‘हम भी मुस्लिम- तुम भी मुस्लिम’ का नारा देकर मलेशिया को साधने की कोशिश कर रहा था पाकिस्तान, उल्टी पड़ गई चाल

    जदयू सांसद संजय झा के नेतृत्व में मलेशिया पहुँचा भारतीय प्रतिनिधि मंडल (फोटो साभार- @SanjayJhaBihar X)
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की मलेशिया यात्रा को रोकने की कोशिश में पाकिस्तान ने एक बार फिर मुँह की खाई है। आतंकी मुल्क ने मलेशिया सरकार से मुस्लिम देश होने की दुहाई तक दे डाली। हालाँकि मलेशिया ने पाक के इस पैंतरे को ठुकरा दिया और प्रतिनिधिमंडल से बेहतरीन मुलाकात की।

पाकिस्तानी दूतावास ने मलेशिया से कहा- आप भी मुस्लिम देश हैं और हम भी मुस्लिम देश हैं। ऐसे में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की बात न सुनकर उनके दौरे को रद्द करना चाहिए। इस पर मलेशिया ने भारत के साथ अपने संबंधों में पाकिस्तान के हस्तक्षेप को सिरे से ठुकरा दिया।

हथकंडों का जाल फैला रहा पाकिस्तान

पहलगाम आतंकी हमले के जवाबी एक्शन में चलाए गए मिशन ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हालत पस्त है। वहीं भारत के अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर के अलग अलग देशों में दौरा कर देश की के पक्ष को मजबूती से दर्शा रहे हैं। इससे तिलमिलाया आतंकी मुल्क अलग-अलग हथकंडे अपना रहा है।

कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका, गुयाना, कोलंबिया, ब्राजील और पनामा का दौरा किया तो वहीं जेडीयू सांसद संजय झा के नेतृत्व में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर और मलेशिया का दौरा कर रहा है।

संजय झा के साथ इस प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी से सांसद अपराजिता सारंगी, बृजलाल, प्रदान बरुआ और हेमांग जोशी, तृणमूल के अभिषेक बनर्जी, सीपीएम के जॉन ब्रिटास, कॉन्ग्रेस से सलमान खुर्शीद और पूर्व राजनयिक मोहन कुमार शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल के सभी कार्यक्रम तय की गई योजना के तहत ही संचालित हुए।

अपनै दौरे का बारे में सांसद संजय झा ने अक्स पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, “मलेशिया के सामने हमने अपनी बात रखी। ये स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद को युद्ध की कार्रवाई मानता है। भारत इस पूरे डोजियर को अतंर्राष्ट्रीय मंच FATF के सामने रखेगा ताकि आतंक के समर्थन देने वाले पाकिस्तान जैसे देश पर दबाव बढ़े।”

भारतीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार (2 जून 2025) को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर पहुँचा। यहाँ उन्होंने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम की पार्टी केदिलन राक्यत (PKR) और डेमोक्रेटिक एक्शन पार्टी (DAP) के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजित इरादों को मलेशिया के सामने रखा और पहलगाम हमलों और ऑपरेशन सिंदूर की वस्तुस्थिति स्पष्ट की।

इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि भारत के ऑपरेशन सिंदूर मिशन के बाद मलेशिया ने पाकिस्तान का समर्थन किया था। लेकिन अब उसने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत कर भारत की बात सुनी है।

मलेशिया ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को समर्थन दिया है। देश का कहना है कि इस्लाम किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करता। इसलिए पहलगाम में हुए हमले को लेकर ये कहना गतल नहीं होगा कि भारत को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।

अपने दौरे में प्रतिनिधिमंडल ने दोनों देशों के आपसी रिश्तों पर चर्चा की। मलेशिया ने इस पर कहा कि दोनों देशों के रिश्ते 100 वर्षों से भी पहले से हैं। यहाँ 20 लाख भी अधिक भारतीय लोग रहते हैं। यही मलेशिया और भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों की प्रगाढ़ता दिखाता है। संजय झा के साथ प्रतिनिधिमंडल सभी देशों की यात्रा कर वापस भारत लौट आया है।

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