ब्रिटेन के लीसेस्टर में दिवाली उत्सव पर बैन (साभार-chatgpt)
भारत के बाहर दुनिया के सबसे बड़े दिवाली उत्सव में एक ब्रिटेन के लीसेस्टर में होने वाले उत्सव पर रोक लगा दिया गया है। दिवाली पर यहाँ आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों इस साल नहीं हो रहा है। सिटी काउंसिल की इस घोषणा को हिन्दू समुदाय ने पक्षपातपूर्ण करार दिया है।
हर साल यहाँ बड़े पैमाने पर पारंपरिक उत्सव आयोजित होते थे। आतिशबाजी और स्टेज शो जैसे कार्यक्रम होते थे। इस साल बेलग्रेव रोड पर यातायात बंद रहेगा। हालाँकि लैंपपोस्ट पर सजावट किए जाएँगे। इसके पीछे पब्लिक सेफ्टी का हवाला दिया गया है।
#WATCH | Leicester’s Diwali faces restrictions as fireworks and cultural events banned, Indian community calls decision biased despite fifty thousand attendees last year.@sanjaysuri88 | #Leicester #Diwali #Culture #Festival pic.twitter.com/1Q6AG8H8Or
— News18 (@CNNnews18) October 18, 2025
आवाजाही बंद, लेकिन ‘गोल्डन माइल’ की होगी सजावट
लीसेस्टर सिटी काउंसिल के मुताबिक, हर साल की तरह इस साल भी बेलग्रेव रोड पर मशहूर ‘गोल्डन माइल’ लाइटों से जगमगाएगा और 20 अक्टूबर 2025 को सड़कों पर ट्रैफिक भी बंद रहेगा। लेकिन इस बार आतिशबाजी नहीं होगी, ना ही मंच पर कोई कार्यक्रम होगा। पिछले सालों की तरह दीवाली का मेला भी नहीं लगेगा।
यह कदम शहर के सुरक्षा सलाहकार समूह (SAG) के निर्देश के बाद उठाया गया है, जिसमें काउंसिल, पुलिस और आपातकालीन सेवाओं के प्रतिनिधि शामिल थे। SAG ने कहा कि पिछले साल दीपावली पर करीब 50 हजार लोग इकट्ठा हुए थे, जो कि सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है।
भारतीय मूल की लीसेस्टर सांसद शिवानी राजा ने इस फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि दीपावली का जश्न खतरे में है। शिवानी राजा ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “हमारी दीवाली का जश्न अब भी खतरे में, हमारे जश्न पर संकट मंडरा रहा है।”
पिछली दीवाली में परोसा गया नॉन वेज- शराब
यह पहली बार नहीं है जब ब्रिटेन में दीवाली के जश्न पर विवाद खड़ा हुआ है। पिछले साल 2024 में भी पीएम कीर स्टार्मर की सरकार के दौरान 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर दीवाली रिसेप्शन कार्यक्रम में मीट और शराब परोसी गई थी।
उस वक्त भी हिंदू, सिख और जैन समाज के लोगों ने इसका विरोध किया था और इसे धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया था। लीसेस्टर सांसद शिवानी राजा ने तब भी स्टार्मर को पत्र लिखकर कहा था कि खाने का मेन्यू धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार नहीं था। उन्होंने आगे से गाइडेंस देने की पेशकश भी की थी।
लीसेस्टर में हिंदू-विरोधी माहौल खड़ा करने की हुई कोशिश
ब्रिटेन के लीसेस्टर में 18 प्रतिशत हिंदू समाज के लोग रहते हैं। यही कारण है कि लीसेस्टर की दीवाली दुनियाभर में मशहूर है। इसके अलावा बाकी हिंदू त्योहार भी धूमधाम से मनाए जाते हैं। हालाँकि, शहर में कई बार हिंदू-विरोधी माहौल खड़ा करने की कोशिश की गई है।
गणेश चतुर्थी की शोभायात्रा में भगवा झंडे लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। जब मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन (MCB) ने इसे ‘हिंदू कट्टरवाद’ बताकर कार्रवाई की माँग की थी।
वहीं साल 2022 में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के बाद हिंसा के जख्म अब तक नहीं भरे हैं। सोशल मीडिया पर हिंदुओं के खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाई गई थीं। इन अफवाहों के बाद हिंदू घरों और मंदिरों पर हमले हुए, भगवा झंडो का अपमान किया गया और सरेआम लोगों पर चाकू से वार किए गए थे।
कुछ समय बाद नवंबर 2022 में आई घटना की जाँच रिपोर्ट में साफ हो गया था कि हिंसा ‘हिंदुत्व कट्टरवाद’ से नहीं, बल्कि इस्लामी दुष्प्रचार से भड़की थी।
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