अपीलीय न्यायाधिकरण ने चंदा कोचर को 64 करोड़ रिश्वत लेने का दोषी पाया; लेकिन सजा ट्रायल कोर्ट सुनाएगा

सुभाष चन्द्र
वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 300 करोड़ के लोन मामले में अपीलीय न्यायाधिकरण ने ICICI बैंक की पूर्व CEO व MD को मनी लांड्रिंग के लिए और 64 करोड़ रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया है और ED द्वारा उनकी 78 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किए जाने को वैध माना है।  यह संपत्ति जनवरी, 2020 में कुर्क की गई थी लेकिन PMLA की  Adjudicating Authority ने संपत्ति को छोड़ने के आदेश दिए थे जिन्हें कल अपीलीय न्यायाधिकरण ने रद्द्द कर दिया न्यायाधिकरण ने साफ़ कहा कि वीडियोकॉन ग्रुप द्वारा उनके पति दीपक कोचर की कंपनी NRPL को 64 करोड़ के लोन देने के मामले में अनभिज्ञता का दावा नहीं कर सकती क्योंकि लोन ICICI बैंक की समिति ने जून 2009 और अक्टूबर, 2011 के बीच स्वीकृत किया गया था और चंदा कोचर भी बैंक की CEO होने के नाते उस समिति की सदस्य थी

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लेकिन कोचर को सजा PMLA ट्रायल कोर्ट ही देगा जिसमें समय लगेगा ED ने चंदा कोचर को गिरफ्तार नहीं किया था CBI ने 23 दिसंबर, 2022 को Chanda Kochhar, Deepak Kochhar, and Venugopal Dhoot को गिरफ्तार किया था

लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पी के चवान की बेंच ने कोचर दंपति को एक लाख रुपए के मुचलके पर 9 जनवरी, 2023 को अंतरिम जमानत दे दी क्योंकि 15 जनवरी को उनके बेटे की शादी थी 

उसके करीब एक साल बाद बॉम्बे हाई कोर्ट की ही जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई और जस्टिस एन आर बोरकर ने 6 फरवरी, 2024 को अंतरिम जमानत पर मुहर लगा दी जबकि ऐसा कभी सुना नहीं गया कि जिस कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी, उस पर उसी कोर्ट की अन्य बेंच को मुहर लगाने की जरूरत पड़ी हो यह कहा गया कि CBI ने CRPC के section 41 का पालन नहीं किया और उनकी गिरफ़्तारी “abuse of power” थी

Section 41 of the Code of Criminal Procedure (CrPC) outlines the conditions under which a police officer can arrest a person without a warrant. ऐसा कोई उल्लंघन तो नहीं कर सकती CBI अलबत्ता चंदा कोचर के वकील ने एक आरोप यह लगाया था कि उसकी गिरफ़्तारी के लिए कोई महिला पुलिस अधिकारी नहीं गई थी लेकिन CBI के लोगों द्वारा कोई बेअदबी की गई क्या जो ऐसा आरोप लगाया

एक समय था जब चंदा कोचर हर उस समारोह में शामिल रहती थी जहां प्रधानमंत्री मोदी होते थे और प्रधानमंत्री की जोर शोर से प्रशंसा करती थी लेकिन किसी को क्या पता था पति पत्नी मिलकर ICICI बैंक में वीडियोकॉन ग्रुप को 300 करोड़ के लोन में घपला कर रहे होंगे वेणुगोपाल धूत भी गिरफ्तार हुआ था लेकिन कोचर दंपति की जमानत के आधार पर उसे भी जमानत मिल गई 300 करोड़ का लोन लेकर धूत ने दीपक कोचर की कंपनी में 64 करोड़ का निवेश किया, यही रिश्वत थी और कहते हैं 9 लाख रुपए लेकर धूत ने पूरी कंपनी दीपक के नाम कर दी यह मामला बिलकुल नॅशनल हेराल्ड और वाड्रा के जमीन हड़पने जैसा था

जितने बड़े लोग, उतने बड़े तरीके होते हैं उनके घोटाले करने के भी होते हैं और उनके मामलों के फैसले होने में बहुत समय लगता है, तब तक उनका बुढ़ापा दस्तक दे देता है जिससे सजा का कोई मतलब नहीं रह जाता लालू यादव को ही देख लो चंदा कोचर भी 64 वर्ष की हैं और फैसला होते होते 75 की तो हो ही जाएँगी

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