इस अनोखे मंदिर में डॉक्टर के रूप में हैं महावीर हनुमान, पवन पुत्र करते हैं रोगों का इलाज: MP के दंदरौआ धाम में मंगलवार-शनिवार को उमड़ती है भक्तों की भारी भीड़

           भिंड जिले में भगवान हनुमान डॉक्टर बनकर करते हैं हर बीमारी का इलाज (साभार: एबीपी न्यूज, न्यूज 18)
मध्यप्रदेश के भिंड जिले में स्थित दंदरौआ धाम एक अद्भुत और चमत्कारी मंदिर है, जहाँ भगवान हनुमान को डॉक्टर के रूप में पूजा जाता है। लोग उन्हें ‘डॉक्टर हनुमान’ के नाम से जानते हैं क्योंकि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं का विश्वास है कि भगवान उनके सभी रोग और कष्ट दूर कर देते हैं।

मंदिर की विशेषता और मान्यताएँ

इस मंदिर की विशेषता यह है कि भक्त यहाँ इलाज के लिए नहीं, बल्कि आस्था के साथ भगवान के चरणों में झुकने आते हैं और मानते हैं कि हनुमान जी स्वयं उनके रोगों का निदान करते हैं। हर मंगलवार और शनिवार को इस मंदिर में भारी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं और अपने कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।

इस मंदिर से जुड़ी कई रोचक और चमत्कारी कथाएँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि बहुत समय पहले इस स्थान पर खुदाई का काम चल रहा था, तभी अचानक आकाशवाणी हुई कि जहाँ खुदाई हो रही है, वहाँ भगवान की मूर्ति है। लोगों ने जब वहाँ खुदाई की तो जमीन के भीतर से हनुमान जी की एक अनोखी मूर्ति निकली, जिसमें वे सखी यानी गोपी वेश में थे।

खुदाई के बाद ग्रामीणों ने मूर्ति स्थापित कर उसकी प्राण- प्रतिष्ठा करवाई। उस दिन भव्य भंडारे के आयोजन के दौरान एक व्यक्ति को असहनीय दर्द होने लगा। तभी फिर से आकाशवाणी हुई और कहा गया कि पीड़ित व्यक्ति अगर हनुमान जी को बंधन बाँधे और भभूति लगाए तो वह ठीक हो जाएगा। 

ऐसा ही किया गया और वह कुछ ही क्षणों में पूरी तरह स्वस्थ हो गया। यह देखकर लोग दंग रह गए और इस स्थान को ‘दर्दहरउआ’ कहने लगे, जिसका अर्थ है दर्द हरने वाला स्थान। समय के साथ यही नाम परिवर्तित होकर ‘दंदरौआ धाम’ बन गया।

कैंसर पीड़ित व्यक्ति के अचानक स्वस्थ होने की कथा भी है प्रचलित

एक अन्य मान्यता के अनुसार, करीब तीन सौ साल पहले यहाँ एक नीम के पेड़ के नीचे से हनुमान जी की यह मूर्ति प्राप्त हुई थी। यह मूर्ति नृत्य करती मुद्रा में है और देखने में अत्यंत आकर्षक है। लोगों का विश्वास है कि यह मूर्ति जीवंत है और कुछ लोग दावा करते हैं कि मूर्ति सचमुच नृत्य करती है, हालाँकि इस रहस्य का आज तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिल पाया है।

वहीं एक कथा के अनुसार, यहाँ शिवकुमार दास नाम के एक साधु रहते थे जो कैंसर से पीड़ित थे। वे हनुमान जी के परम भक्त थे और रोज मंदिर में पूजा करते थे। एक दिन हनुमान जी डॉक्टर के रूप में उनके सामने प्रकट हुए और उन्हें रोगमुक्त कर दिया। उसी घटना के बाद से भक्त उन्हें डॉक्टर हनुमान के नाम से पुकारने लगे।

हर साल बड़े मंगल के अवसर पर यहाँ विशाल मेले का आयोजन होता है। हजारों श्रद्धालु दंदरौआ धाम पहुँचकर भगवान से अपनी मनोकामनाएँ माँगते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस मंदिर की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है क्योंकि यहाँ लोगों को अपने विश्वास की सच्चाई का अनुभव होता है।

दंदरौआ धाम आज श्रद्धा, भक्ति और चमत्कार का ऐसा संगम बन चुका है, जहाँ हर आगंतुक को यह एहसास होता है कि अगर आस्था सच्ची हो, तो भगवान हर दर्द मिटा सकते हैं।

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