अगर मुसलमान बीजेपी को हराने एकजुट होकर वोट कर सकता है तो हिन्दू एकजुट होकर बीजेपी को वोट क्यों नहीं करता? हिन्दुओं से कहीं जातियां मुसलमानों में है और किसी भी विपक्षी नेता ने माँ का दूध नहीं पिया जो मुसलमानों में जातियों के मनमुटाव कर खिलाफ बोलने की हिम्मत कर सके। मुसलमान इतना हरामफरमोश है जो मोदी सरकार से मिलने वाली हर सुविधा में सबसे आगे होता है लेकिन वोट देगा बीजेपी के खिलाफ। इस कड़वे सच को कोई मुसलमान इंकार नहीं कर सकता। हकीकत यह है कि बीजेपी से कहीं अधिक मुसलमानों के असली दुश्मन बीजेपी विरोधी पार्टियां है। जिस दिन पागल मुसलमान इस सच्चाई को समझ जाएगा सारा विपक्ष कटोरा हाथ लेकर सड़क पर नज़र आएंगे।
इसी साल जनवरी में महाकुंभ हुआ था जिसमें लाखों विदेशियों समेत 66 करोड़ लोगों ने त्रिवेणी में स्नान किया था। कोई किसी की जाति नहीं जानता था और न ही पूछ रहा था, कोई मराठी, हिंदी बोलने वाला अलग नहीं था और कोई कन्नड़ या तमिल बोलने बोलने वाले की पहचान अलग थी और वैसा उत्सव अकल्पनीय था जिससे विपक्ष की छाती पर सांप लोट रहे थे।![]() |
| लेखक चर्चित YouTuber |
कांग्रेस रह रह कर सबूत दे रही है कि वह अब “तहरीके कांग्रेस पाकिस्तान” बन चुकी है। सोनिया गांधी ने गाज़ा के लिए टसुए बहाए थे एक लेख में सितंबर में लेकिन गाज़ा के लिए जब समझौता हो गया तो सोनिया एवं कांग्रेस के मुंह पर ताला लग गया जो शांति समझौते के स्वागत में एक शब्द नहीं बोला अलबत्ता मोदी पर जरूर हमला बोला कि वो शर्मन शेख क्यों नहीं गए? कांग्रेस को यह समझौता बर्दाश्त नहीं था क्योंकि चलने वाला नहीं था। 10 अक्टूबर को समझौता अमल में आने के बाद हमास ने 14 अक्टूबर को 7 लोगों की खुली सड़क पर केवल इस आरोप में हत्या कर दी कि वे इज़रायल के जासूस थे और कल हमास ने इज़रायली सेना पर भी हमला किया।
इधर भारत में JNU में 18 October को कांग्रेस और वामपंथी गिरोह ने फिलिस्तीन की आड़ में हमास के समर्थन में प्रदर्शन तोड़फोड़ नारेबाजी की और पुलिस से झड़प की। फिलिस्तीन से तो जबकि भारत का कोई विरोध नहीं है। वह तो मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान दे चुका है लेकिन समर्थन तो इस गिरोह को फिलिस्तीन की आड़ में हमास का करना है जो कांग्रेस और सोनिया गांधी करते आ रही है। दुनिया भर में कई देशों में फिलिस्तीन के नाम पर हमास को समर्थन देने के लिए प्रदर्शन हुए हैं, अमेरिका तक में हिंसा की गई जिसे “लोकतंत्र” का नायक बनने वाले ने कुचल दिया।
अब उधर पाकिस्तान अफगानिस्तान से उलझा है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के भारत में होने के बावजूद पाकिस्तान ने काबुल पर हमला किया तो TTP ने पाकिस्तान की गर्मी निकाल दी। अब पाकिस्तान का रक्षा मंत्री Khawaja Muhammad Asif कह रहा है कि ये भारत Proxy War लड़ रहा है क्योंकि अफगानिस्तान का विदेश मंत्री के साथ दिल्ली में फैसले हो रहे हैं।
बेटा अब पता चला कि प्रॉक्सी युद्ध क्या होता है जो तुम पिछले 40 साल से लड़ रहे हो वह भी “तहरीके कांग्रेस पाकिस्तान” की मदद से।
लेकिन कांग्रेस और विपक्ष की दिक्कत यह है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों लड़ते हुए अल्लाह हु अकबर बोलते हैं। किसका साथ दें? एक का विरोध करें तब भी मुसलमान नाराज़ हो सकते हैं।
और सबसे बड़ी मजे की बात है चुनाव आयोग पर तो विपक्ष बरस रहा है लेकिन वक्फ बिल पर कोई नहीं बोल रहा जबकि चुनाव में तो वह मुख्य मुद्दा होना चाहिए था। कांग्रेस और विपक्ष को छोड़ो, ओवैसी के मुंह पर भी ताला लगा हुआ है वह भी तब, जब सरकार ने 5 दिसम्बर तक सभी वक्फ संपत्तियों को “उम्मीद” पोर्टल पर रजिस्टर करना जरूरी कर दिया।
ऐसे में हिंदू मानस महाकुंभ समझ कर विपक्ष को बिहार ही नहीं हर चुनाव में कांग्रेस और विपक्ष को गंगा जी में बहा दे। बिहार के बाद बंगाल को भी देखना है।

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