‘भारत रत्न’ का हो रहा अपमान : झारखंड बनाने वाले का नाम मिटाने पर तुली हेमंत सरकार, ‘अटल क्लीनिक’ का नाम बदलकर रखा ‘मदर टेरेसा एडवांस क्लीनिक’

 

अटल क्लिनिक का नाम बदल कर मदर टेरेसा के नाम पर रख रही है झारखंड सरकार (साभार-@jharkhand cmo, abp news, HT)
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदल दिया है। राज्य सरकार ने इसका नाम मदर टेरेसा एडवांस क्लीनिक कर दिया है जिसके बाद राज्य में सियासी बवाल शुरू हो गया है।

बीजेपी ने इसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान बताया है। पार्टी का कहना है कि हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंड की आत्मा का अपमान किया है। जनता ऐसे फैसलों के लिए कभी माफ नहीं करेगी। ये तुच्छ राजनीति का परिचायक है।

भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम को हटाकर मदर टेरेसा के नाम पर रखने से बिलकुल साफ हो गया है कि संविधान और लोकतंत्र के रक्षा का शोर मचाने वालों को भारत से नहीं देश विरोधियों से प्रेम है। मदर टेरेसा भक्त बताए कि टेरेसा के आश्रमों में रहने वाले बच्चे कहाँ है? क्या वह अपने वास्तविक धर्म/मजहब में ही है या ईसाई बन गए हैं? जनता को किसी भेदभाव के इस प्रश्न का उत्तर मांगना चाहिए।    

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा है कि झारखंड को जिस व्यक्ति ने राज्य के रूप में नई पहचान दी। वे हैं अटल बिहारी वाजपेयी। आज उनका नाम मिटाया जा रहा है।

उनके नाम पर बने क्लिनिक का नाम मदर टेरेसा के नाम पर रखा जा रहा है। ये सरासर गलत है। झारखंड सरकार से उन्होंने सवाल किया है कि आखिर राष्ट्रीय शख्सियत से सरकार को इतनी नफरत क्यों है?

बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाह ने मदर टेरेसा की संस्था मिशनरी ऑफ चैरिटी को लेकर कहा है कि ब्रिटिश लेखक क्रिस्टोफर हिचेंस और अरूप चटर्जी ने अपने किताब में मदर टेरेसा की संस्था पर धर्मांतरण करने जैसे गंभीर आरोप लगाए।

2021 में संस्था की एफसीआरए लाइसेंस को रिन्यू नहीं किया गया। इसकी वजह धर्मांतरण में संलिप्त होना और संविधान विरोधी होना बताया गया।

झारखंड बीजेपी के नेता अजय साह ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार राज्य में विकास की हर सकारात्मक पहल को विवादित बना रही है।

आयुष्मान योजना और अटल मोहल्ला क्लिनिक जनता की फ्री स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के मकसद से शुरू किया गया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा और कॉन्ग्रेस की सरकार इसका नाम बदलकर राजनीति कर रही है।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बिहार से अलग झारखंड राज्य का निर्माण किया। उनका नाम हटाने का विरोध जनता करेगी। अगर राज्य सरकार कोई नई स्वास्थ्य सेवा शुरू करना चाहती है तो वह किसी के भी नाम पर रख सकती है, लेकिन पुरानी योजना का नाम बदलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और जनविरोधी है।

ये पहली बार नहीं है जब झारखंड की कॉन्ग्रेस समर्थित सोरेन सरकार ने महापुरुषों को अपमानित किया है। इनलोगों ने डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर दूसरे स्वतंत्रता सेनानी वीर बुधु भगत के नाम पर रख दी। ये दोनों महापुरुषों का ही अपमान था।

रांची में शुक्रवार (24 जुलाई 2025) को हेमंत कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें नाम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगी।

अवलोकन करें:-

मदर टेरेसा सेवा का मुखौटा भारत में ईसाईकरण का जन्मदाता
किसी मंद बुद्धि से कहो "देख देख कौआ तेरा कान ले गया" और वह मंद बुद्धि अपना कान देखने की बजाए कौए 
 

कैबिनेट ने कई प्रस्तावों को मंजूरी दी थी। नाम बदलने के मुद्दे पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का कहना है कि मेडिकल सुविधाओं को आधुनिक बनाने के बाद नाम बदला जा रहा है।

No comments: