यह कहानी काल्पनिक अवश्य है परंतु आज के संदर्भ से जुड़ी है। है बहुत प्रासंगिक। गांधी जी अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे थे और एक एक करके नेता आते गए। नेहरू और जिन्ना गांधी जी के पैरों में लिपटे हुए बैठे आंसू बहा रहे थे।
जिन्ना ने कहा, बापू मैंने और नेहरू ने क्या इसलिए पाकिस्तान बनाने को कहा था कि आज मोदी उसका बेड़ागर्क कर दे। नेहरू ने कहा, बापू आपके गुजरात का है मोदी, आप ही उसे कुछ समझाओ कि हमारे और आपके “लाड़ले नाजायज” पाकिस्तान पर जुल्म करना बंद करे। पाकिस्तान को नोटबंदी करके दुनिया में भीख मांगने पर मजबूर कर दिया। अब पहलगाम के नाम पर मोदी ने उन नदियों का पानी बंद कर दिया जो मैंने पाकिस्तान पर अपना प्यार जताने के लिए दिया था।
![]() |
| लेखक चर्चित YouTuber |
बस इतना सुनना था सरदार भड़क गए। मैं क्यों मोदी को कुछ कह सकता हूं, उसने तो मुझे पूरा सम्मान दिया है जो कांग्रेस ने नहीं दिया। नेहरू ने क्या किया मेरे साथ सब जानते हैं। बापू आपने तो मेरा अधिकार छीन कर नेहरू को प्रधानमंत्री बना दिया। बापू हम लोग के बाद किसी ने गीत लिखा “बापू सेहत के लिए तू तो हानिकारक है”। वो आपके लिए ही लिखा था। मन्दिरों में कुरान पढ़वा दिया लेकिन मस्जिदों में राम नाम नहीं कहलवा पाए। तुम ईश्वर अल्लाह तेरो नाम . ..तो लेकिन मुसलमानों को राम की महिमा नहीं बता पाए। बबूल का पेड़ लगाने वाले भी तो तुम है। स्वामी श्रद्धानन्द का क़त्ल तुम्हारे लाडलों ने किया और तुमने अपना भाई बताकर उन कातिलों को बचा लिया, क्यों?
भीष्म पितामह ने दुर्योधन को हस्तिनापुर दे दिया लेकिन उसे तो इंद्रप्रस्थ भी चाहिए था। आप ऐसे पितामह बन गए जिसके दिल में “कौरव पाकिस्तान के लिए प्यार था और आपने हिंदू पांडवों पर अत्याचार किया”। आज आपका लाड़ला “कौरव पाकिस्तान” कहता है कि “लड़ के लिया है पाकिस्तान, हंस के लेंगे हिंदुस्तान”।
मोदी ने तो मेरी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बना दी लेकिन आजतक एक कांग्रेसी मेरे दर्शन को नहीं गया। जब मैंने सारी रियासतों का विलय भारत में कर दिया तो नेहरू कश्मीर को UNO में क्यों ले गए? नेहरू ने नदियों का 80% पानी पाकिस्तान को दे दिया तो मोदी को तो रोकना ही था। वह सही कहता है पानी और आतंकवाद साथ साथ नहीं बह सकते।
तब किसी ने कहा इंद्रदेव के पास चलते हैं, वो कुछ मोदी को समझाएं, इंद्रदेव ने कहा मोदी के नाम में ही इंद्र है, मैं उसे कुछ नहीं कह सकता, वो तो बहुत नेक काम कर रहा है। फिर सब ब्रह्मा के पास गए। ब्रह्मा जी ने कहा कि मैंने अपनी सृष्टि में अखंड भारत दिया था लेकिन आपने उसे खंड खंड कर दिया। आप शंकर जी के पास जाओ।
शंकर के पास गए तो उन्होंने कहा - क्या सोच कर आए हो, शंकर बहुत खुश होगा? अरे मेरे प्रभु राम को नेहरू की पार्टी ने “काल्पनिक” कहा और मेरे भगवान के मंदिर को न बनने के लिए जान लगा दी। और नेहरू जी आपका वंशज राहुल तो भगवान राम को मानता ही नहीं और जो राम का नहीं वो मेरे किसी काम का नहीं। मोदी मेरा अनन्य भक्त है जिसने मेरा हर तीर्थ संवार दिया, उसे मैं कैसे कुछ कह सकता हूँ!
और फिर सब परलोक सभा में एकत्रित हुए और निर्णय किया कि जो हो रहा है, उसे होने दो, कोई मोदी को कुछ नहीं कह सकता, वो जो कर रहा है, उसे करने दो, अपने अपने लोगों को समझाओ कि मोदी के लिए समस्या खड़ी न करें वरना उन्हें कोई सहारा नहीं देगा। परलोक सभा बर्खास्त हो गई।


No comments:
Post a Comment