पहलगाम आतंकी हमला करने वाले आतंकियों को पनाह देने वाले परवेश और बशीर को NIA ने दबोचा: पूछताछ में आतंकियों के नाम उगले


पहलगाम हमले में एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली है। एजेंसी ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को पनाह देने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों के नाम परवेज अहमद और बशीर अहमद है। दरअसल, एनआईए ने रविवार को बड़ी सफलता हासिल की है। पहलगाम आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में दो गुनहगारों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि पहलगाम में आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। जबकि 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। दोनों ने पहलगाम में आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों की सहायता की थी। पूछताछ में आरोपितों ने पहलगाम में निर्दोष हिंदुओं को मारने वाले तीनों हमलावरों की भी जानकारी दी है।

गिरफ्तार आरोपितों की पहचान पहलगाम के बटकोट के परवेज अहमद जोथर और पहलगाम स्थित हिल पार्क के बशीर अहमद जोथर के रुप में हुई है। दोनों ने खुलासा किया है कि पहलगाम हमला करने वाले तीनों आतंकवादियों के रहने खाने की व्यवस्था इन्हीं दोनो ने की थी।

पूछताछ के दौरान परवेज और बशीर ने तीनों हमलावरों की पहचान बताते हुए जानकारी दी कि हमलावर प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा संगठन से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक हैं।

पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। वहीं इस हमले में 16  लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे।

पाकिस्तानी ही थे आतंकी

एनआईए के अनुसार, पहलगाम के बटकोट के परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के हिल पार्क के बशीर अहमद जोथर ने हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया है। यह भी पुष्टि की है कि वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे। 

दोनों ने की थी सब व्यवस्था

एनआईए की जांच के अनुसार, परवेज और बशीर ने हमले से पहले हिल पार्क में मौसमी ढोक (झोपड़ी) में तीन हथियारबंद आतंकवादियों को जानबूझकर शरण दी थी। दोनों लोगों ने आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और रसद सहायता प्रदान की थी, जिन्होंने उस दुर्भाग्यपूर्ण दोपहर को धर्म की पहचान के आधार पर पर्यटकों को चुन-चुन कर मार डाला था।
यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था। एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत दोनों को गिरफ्तार किया है। 22 अप्रैल 2025 को दुनिया को हिला देने वाले हमले के बाद दर्ज किए गए आरसी-02/2025/एनआईए/जेएमयू मामले की आगे की जांच कर रही है। मामले में आगे की जांच जारी है।

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