कांग्रेस को आईना दिखाना रास नहीं आया, राहुल-वाड्रा की सच्चाई बताई तो दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह को कांग्रेस से निकाला; चापलूस कांग्रेस को डुबोकर ही रहेंगे

यह कहना कि कांग्रेस पार्टी में सब कुछ भगवान भरोसे चल ही रहा है और भविष्य में भी भगवान भरोसे ही चलता रहेगा। ऐसा कुछ नहीं है।  वास्तविकता यह है कि कांग्रेस में सब कुछ चापलूसों और चमचों के भरोसे चल रहा है। राहुल गांधी के इर्द-गिर्द इन लोगों के गुट ने ऐसा घेरा बना लिया है, जिसके कारण वरिष्ठ नेताओं सहित पार्टी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से दूरी बना ली है। यदि कभी-कभार कांग्रेस का कोई नेता हिम्मत करके राहुल गांधी को सच्चाई का आईना दिखाता है तो उसकी बात पर विचार-मंथन किए बिना ही उसको पार्टी से ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इसके एक नहीं, अनेक उदाहरण हैं। अगर कांग्रेस में तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग ने परिवार को ऐसा करने से नहीं रोका बहुत जल्दी कांग्रेस की हैसियत किसी क्षेत्रीय पार्टी से भी नीचे चली जाएगी। जिस पार्टी में चापलूसों की भरमार होगी उस पार्टी को डूबने से कोई नहीं बचा सकता। 
कांग्रेस परिवारभक्ति में इतना ज्यादा डूब चुकी है, उससे बाहर निकलना मुश्किल दिखाई पड़ता है। आज कांग्रेस में राष्ट्रप्रेम की भी जरुरत से ज्यादा कमी आ गयी है। 2014 चुनावों से पहले देश में होते आतंकी हमलों को "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" से जोड़ हिन्दू को बदनाम करने वाली कांग्रेस आज वर्तमान की मोदी सरकार द्वारा आतंकियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने पर पाकिस्तान से ज्यादा परेशान कांग्रेस है। Operation Sindoor होने पर पाकिस्तान ने हमारे कितने राफेल गिराए पूछ पाकिस्तान की बोली बोलना। इससे पहले एयर और सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत। आखिर कांग्रेस क्यों पाकिस्तान के आगे घुटने टेके हुए है? लगता है पाकिस्तान ने कांग्रेस की कोई नस पकड़ी हुई है। जिसे देख शंका होती है कि कांग्रेस आतंकवाद के सहारे भारत में राज कर रही थी। असलियत सामने आने में कांग्रेस में जो भगदड़ मची है उसे देख समझा जा सकता है, कुछ कहने की जरुरत नहीं।
दूसरे, देश में होते हिन्दू विरोधी दंगों में हिन्दुओं पर होते जानलेवा हमले होने पर चुप्पी साध ली जाती है, लेकिन इजराइल द्वारा गाज़ा पर हमले होने पर बेशर्म प्रियंका वाड्रा संसद में फिलिस्तीन का थैला लेकर पहुँच जाती है। मुर्शिदाबाद, संदेशखली और 24 परगना में हिन्दुओं के होते नरसंहार पर चुप्पी क्यों?             
 

ऐसा ही ताजा मामला अब मध्य प्रदेश से आया है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस के दिग्गज नेता लक्ष्मण सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उनका भी कुसूर सिर्फ इतना ही था कि उन्होंने राहुल गांधी एंड कंपनी को वास्तविकता का आईना दिखाने के लिए नसीहत देने की कोशिश की थी।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गांधी परिवार के ना शामिल होने को गलत बताया
मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी एक बाद फिर घमासान को लेकर सुर्खियों में आ गई है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया है। लक्ष्मण सिंह 5 बार के सांसद, 3 बार के विधायक रहे हैं। इसके साथ ही वह वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह के चाचा हैं। लक्ष्मण सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। ऐसे में हर तरफ यह सवाल तैर रहे हैं कि यह दिग्विजय सिंह और जयवर्धन के लिए भी बड़ा झटका साबित हो सकता है। क्या राघोगढ़ के छोटे राजा लक्ष्मण सिंह को पार्टी से बाहर करना पूरी राघोगढ़ रियासत का अपमान नहीं है? विधानसभा चुनाव में चाचौड़ा विधानसभा सीट से हारने के बाद से लक्ष्मण सिंह पार्टी की गलत नीतियों को लेकर हमलावर थे। लक्ष्मण सिंह राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में गांधी परिवार के ना शामिल होने को गलत ठहराया था।

राहुल गांधी को सोच-समझकर बोलने की भी दी नसीहत
कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह पहलगाम आतंकी हमले पर भी राहुल गांधी और पार्टी के रुख की आलोचना कर चुके हैं। सत्तर वर्षीय पार्टी नेता एक बार फिर साफगोई से बयान दिए हैं, जो कांग्रेस के दिल्ली दरबार में बैठ नेताओं को असहज लग रहे हैं। इससे पहले लक्ष्मण सिंह को तब कारण बताओ नोटिस दिया गया था, जब उन्होंने राहुल गांधी और उनके बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को लेकर पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, ‘गांधी और वाड्रा अपरिपक्व हैं। देश उनकी अपरिपक्वता को भुगत रहा है।’ उन्होंने आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आतंकवादियों से मिले हुए हैं। पार्टी को वहां से समर्थन वापस लेना चाहिए। लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी को भी सोच समझकर बात करने की नसीहत देते हुए कहा था कि पार्टी को मुझे निकालना हो तो आज निकाल दे। हमारी पार्टी के नेता सोच समझकर बोले, नहीं तो उन्हें चुनाव में परिणाम भुगतना पड़ेंगे।

राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा का बचपना कब तक झेलेंगे
पार्टी की अनुशासन समिति ने उनके बयानों को अनुशासनहीनता माना। अनुशासन समिति के अध्यक्ष सांसद तारिक अनवर ने बयान के लिए कारण बताओ नोटिस दिया था। जवाब संतोषजनक नहीं होने के चलते उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित किया गया। इससे पहले दिसंबर 2023 में भी लक्ष्मण सिंह ने कह दिया था कि राहुल गांधी महज एक पार्टी कार्यकर्ता और सांसद हैं। इसके अलावा वह कुछ भी नहीं। राहुल गांधी को ज्यादा तवज्जो नहीं देनी चाहिए। लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था- ‘ये हमारा रॉबर्ट वाड्रा, जीजा जी राहुल गांधी का, कहता है कि मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देते इसलिए आतंकवादियों ने हमला किया। इन दोनों का ये बचपना हम कब तक झेलेंगे। राहुल गांधी भी थोड़ा सोच समझकर बात करें। इनकी नादानियों की वजह से इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।’

भाई का निष्कासन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के लिए बड़ा झटका
दिग्विजय सिंह को राघोगढ़ का राजा माना जाता है। गुना जिले की यह सीट हमेशा दिग्विजय सिंह और बाद में उनके बेटे के नाम रही, जबकि लक्ष्मण सिंह जिले की चाचौड़ा विधानसभा से विधायक रहे। इस बार 2023 के चुनाव में हार गए। माना जाता है कि दिग्विजय सिंह के लिए भाई का पार्टी से निष्कासन बड़ा झटका साबित हो सकता है। काबिले जिक्र है कि लक्ष्मण सिंह ने रैली में साफ कहा था कि चाहे मुझे पार्टी से निकाल दें, लेकिन हमारी पार्टी के नेता सोच समझकर बोले, नहीं तो उन्हें चुनाव में परिणाम भुगतना पड़ेंगे।
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कांग्रेस को आज नहीं तो कल सवालों का जवाब देना ही पड़ेगा
कांग्रेस पार्टी के लक्ष्मण सिंह के खिलाफ एक्शन पर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने कहा- लक्ष्मण सिंह मेरे वर्षों पुराने मित्र हैं। जब उनके भाई मुख्यमंत्री थे तब से आज तक लक्ष्मण सिंह और हम मित्र हैं। बेबाकी से बोलते हैं। आज की तारीख में वे जो सवाल उठा रहे हैं। वो समयानुकूल हैं। इन प्रश्नों का जवाब कांग्रेस को आज नहीं तो कल देना ही पड़ेगा। अगर जवाब नहीं देंगे। तो जनता और कार्यकर्ता उन्हें इतना घेरेंगे कि वो लक्ष्मण सिंह का नाम लेकर पानी पिएंगे। उन्होंने लक्ष्मण सिंह को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सच्चाई की अपनी लाइन को मत छोड़िएगा। सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं। आप और हम इसी लाइन पर चलते रहेंगे।

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