संसद में सभापति जगदीप धनखड़ पर विपक्ष ने लगाए थे गंभीर आरोप ( फाइल फोटो, साभार- sansad tv n PTI )
2014 चुनाव के बाद से लगभग हर क्षेत्र में भारत में कई काम पहली बार हो रहे हैं। एक समय था जब आतंकी भारत में उनके आकाओं के दम पर बेगुनाहों के खून से सड़कें लाल करते थे, आतंकियों को प्रधानमंत्री आवास में बैठाकर सम्मान के साथ बिरयानी और कोरमा खिलाया जाता था। लेकिन कालचक्र ऐसा घुमा कि आतंकियों को गोला मिल रहा है, घर में घुसकर मारा जा रहा है। इन सब में सबसे प्रमुख बात सामने आयी कि भारत विरोधी देशों के हाथों कठपुतली बना विपक्ष। फिर कहते हैं "मोदी हटाओं, हमारे हाथ सत्ता दे दो।" लेकिन जनता इतनी महामूर्ख है कि आँखों देखी मक्खी खाने को पता नहीं क्यों मजबूर हैं? सड़क से लेकर लोक/राज्य सभा तक उपद्रव विदेशी चंदे को भुनाने के लिए होते हैं। एक समय था जब नेता विपक्ष की कही किसी बात पर सरकार सोंचने को मजबूर होती थी, परन्तु आज लगता नेता विपक्ष नहीं कोई गली का खलीफा बोल रहा है। जब LoP यह कहे कि "हमें nation के खिलाफ लड़ाई लड़नी है" LoP राष्ट्र को बताए कि कौन-से nation से लड़ रहे हो? यानि विपक्ष नेता की गरिमा बिलकुल तार-तार कर दिया।
जगदीप धनखड़ ने भले ‘स्वास्थ्य कारणों’ से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया हो, पर विपक्ष इसमें ‘राजनीति’ देख रहा है। ये वही विपक्ष है जिसने न केवल धनखड़ की मिमिक्री कर सदन के बाहर उनका मजाक उड़ाया, बल्कि सदन के भीतर उन्हें ‘विपक्ष की आवाज दबाने वाला सभापति’ से लेकर ‘बीजेपी प्रवक्ता’ तक कहने में भी हिचक नहीं दिखाई।
यहाँ तक कि देश में पहली बार किसी उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश तक की। अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश कह रहे हैं कि उन्होंने विपक्ष को मिलाकर चलने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य वजह से बजाए जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की वजह ‘गहरे’ हैं।
The Congress claimed that there are "far deeper reasons" for #JagdeepDhankhar's resignation as the Vice-President than the health reasons cited by him, and said his resignation speaks highly of him but poorly of those who got him elected to the post.https://t.co/G9ML3g5T5Z
— The Hindu (@the_hindu) July 22, 2025
धनखड़ अविश्वास प्रस्ताव ला ला चुका है कांग्रेस
कांग्रेस को जगदीप धनखड़ विपक्ष को साथ लेकर चलने वाले नजर आने लगे हैं। ये वही कांग्रेस है जिसने देश के इतिहास में पहली बार उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनका ‘संवैधानिक अपमान’ किया । 72 साल के संवैधानिक इतिहास में धनखड़ पहले ऐसे उपराष्ट्रपति रहे जिनके खिलाफ प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस की अगुवाई वाली इंडी गठबंधन ने दिसंबर 2024 में सदन में महाभियोग प्रस्ताव लेकर आया था।
उस वक्त धनखड़ पर ‘पक्षपातपूर्ण तरीके’ से सदन चलाने और विपक्ष को ‘बोलने का मौका नहीं ‘देने का आरोप लगाया था। हालाँकि तकनीकी कारणों से महाभियोग प्रस्ताव खारिज हो गया। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
लेकिन आज उपराष्ट्रपति धनखड़ कांग्रेस को सभी दलों को मिला कर चलने वाले नेता नजर आने लगे हैं। कांग्रेस के पूर्व नेता अब समाजवादी पार्टी के सांसद कपिल सिब्बल ने यहाँ तक कहा है कि धनखड़ सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलाकर चलना चाहते थे और दुनिया में भारत के लोकतंत्र की बेहतर छवि प्रस्तुत करना चाहते थे।
धनखड़ की मिमिक्री का मामला
#WATCH | TMC MP Kalyan Banerjee mimics Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar in Parliament premises pic.twitter.com/b835BUGRoR
— ANI (@ANI) December 19, 2023
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