सैमसंग अब नोएडा में करेगा लैपटॉप मैनुफैक्चरिंग का काम, हर साल 60-70 हजार प्रोडक्ट होंगे तैयार: ‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगी धार, इंजीनियर्स को रोजगार

             सैमसंग ने नोएडा में शुरू की लैपटॉप मैन्युफैक्चरिंग, भारत में मैन्युफैक्चरिंग विस्तार की बड़ी शुरुआत
दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज कंपनी Samsung ने भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशन्स का विस्तार करते हुए नोएडा स्थित प्लांट में लैपटॉप बनाना शुरू कर दिया है। यह कदम भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत देश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, “सैमसंग ने अपने मैन्युफैक्चरिंग पोर्टफोलियो का विस्तार किया है और नोएडा फैक्ट्री में लैपटॉप बनाने जा रहा है। कंपनी भविष्य में और डिवाइसेज भी भारत में बनाने की योजना बना रही है।”

 नोएडा में यह फैक्ट्री 1996 में स्थापित हुई थी और तभी से भारत में सैमसंग की बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट के रूप में काम कर रही है। यहाँ पहले से ही फीचर फोन, स्मार्टफोन, वियरेबल्स और टैबलेट्स बनाए जाते हैं। अब लैपटॉप निर्माण की शुरुआत से कंपनी का फोकस भारत में अपने प्रोडक्ट्स की रेंज बढ़ाने पर है।

यह प्लांट हर साल 120 मिलियन स्मार्टफोन बनाने की क्षमता रखता है और दुनियाभर में सैमसंग का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माण केंद्र है (पहला दक्षिण कोरिया में है)। सैमसंग, भारत से स्मार्टफोन एक्सपोर्ट करने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी भी है, वहीं पहले नंबर पर Apple है।

जनवरी 2024 में सैमसंग के मोबाइल एक्सपीरियंस (MX) बिजनेस के प्रमुख टीएम रोह ने कहा था कि नोएडा प्लांट में लैपटॉप बनाने की तैयारी चल रही है। अब यह निर्माण शुरू होने जा रहा है और इस लाइन में हर साल करीब 60,000 से 70,000 लैपटॉप बनाए जा सकेंगे।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सैमसंग की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा, “सैमसंग भारत में उन्नत तकनीकी डिवाइसेज का निर्माण बढ़ा रहा है। यह भारत की प्रतिभा और नवाचार से प्रेरित है।”

हाल ही में उन्होंने Samsung Southwest Asia के CEO जेबी पार्क और कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट एसपी चुन से भी मुलाकात की थी और कंपनी की भारत में भूमिका को सराहा।

भारत में सैमसंग का रिसर्च यूनिट 7,000 से ज्यादा इंजीनियरों को रोजगार देता है, जिससे यह साफ होता है कि कंपनी भारत के टेक इकोसिस्टम में लंबे समय तक निवेश करना चाहती है।

भारत सरकार ने अगस्त 2023 में लैपटॉप इंपोर्ट पर रोक लगाई थी, जिसे बाद में रजिस्ट्रेशन सिस्टम में बदला गया, ताकि देश में ही लैपटॉप निर्माण को बढ़ावा दिया जा सके।

हालाँकि Acer, HP, Lenovo और Asus जैसी कंपनियाँ सरकार की Production Linked Incentive (PLI) योजना का फायदा उठा रही हैं, लेकिन Samsung ने इस योजना में भाग नहीं लिया है। इसके बजाय, कंपनी अपने दम पर भारत में निर्माण क्षमता बढ़ा रही है।

भारत में लैपटॉप बनाकर, सैमसंग अब चीन और वियतनाम से होने वाले आयात पर निर्भरता घटाएगा, जिससे आयात शुल्क में बचत के माध्यम से उपभोक्ताओं के लिए लागत कम होने की संभावना है। 

वर्तमान में सैमसंग भारत के स्मार्टफोन मार्केट में दूसरा सबसे बड़ा ब्रांड है (मूल्य और वॉल्यूम दोनों में)। साथ ही यह टैबलेट पीसी मार्केट में 15% शेयर रखता है। हालाँकि अब तक लैपटॉप मार्केट में इसकी खास मौजूदगी नहीं रही है। यह कदम उस खाली जगह को भरने की दिशा में है।

सैमसंग अब MSI जैसी कंपनियों की कतार में शामिल हो गया है, जिसने हाल ही में चेन्नई में लैपटॉप बनाना शुरू किया है।

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