पाकिस्तान की गुलाम कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश ने केवल पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा फैलाया: असीम मुनीर को नहीं आया था अमेरिका से कोई बुलावा, सच खुलने पर लग रही लताड़, लोग बोल रहे- माफी माँगो

कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पाकिस्तानी फौज का मुखियाजनरल असीम मुनीर (फोटो साभार-newsX/Indiatoday)
समय आ गया है कि जनता को जानना चाहिए कि कांग्रेस स्थापना किसने की और क्यों? कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिशर द्वारा भारतीयों का ध्यान आज़ादी आंदोलन से हटाने के लिए की गयी और आज की कांग्रेस पार्टी की स्थापना के उद्देश्य को अपनाते हुए देश की अस्मिता के विरुद्ध जनता को भ्रमित करने का काम कर रही है। पाकिस्तान जाकर रोते हैं "मोदी से बचाओ", इन पागलों से पूछो कि क्या मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान में चुनाव होंगे या भारत में?  

गौरतलब बात है कि कांग्रेस के कार्यकाल में हो रहे आतंकी हमलों पर "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" कहकर हिन्दुओं को बदनाम कर अपने आका पाकिस्तान के आतंकियों को बचाने का काम किया जा रहा था। माना अमेरिका पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देता है इसका मतलब यह नहीं कि पाकिस्तान इतनी बड़ी गलती दुनियां में बेनकाब हो जाए।      

पिछले दिनों एक खबर आई थी कि पाकिस्तानी फौज के प्रमुख जनरल असीम मुनीर को अमेरिका ने सेना दिवस के मौके पर अमेरिका आने का निमंत्रण दिया है। खबर उड़ी कि मुनीर को व्हाईट हाउस बुलाया गया है। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारत की आलोचना की थी। अब अमेरिका ने इसे फर्जी खबर करार दिया है। इसके बाद सोशल मीडिया यूजर्स का गुस्सा सामने आ रहा है।

असीम मुनीर के न्यौते पर अपने ट्वीट में जयराम ने पीएम मोदी पर निशाना साधा। लिखा, “यह खबर भारत के लिए कूटनीतिक और सामरिक दृष्टि से एक बड़ा झटका है।”

उन्होंने आगे लिखा, “मोदी सरकार कह रही है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है, ऐसे में पाकिस्तानी सेना प्रमुख का अमेरिकी सेना दिवस में बतौर अतिथि शामिल होना निश्चित ही गंभीर चिंता का विषय है”।

जयराम रमेश ने अमेरिका पर भी सवाल उठाया था और कहा था “यह वही व्यक्ति है जिसने पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले भड़काऊ और उकसाने वाली भाषा का इस्तेमाल किया था, सवाल उठता है कि अमेरिका की मंशा क्या है?”

हालाँकि कुछ समय बाद ही अमेरिका ने स्पष्ट किया कि असीम मुनीर के न्यौते वाली बात पूरी तरह से अफवाह है। अब, जब पूरी खबर ही झूठी निकल गई तो सोशल मीडिया पर जयराम रमेश को लोगों ने घेरना शुरू कर दिया। एक के बाद एक कई सोशल मीडिया यूजर्स ने पोस्ट कर कहा कि जयराम रमेश को अपने आलोचनात्मक और झूठे बयान के लिए माफी माँगनी चाहिए।

किसी वरिष्ठ नेता की तरफ से इस तरह की खबरें फैलाना और उसी खबर के आधार पर देश के ही खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपमानजनक टिप्पणी करना उन पर भी कई सवाल खड़े करता है।

जयराम रमेश ने जब पोस्ट किया था तब कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी भारत के खिलाफ इसी तरह की बयानबाजी की थी। हालाँकि बाद में जो खबर आई वो जयराम के बयान और सोशल मीडिया पर फैली अफवाह से एक रत्ती भी मेल नहीं खा रही है। ऐसे में लोगों का गुस्सा भी जायज है।

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