कुछ दिनों तक “I Love Muhammad” का शोर मचा था लेकिन फिर शांत सा हो गया लगता है क्योंकि फिर आवाज़ उठने लगी कि अपनी दुकानों, ढाबों, होटलों आदि पर “I Love Muhammad” के बोर्ड लगाएं मुस्लिम और वो अपनी कब्र खोदने जैसा था क्योंकि नाम छुपा कर व्यापार करना और कमाई करना बंद हो जाता। अपने होटलों और ढाबों में पेशाब और थूक मिला कर लोगों को खाना खिलाना बंद हो जाता क्योंकि वह बोर्ड देख कर फिर हिंदू तो आते नहीं जैसे हिंदू देवी देवताओं के नाम से होटल ढाबे में आते हैं और मुस्लिम कमाई करते है।
ऐसे धोखे तो आपको मुस्लिम बड़े स्तर पर देते मिलेंगे। ऐसे 3 मामले बता रहा हूं जिनमे 2 तो हाल ही में सामने आए है और एक 2018 का ।है -
अभी कुछ दिन पहले आपने देखा होगा जैसलमेर में एक यात्री बस में आड़ लगी थी जिसमें 20 लोग जल कर मर गए थे और 16 से ज्यादा घायल हुए थे। वह नई बस थी जैन ट्रेवल्स की लेकिन आप उसके मालिक का नाम देखकर हैरान हो जाएंगे - मालिक था “तुराब अली उर्फ़ बरकत खान” और ड्राइवर था “शौकत अली”। अब सोचिये जैन ट्रेवल्स के मालिक का नाम किसी मुस्लिम होने का क्या मतलब है? ड्राइवर सही सलामत बच गया और मालिक समेत गिरफ्तार हो गया।
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| लेखक चर्चित YouTuber |
ऐसा धोखा देने वाले भगवा वस्त्र पहन कर साधु वेश में घूमते बहुत मुस्लिम मिल जाएंगे।
तीसरा मामला कुछ पुराना है। आपने एक “आशु महाराज” का नाम सुना होगा वह “self Styled” धर्मगुरु और astrologer था बड़े बड़े प्रवचन दिया करता था और बोलता तो ऐसे था जैसे आवाज़ में मिश्री घुली हुई हो - कई वर्षों तक अपना धंधा चलाता था और किसी को पता नहीं चला वो “आशु महाराज” तो “आसिफ खान” था। सितंबर, 2018 में एक महिला की शिकायत पर गिरफ्तार हुआ जब महिला ने शिकायत की कि वह और उसके दोस्त और उसका बेटा महिला और उसकी बेटी से 2008 से 2013 तक डरा धमका कर बलात्कार करते रहे।
उस समय नवभारत टाइम्स ने खबर दी थी कि आसिफ खान astrologer का धंधा शुरू करने से पहले दिल्ली की JJ Colony में साइकिल रिपेयर और पंचर लगाने का काम करता था।
फिल्मों में एक “शब्द” का बहुत प्रचार किया जाता रहा है -”सच्चा मुसलमान” जो बहुत नेकदिल इंसान होता है। ऐसे होते हैं सच्चे मुसलमान। क्या ऐसे लोग अपने अल्लाह को धोखा नहीं दे रहे लेकिन उनके गुनाहों पर भी हमारी न्यायपालिका पर्दा डालने की कोशिश करती है।
किसी ने प्रश्न किया कि कब तक मुस्लिम हिंदुओं का धर्म भ्रष्ट करते रहेंगे उनके भोजन में थूक और पेशाब मिला कर। उसका एकमात्र जवाब है या तो जब तक उनके कुछ लोगों को ऐसा भोजन जबरन न कराया जाए बता कर कि इसमें थूक और पेशाब मिला है या किसी सुप्रीम कोर्ट के जज को खाना खिलाने की बाद बताया जाए कि उसके खाने में थूक और पेशाब मिला था, तब हो सकता है कुछ बदलाव आए।
कुछ सुन्नी मुसलमानों को कहते सुना है कई videos में कि हम सुन्नी ऐसा काम नहीं करते, ये काम तो शिया करते हैं लेकिन किसी सुन्नी या शिया मुस्लिम लीडर, किसी कथित धर्मगुरु या किसी मौलाना और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेता को ऐसा काम करने की निंदा करते तो नहीं देखा गया जैसे उनका ऐसे कामों के लिए समर्थन मिलता हो।
सावधान तो हिंदू समाज को रहना होगा क्योंकि ये मामले न्यायपालिका में जाएंगे तो वहां तो बर्फ में लग जाएंगे और कोई फैसला भी होगा तो उन्हें बचाने के लिए होगा।

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