बिहार में हो रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण होने से विपक्ष में होहल्ला होना स्वाभाविक है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 35 लाख वोटर फर्जी पाए गए हैं। जिनमे अधिकतर संख्या घुसपैठियों, मृतक और दूसरे बोगस वोटर की है।
अब चर्चा यह है कि ये मुद्दा बहुत गंभीर होने वाला है। चुनाव आयोग के बाद अब गृह मंत्रालय इस मुद्दे पर बोगस वोट बनाने वाले अधिकारियों और नेताओं पर कार्यवाही करने जा रही है। जब एक राज्य में इतने बोगस वोट है तो शेष भारत में कितने होंगे?
प्रोपेगेंडा पत्रकार और यूट्यूबर अजीत अंजुम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के काम में हस्तक्षेप करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप हैं। अजीत अंजुम पर BNS 2023 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
दरअसल, पत्रकार ने अपने यूट्यूब चैनल पर दावा किया था कि वह बलिया के एक मतदान केंद्र में पहुँचे। जहाँ उन्हें गणना फॉर्म मिले, जो कि बिना फोटो, हस्ताक्षर और आधे-अधूरे भरे हुए थे। इस पर BLO मोहम्मद अंसरारुल हक ने शिकायत की।
शिकायत में बताया गया कि जब अंसारुल साहिबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र में 12 जुलाई 2025 को BLO ऐप से मतगणना फॉर्म अपलोड कर रहे थे। तभी यूट्यूबर अजीत अंजुम और उनके सहयोगी बिना अनुमति के सभागार में घुस आए और उनसे बूथ में मतदाताओं की संख्या, फॉर्म वितरण और अन्य जानकारी लेने लगे।
शिकायत में यह भी कहा गया कि अजीत अंजुम ने मुस्लिम वोटर की गिनती भी पूछी और इनमें से कितने लोगों ने फॉर्म सबमिट करने की भी सूचना लेनी चाही।


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