इजरायल के मंत्री के दौरे से भड़का पाकिस्तान
इजरायल के सुरक्षा मंत्री इतेमार बेन-ग्वेर ने यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद परिसर का दौरा कर वहाँ प्रार्थना की है। पूर्वी यरुशलम के जिस परिसर में बेन-ग्वेर ने प्रार्थना की है उसे यहूदी ‘टेंपल माउंट’ कहते हैं।
इस स्थल को लेकर नियम है कि यहूदी वहाँ जा सकते हैं लेकिन उन्हें प्रार्थना करने की अनुमति नहीं है। बेन-ग्वेर के इसका एक वीडियो अपने X अकाउंट पर भी शेयर किया है जिसके बाद बवाल मच गया है और कई इस्लामी देशों ने उनके इस कदम की निंदा की है।
סרטוני הזוועה של החמאס באים על רקע דבר אחד – הניסיון שלהם ליצור לחץ על מדינת ישראל. ואני אומר דווקא מכאן, מהר הבית, במקום שבו הוכחנו שאפשר לעשות ריבונות ומשילות – דווקא מכאן צריך להעביר מסר: ולדאוג שכובשים את כל רצועת עזה, מכריזים ריבונות בכל רצועת עזה, מורידים כל חמאסניק,… pic.twitter.com/A9jSKOaTRm
— איתמר בן גביר (@itamarbengvir) August 3, 2025
बेन-ग्वेर का यह दौरा ‘तिशा बाव’ के दिन हुआ है। यह दिन यहूदी धर्म में एक उपवास और शोक का दिन होता है। इसे यरुशलम में यहूदियों के पहले और दूसरे पवित्र मंदिरों के विनाश समेत यहूदी इतिहास की त्रासदियों की याद में मनाया जाता है।
परिसर की मौजूदा स्थिति
मान्यता है कि सोलोमन राजा ने 1000 ईसा पूर्व में यहूदियों के लिए इसी जगह पर दो मंदिर बनवाए थे। वहीं, मुसलमानों के लिए तीसरा सबसे पवित्र स्थान है और मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद यहीं से जन्नत की यात्रा पर गए थे। यहूदियों के मंदिर के स्थान पर अब केवल एक दीवार बची है जिसे ‘वेस्ट वॉल’ कहा जाता है।
ईसाइयों में मान्यता है कि इस ‘वेस्ट वॉल’ के पास ही यीशू का जन्म हुआ था और वे भी इसे पवित्र मानते हैं। 1967 के युद्ध में इजरायल ने इसे जॉर्डन से अपने कब्जे में लिया था और दोनों देशों के बीच इसे लेकर समझौता हुआ था।
मौजूदा व्यवस्था के तहत जॉर्डन को इस जगह का पारंपरिक संरक्षक बने रहने की अनुमति है। वहीं, इजरायल के पास सुरक्षा और यहां किसी के पहुंचने की अनुमति देने की जिम्मेदारी है। यहाँ अक्सर झड़पें होती रहती हैं।
इज़रायल के पीएम और इस्लामिक मुल्कों ने क्या कहा?
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बेन-ग्वेर की यात्रा को लेकर एक बयान जारी किया है। नेतन्याहू के बयान में कहा गया कि टेंपल माउंट पर यथास्थिति बनाए रखने की इज़राइल की नीति न तो बदली है और न ही बदलेगी।
हालाँकि, सऊदी अरब, पाकिस्तान और जॉर्डन समेत कई इस्लामिक मुल्कों ने इसकी निंदा की है। इस स्थल के संरक्षक जॉर्डन ने बेन-ग्वेर की इस यात्रा को ‘उकसावे वाली यात्रा’ बताया है। फलस्तीनी अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस यात्रा से ‘सभी हदें पार हो गई हैं’। सऊदी अरब ने भी इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ क्षेत्र में संघर्ष को बढ़ावा देती हैं।
No comments:
Post a Comment