अपने राज्य में भगदड़ से मौत हुई तो, कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और खुद पहलगाम और भारत की स्ट्राइक पर भी राजनीति करते हो; मृत्यु कुंभ कहने वाली ममता अब “मृत्यु IPL” कहे

(#5% आबादी की कौम अल्पसंख्यक हो)

सुभाष चन्द्र

भगदड़ से मौतें कहीं भी हो सकती हैं जो दुख का विषय होती हैं लेकिन ऐसे हादसों पर बयानबाजी selective करने वालों की कमी नहीं रहती।  

कुछ दिन पहले आपको याद होगा फिल्म “पुष्पा-2” के प्रीमियर में भगदड़ मची थी जिसमे एक महिला की मौत हो गई थी और उसका 9 साल का बच्चा घायल हुआ था लेकिन तेलंगना पुलिस ने अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार करने में देर नहीं लगाई जबकि भगदड़ से उसका कोई लेना देना नहीं था 

अगर पुष्पा-2 की भगदड़ के लिए अल्लू अर्जुन जिम्मेदार था तो कल की बंगलुरु की भगदड़ के लिए जीतने वाली टीम के कप्तान को गिरफ्तार करो या ट्रॉफी सर पर उठाने वाले डी के शिवकुमार को करो और मुकदमा राज्य सरकार पर करो

आप अपने यहां 2-4 हजार की भीड़ को काबू नहीं कर सके लेकिन जिस कुंभ में 66 करोड़ लोग स्नान कर गए, उसके खिलाफ दुष्प्रचार करने में सभी दलों के नेता अग्रणी थे ममता ने महाकुंभ को मृत्युकुम्भ कहा और जया बच्चन ने त्रिवेणी के जल को सड़ा हुआ पानी कहा और आरोप लगाया कि भगदड़ में मरने वालों की लाशें त्रिवेणी में फ़ेंक दी गई कांग्रेस और विपक्ष का कौन सा ऐसा नेता था जिसने कुंभ के लिए अपशब्द न कहे हों

लेखक 
चर्चित YouTuber 
कुंभ की भगदड़ एक सुनियोजित षड़यंत्र था और उसके बाद भी एक दो जो भी दुर्घटनाएं हुई, उनके लिए कुप्रबंधन जिम्मेदार नहीं था बल्कि कुछ लोगों की शरारत थी ममता के मृत्युकुंभ कहने पर उसे समर्थन देने सबसे पहले “फर्जी शंकराचार्य” अविमुक्तेश्वरानंद “मुर्खानंद” सामने आया था

जहां तक राजनीति का सवाल है सिद्धारमैया पहला व्यक्ति था जिसने पहलगाम पर हिंदुओं के नरसंहार के बाद कहा था कि हमें पाकिस्तान से युद्ध नहीं चाहिए जबकि भारत सरकार ने युद्ध की बात भी नहीं की थी कांग्रेस के नेता जमकर भारत की पाकिस्तान पर स्ट्राइक का विरोध कर रहे हैं और राहुल गांधी तो सभी सीमाएं पार कर रहा है

अब बंगलुरु में हुई भगदड़ में 11 मौतों की जिम्मेदारी कर्नाटक सरकार पर तय की जाए तो क्या गलत है? वो तो अच्छा हुआ तीनो सेनाओं के प्रमुखों ने फ़ाइनल मैच के समापन समारोह में जाने से मना कर दिया वरना तो राहुल गांधी भगदड़ की मौतों के लिए उन्हें ही “पनौती” कह देता

अब खबर है कि भगदड़ में मौतों के लिए RCB पर FIR दर्ज की गई है जबकि इसका दोष पुलिस पर भी जाना चाहिए और उसके कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहरना चाहिए 

ऐसा नहीं है कि विगत में भगदड़ में मौतें नहीं हुई लेकिन उसकी निंदा Selective नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसी दुर्घटना कभी भी कहीं भी हो सकती है अगर कुंभ की भगदड़ के लिए योगी को दोषी मानते थे तो बंगलुरु की भगदड़ के लिए सिद्धारमैया को भी दोष देना बनता है

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