेक्टर के लगभग 35 गांवों और घरोटा और कोट भलवाल के कंडी बेल्ट को भी चिनाब नदी के पानी का लाभ देने की योजना बना रहे हैं।
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच काफी ज्यादा तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तानी नेता कई बार युद्ध की खोखली चेतावनी दे चुके हैं। इस बीच पाकिस्तान के एक सांसद ने कहा है कि अगर भारत के साथ युद्ध छिड़ गया तो वो इंग्लैंड भाग जाएंगे। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य शेर अफजल मरवत से एक पत्रकार ने पूछा कि अगर भारत के साथ युद्ध छिड़ा तो क्या वो बंदूक लेकर बॉर्डर पर जाएंगे। इस पर मरवत ने कहा- अगर भारत के साथ युद्ध छिड़ा तो मैं इंग्लैंड चला जाऊंगा। इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तनाव कम करने के लिए पीछे हट जाना चाहिए? इस पर मरवत ने कहा- क्या मोदी मेरी खाला (मौसी) के बेटे हैं कि मेरे कहने से पीछे हट जाएंगे? मरवत का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल है। कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें अपनी सेना पर भरोसा नहीं है। मरवत पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सदस्य है।
इस बीच डीआरडीओ ने मध्य प्रदेश के श्योपुर ट्रायल साइट से ‘स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म’ का पहला सफल फ्लाइट ट्रायल किया। 62 मिनट चले ट्रायल में एयरशिप में ‘एनवेलप प्रेशर कंट्रोल सिस्टम’ और ‘इमरजेंसी डिफ्लेशन सिस्टम’ को सक्रिय किया गया। स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म 17 किलोमीटर की ऊंचाई से जमीन पर हर हलचल पर नजर रखेगा। एक ही स्थान पर स्थिर रहकर एयरशिप प्लेटफॉर्म ग्राउंड कंट्रोल को रियल टाइम डाटा भेज सकता है। ये दुर्गम पैट्रोलिंग क्षेत्रों में ‘जासूसी आंख’ की तरह से काम करेगा।
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