राहुल गाँधी को LoP बनाने वालों को जरा भी आत्मसम्मान की चिंता है ऐसे बिगड़ैल को जितनी जल्दी हो इस प्रतिष्ठित पद से हटाएं। वैसे गुलामी मानसिकता का कोई आत्मसम्मान नहीं होता। जब से राहुल राजनीति में आया है एक काम ऐसा नहीं किया जो इसे नेता कहे जाने लायक हो। जाँच उन सीटों की होनी चाहिए जहाँ से गाँधी परिवार ने चुनाव लड़ा है। क्योकि गाँधी परिवार को राजनीति नहीं सियासत करनी आती है। इतिहास गवाह है। नेहरू से लेकर वर्तमान परिवार की हरकतों को ही देख लेना चाहिए। जो परिवार स्थानों के हिसाब से धर्म धारण करता हो उसे राजनीति का ज्ञान हो ही नहीं सकता। वह सिर्फ सियासत ही कर सकता है जो आजकल परिवार कर रहा है। क्योकि राजनीति और सियासत में जमीन आसमान का फर्क होता है।
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लेखक चर्चित YouTuber |
लेकिन महाराष्ट्र चुनाव नतीजों को रद्द करने के लिए “वंचित बहुजन अघाड़ी” के वकील नेता प्रकाश अंबेडकर ने मुंबई निवासी चेतन चंद्रकांत अहिरे की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका लगाकर 6 बजे के बाद पड़े वोटों में procedural irregularities and a lack of transparency का आरोप लगाया।
याचिका में 6 बजे के बाद पड़े 76 लाख वोटों की वैधता पर प्रश्नचिन्ह लगाया और पूरे महाराष्ट्र के चुनाव परिणामों को रद्द करने की मांग की। यानी 9 करोड़ वोटर में से 76 लाख पर सवाल खड़ा करके राई का पहाड़ बनाने की कोशिश की गई।
The petition challenged the legitimacy of approximately 76 lakh votes allegedly cast after the official poll-closing time of 6 pm.
बॉम्बे हाई कोर्ट के Justices GS Kulkarni and Arif Doctor की बेंच ने पूछा कि इसके पहले ऐसे वोटिंग पैटर्न पर कभी क्यों नहीं सवाल उठाया गया यहां तक 2024 के लोकसभा चुनाव में भी।
न्यायालय ने कहा कि -
"Unless evidence showed post-6 pm polling results specifically aiding any winning candidate, the petition lacked substantial merit.
A whole day of this court was wasted in hearing the petition. Although costs should be imposed on them, we refrain from doing so."
निर्णय आने के बाद चुनाव आयोग ने कहा कि राहुल गांधी और खड़गे द्वारा व्यक्त की गई सभी शंकाओं का उत्तर हाई कोर्ट ने दे दिया।
लेकिन अभी राहुल गांधी का माथा ठंडा नहीं हुआ है। कल ही उसने कहा है कि 2024 के हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों की 5 बजे के बाद हुई वोटिंग की CCTV फुटेज और वोटर लिस्ट मिलने के बाद ही हम बात करेंगे।
अब कर लो बात, बॉम्बे हाई कोर्ट ने तुम्हारी दुकान ही बंद कर दी। अब प्रकाश अंबेडकर को सुप्रीम कोर्ट भेज दो और उसके पीछे कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी को खड़ा कर दो।
कुछ रटे रटाए शब्द बोलने की आदत पड़ गई है कांग्रेस के नेताओं को। खड़गे कह रहे हैं कि चुनाव आयोग मोदी सरकार की “कठपुतली” बन गया गया है। आपके समय में कौन कौन से चुनाव आयुक्त कांग्रेस की “कठपुतली” होते थे, खड़गे साहेब, वह भी याद कर लेना।
अवलोकन करें:-
जब झारखंड में कांग्रेस गठबंधन की जीत हुई, जब तेलंगाना, हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस को जीत मिली, तब ऐसे सवाल क्यों नहीं खड़े किए कांग्रेस ने। तब चुनाव आयोग का क्या तुम्हारे साथ “फिक्स्ड मैच” था। अब, अभी से बिहार/बंगाल चुनाव हारने के बहाने तैयार कर रहा है राहुल गांधी जिससे कोई उसे हार के लिए जिम्मेदार न कह सके।
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