मिशनरियों ने फाड़े हिन्दू महिला के कपड़े; प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण; बिलासपुर से दुर्ग तक प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण को लेकर बवाल


छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में धर्मांतरण को लेकर तनाव बना हुआ है। 13 सितंबर 2025 को प्रार्थना सभा में करीब 300 लोगों को ईसाई बनाने के लिए प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। वहीं दुर्ग में भी धर्मांतरण के विरोध में हिन्दू संगठन सड़क पर आ गए।

बिलासपुर में प्रार्थना सभा में करीब 300 लोग मौजूद थे। इनलोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा था। इस मामले में सीपत पुलिस ने 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसको लेकर ईसाईयों ने जमकर बवाल किया।

प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण

हिन्दू संगठन ने भी धर्मांतरण के विरोध में करीब 10 घंटे तक प्रदर्शन किया। इस लोगों ने मसीही समाज के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है। हिन्दू संगठनों का कहना है कि लगातार प्रार्थना सभा की आड़ में हिन्दुओं को लालच और पैसे देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है। इनलोगों ने ईसाईयत और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

हिन्दू संगठनों ने थाने के सामने हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। पुलिस के मुताबिक, प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण की सूचना मिली थी। इसके आधार पर पुलिस घटनास्थल पर पहुँची और 7 ईसाईयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

बिलासपुर में धर्मांतरण का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले बीते 28 अगस्त 2025 को प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण की कोशिश की जा रही थी। हिन्दू संगठनों को जानकारी मिलने पर वे मस्तूरी थाना क्षेत्र के पेंड्री पहुँचे। यहाँ एक बंद पड़े पोल्ट्री फॉर्म में 15-20 लोगों का धर्मांतरण किया जा रहा था। इसके लिए प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। पुलिस ने इस मामले में पास्टर संजीव सूर्यवंशी समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया था।

दुर्ग में भी धर्मांतरण को लेकर तनाव

छत्तीसगढ़ के दुर्ग के पद्मनाभपुर में रविवार (14 सितंबर 2025) को चर्च में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। इसको लेकर आस पास के लोगों ने हिन्दू संगठनों को जानकारी दी कि यहाँ धर्मांतरण के लिए लोगों को जुटाया गया है। इसके बाद हिन्दू संगठन वहाँ पहुँच गए और चर्च के बाहर हंगामा किया। मौके पर पहुँची पुलिस ने प्रार्थना सभा में मौजूद लोगों के नाम और पता नोट किए। हिन्दू समुदाय ने इस दौरान चर्च के बाहर भजन-कीर्तन किया।

विवाद बढ़ने पर पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने लेकर गई। हिन्दुओं का कहना है कि चर्च से जुड़े जॉन को धर्मांतरण के लिए बाहर से फंडिंग होती है। उसकी बैंक खातों की जाँच की जानी चाहिए। उसे जिला बदर किया जाना चाहिए। इनका कहना है कि जॉन ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर मारपीट किया और गालियाँ दी।

इन लोगों ने बजरंग दल कार्यकर्ता निर्मित कौर को धक्का दिया। यहाँ तक की उसके कपड़े फाड़ दिए। इसके बाद जॉन को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पीटा। फिलहाल जॉन को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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